दलित बच्चे की मौत पर शुरू हुई सियासत, CM गहलोत ने किया बड़ा एलान तो पायलट ने दिया बड़ा बयान

सतीश पूनियां ने कहा की गहलोत के राज में एक वंचित वर्ग का छात्र नहीं है सुरक्षित, पूनियां के साथ ही दीया कुमारी और राजेंद्र राठौड़ ने इसे मानवता को शर्मसार करने वाली घटना बताया और प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री को ठहराया जिम्मेदार, पायलट बोले- समाज में व्याप्त इन कुरीतियों को हमें ख़त्म करना ही होगा, वहीं सीएम गहलोत ने 5 लाख की आर्थिक सहायता की घोषणा करते हुए जल्द न्याय दिलाने की कही बात

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Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश के जालौर में मटके से पानी पीने से नाराज स्कूल संचालक द्वारा दलित छात्र की पिटाई से हुई मौत के मामले में प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी गहलोत सरकार पर हमलावर गई है. इस मामले में भाजपा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जुबानी हमला बोला है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा की गहलोत के राज में एक वंचित वर्ग का छात्र सुरक्षित नहीं है. सतीश पूनियां के साथ ही सांसद दीया कुमारी और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इसे मानवता को शर्मसार करने वाली घटना बताया है. इसके साथ ही दोनों ने प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया है. हालांकि देर रात ही घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोपी को सख्त सजा दिलवाने और मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता के तौर पर 5 लाख रुपए देने की घोषणा की है. वहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने घटना की घोर निंदा करते हुए कहा कि समाज में व्याप्त इन कुरीतियों को हमें ख़त्म करना ही होगा.

आपको बता दें कि जालौर जिले के सुराणा गांव के एक निजी स्कूल में 20 जुलाई को एक दलित छात्र ने मटके को छू लिया. परिजनों का आरोप है कि इसके बाद शिक्षक छैल सिंह ने इतनी पिटाई की थी कि बच्चे के कान की नस फट गई और उसकी हालत गंभीर हो गई. इसके बाद बच्चे को अहमदाबाद के अस्पताल में इलाक के लिए भर्ती कराया गया था, जहां शनिवार को उसकी मौत हो गई. जालौर एसपी हर्षवर्धन अग्रवाला ने कहा कि आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया है और SC-ST एक्ट के साथ ही हत्या का मामला दर्ज किया गया है. जानकारी के अनुसार 20 जुलाई को तीसरी कक्षा के छात्र इंद्र मेघवाल ने स्कूल के प्रिंसिपल के पानी के मटके को छू लिया था, उसके बाद ही यह सारा घटनाक्रम हुआ.

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घटना की जानकरी सामने आने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार देर रात ट्वीट कर कहा कि जालौर के जायला थाना क्षेत्र में एक निजी स्कूल में शिक्षक द्वारा मारपीट के कारण छात्र द्वारा मारपीट के कारण छात्र की मृत्यु दुखद है. आरोपी शिक्षक के विरुद्ध एससी-एसटी एक्ट की धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध कर गिरफ्तारी की जा चुकी है. मामले के त्वरित अनुसंधान एवं दोषी को जल्द सजा हेतु प्रकरण केस आॅफिसर स्कीम में लिया गया है. पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द न्याय दिलवाना सुनिश्चित किया जाएगा. मृतक के परिजनों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष से दी जाएगी.

वहीं प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने घटना की घोर निंदा करते हुए कहा कि जालौर के निजी स्कूल में एक छात्र के साथ शिक्षक द्वारा की गई मारपीट से छात्र की मृत्यु होना झकझोर देने वाली घटना है. इस भयानक घटना की जितनी निंदा की जाए वह कम है, समाज में व्याप्त इन कुरीतियों को हमें ख़त्म करना ही होगा. पायलट ने आगे कहा कि मैं आशा करता हूँ कि सरकार और प्रशासन सिर्फ़ औपचारिक खानापूर्ति ना कर, परिजनों को जल्द से जल्द उचित न्याय दिलाएंगे.

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वहीं मामले को लेकर बीजेपी ने गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने देर रात इस मामले में ट्वीट के जरिए बच्चे की मौत को कष्टदायी बताया और अफसोस जताते हुए लिखा कि जालोर के 9 वर्ष के विद्यार्थी इंद्र मेघवाल की ऐसी क्या गलती थी कि उसे पीटकर गहरे जख्म दिए गए, जिससे उसकी मौत हो गई. इसका जिम्मेदार कौन है?

वहीं राजसमंद से बीजेपी सांसद दीया कुमारी ने इस मामले में देर रात ट्वीट कर लिखा कि कांग्रेस राज्य में शिक्षा का मंदिर ही जातिगत भेदभाव और अत्याचार का केंद्र बन गया है. यही कारण है कि राजस्थान के जालौर जिले में शिक्षक ने एक मासूम बच्चे को पानी पीने की सजा मौत के रूप में दी. दीया कुमारी ने कहा प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है लेकिन सरकार इस गंभीर मामले पर आखिर कब संज्ञान लेगी. दीया कुमारी ने मुख्यमंत्री से यह भी पूछा कि आखिर कब तक मानवता को शर्मसार करने वाली इस तरह की घटनाएं घटती रहेंगी.

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प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने भी इस मामले में देर रात एक ट्वीट कर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा. राठौड़ ने लिखा शिक्षक द्वारा मां सरस्वती के पवित्र प्रांगण में छात्र की पिटाई से मौत होने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है. प्रदेश में कभी स्कूल में छात्रा से रेप तो कभी विद्यार्थी के साथ मारपीट होना विद्यार्थियों की सुरक्षा पर सवालिया निशान है. राठौड़ ने संबंधित शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग भी की है.

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