Politalks.News/UttarPradesh. उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे पास आते जा रहे हैं वैसे-वैसे सियासी क्षत्रपों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. सियासी जानकारों का मानना है कि कई अन्य मुद्दों के अलावा योगी आदित्यनाथ बीते 5 साल में अपने विधायकों से कोई खास तालमेल स्थापित नहीं कर पाए. ऐसे में अब बीजेपी की तमाम समस्याओं को दूर करने की जिम्मेदारी खुद बीजेपी के चाणक्य अमित शाह ने ले ली है. वहीं यूपी की सियासत की अगर बात करें तो ऐसा माना जाता है जिसने पूर्वांचल में अपना झंडा लहरा दिया, उसने सत्ता की चाबी हासिल कर ली. इसीलिए आज वाराणसी में होने वाली बीजेपी की बड़ी बैठक में अमित शाह का पूरा फोकस पूर्वांचल की तरफ होगा. आपको बता दें कि यूपी चुनाव में बीजेपी जिन दो अहम मुद्दों पर मैदान में उतरने वाली है, वो दोनों ही मुद्दे पूर्वांचल से जुड़े हैं, फिर चाहे वो चाहे राम मंदिर हो या फिर विकास के तौर पर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे सभी इसी क्षेत्र में आते हैं.
यूपी विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. बीजेपी हर हाल में प्रदेश की सत्ता में वापसी को आतुर है. बीजेपी के दिग्गज नेता इसी उधेड़बुन में हैं कि आगामी चुनाव के लिए किस रणनीति के तहत काम किया जाए. किसान आंदोलन के बाद प्रदेश में बदले वर्तमान राजनीतिक हालात और बढ़ता अपराध योगी सरकार के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी दोनों ही यह अच्छी तरह जानते हैं कि बिना अमित शाह के सत्ता में वापसी मुश्किल होगी. इसलिए बीते दिनों अमित शाह की योगी से नाराजगी दूर होने के बाद अब देश के गृहमंत्री एवं भारतीय राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह अपने दो दिवसीय दौरे पर आज वाराणसी पहुचें हैं.
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आपको बता दें, वाराणसी पहुंचे अमित शाह आज प्रदेश के बड़े नेताओं, चुनाव और संगठन के प्रभारियों और पदाधिकारियों के अलावा प्रदेश के सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों के प्रभारियों के साथ एक बड़ी बैठक कर रहे हैं. आगामी विधानसभा चुनाव के नजरिये से ये बैठक बहुत ही अहम मानी जा रही है. बताया जा रहा है कि पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में होने वाली इस बैठक में अमित शाह प्रभारियों एवं पदाधिकारियों को जीत का मंत्र भी देंगे. सियासी गलियारों में यह भी चर्चा है कि इस बैठक में मील अमित शाह के विजयी मंत्र के बाद बीजेपी आगामी विधानसभा चुनाव में वर्तमान विधायकों की परफॉर्मेंस के आधार पर आगे की रणनीति बनाएगी.
वैसे बीजेपी के साथ साथ और भी दल ऐसे हैं जिनकी पूरी सियासत ही पूर्वांचल के जिलों पर टिकी हुई है और ये सभी दल पूर्वांचल पर पूरा जोर लगाए हुए हैं. बीजेपी के लिए पूर्वांचल में जीत सत्ता के द्वार तक पहुंचने में ज्यादा मायने रखती है. इस बात का ध्यान रखते हुए ही बीजेपी आलाकमान ने हाल ही में हुए मोदी कैबिनेट विस्तार में पूर्वी यूपी से पंकज चौधरी, महेंद्रनाथ पाण्डेय, स्मृति ईरानी को मंत्री बनाया है. यही नहीं बीजेपी की सहयोगी अपना दल से अनुप्रिया पटेल भी मोदी सरकार में मंत्री बनाई गई हैं, उनकी पार्टी भी पूर्वांचल में एक अलग ही पहचान रखती है. पिछले विधानसभा चुनाव में भी में बीजेपी ने पूर्वांचल की करीब 156 सीटों में से 106 पर कब्जा किया था. इसी रणनीति के तहत अमित शाह भी बैठक में पूर्वांचल के प्रभारियों पर अपना ज्यादा फोकस करेंगे.
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तो वहीं बीजेपी से पहले समाजवादी पार्टी और बीएसपी का पूर्वांचल में अच्छा खासा प्रभाव रहा. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ये बात अच्छी तरह जानते हैं अगर उन्होंने पूर्वांचल जीत लिया तो उन्हें सत्ता में वापसी करने से कोई नहीं रोक सकता. इसीलिए अखिलेश यादव का भी पूरा फोकस पूर्वांचल पर है. अखिलेश यादव खुद आजमगढ़ से सांसद हैं तो वहीं सपा सबसे ज्यादा अगर किसी दल को हानि पहुंचा रही है तो वह बसपा है. बीएसपी के लालजी वर्मा, राम अचल राजभर, राम प्रसाद चौधरी, रमाकान्त यादव, बालेश्वर यादव, इंद्रजीत सरोज, त्रिभुवन दत्त, अंबिका चौधरी सहित कई अन्य नेताओं को अखिलेश अपने साथ जोड़ चुके हैं. तो वहीं पूर्वांचल से आने वाले छोटे दलों के साथ भी अखिलेश गठबंधन कर रहे हैं. तो वहीं यूपी की सियासत में अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रही कांग्रेस का भी पूर्व फोकस पूर्वांचल पर है.
आपको बता दें, अपने दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे अमित शाह आज वाराणसी में बैठक के बाद कल आजमगढ़ और बस्ती में हूंकार भरेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी पहले ताबड़तोड़ पूर्वांचल के जिलों में ही दौरे और कार्यक्रम किए. वहीं दूसरी तरफ अखिलेश यादव भी कल गोरखपुर से कुशीनगर तक रथयात्रा शुरू करेंगे, इसके बाद अन्य जिलों में दौरा करेंगे. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अमित शाह के दो दिवसीय दौरे पर भी निशाना साधा है. अखिलेश ने ट्वीट कर लिखा- ‘उप्र में अपनी हार सामने देखकर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में खलबली मच गयी है, इसीलिए हर हफ़्ते कोई न कोई दौड़ा चला आ रहा है. उप्र में भाजपा की हार का डर जितना बढ़ेगा, उतने ही उप्र में भाजपा के नेताओं के दौरे भी बढ़ेंगे. उप्र की जनता लखीमपुर की जीप में भाजपा का पराजय जुलूस निकालेगी’.
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अब ये देखना दिलचस्प होगा कि वाराणसी में बीजेपी के चाणक्य के सानिध्य में जो मंथन होगा उससे पूर्वांचल रुपी अमृत निकलता है या फिर कोई और जादू का पिटारा. यूपी विधानसभा चुनाव से पहले अगर देखा जाए तो यह 2022 चुनाव को लेकर भाजपा संगठन की अब तक की सबसे बड़ी बैठक होगी. इस बैठक में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, संगठन महामंत्री सुनील बंसल, डिप्टी सीएम केशव मौर्य और दिनेश शर्मा सहित कई दिग्गज शामिल होगें.