Politalks.News/Delhi. एक तरफ जहां कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से पुरे देश में पार्टी को एकजुट, मजबूत कर उसे पुनः खड़ा करने की कोशिश में जुटे हैं तो वहीं कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी पार्टी को नुकसान पहुंचा रही है. इसी कड़ी में कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शिवराज पाटिल के बयान जिहाद को लेकर दिए गए बयान से सियासत गरमाई हुई है. गुरुवार को शिवराज पाटिल ने एक किताब के विमोचन के दौरान कहा था कि, ‘सिर्फ कुरान में ही नहीं, महाभारत में भी, गीता के हिस्से में श्री कृष्ण भी अर्जुन से जिहाद की बात करते हैं. यह बात सिर्फ कुरान या गीता में नहीं बल्कि ईसाई धर्म में भी है.’ पाटिल द्वारा भगवत गीता को लेकर दिए गए इस बयान के बाद से बीजेपी ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है. बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस पार्टी का ये बयान महज वोटबैंक की राजनीति से प्रेरित है. हालांकि पाटिल की इस बयान पर सफाई भी सामने आई है.
दरअसल गुरूवार को कांग्रेस की दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मोहसिना किदवई की जीवनी पर लिखी गई पुस्तक के विमोचन के मौके पर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री शिवराज पाटिल ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि, ‘ऐसा कहा जाता है कि इस्लाम धर्म में जिहाद की बहुत चर्चा है. यह अवधारणा तब सामने आती है, जब सही इरादे और सही काम करने के बावजूद कोई नहीं समझता या सहयोग नहीं करता है, तब कोई बल प्रयोग कर सकता है. सिर्फ कुरान में ही नहीं, महाभारत में भी, गीता के हिस्से में श्री कृष्ण भी अर्जुन से जिहाद की बात करते हैं. यह बात सिर्फ कुरान या गीता में नहीं बल्कि ईसाई धर्म में भी है. ईसाइयों ने भी लिखा है कि वे सिर्फ शांति स्थापित करने के लिए नहीं आए हैं, बल्कि साथ में तलवारें भी लाए हैं. यानि कि अगर सबकुछ समझने के बावजूद भी कोई हथियार लेकर आ रहा है तो आप भाग नहीं सकते हैं.’
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शिवराज पाटिल ने आगे कहा कि, ‘अगर सब कुछ समझाने के बाद भी लोग समझ नहीं रहे हैं. हथियार लेकर आ रहे हैं तो आप भाग नहीं सकते. आप इसे जिहाद नहीं कह सकते और आप इसे गलत नहीं कह सकते. यही समझना चाहिए. हाथ में हथियार के साथ लेकर लोगों को समझाने की यह अवधारणा नहीं होनी चाहिए. मोहसिना किदवई की किताब भी अपने धर्म का पालन करते हुए सभी धर्मों का सम्मान करने की बात करती है.’ शिवराज पाटिल के इस बयान के बाद बीजेपी ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘इसी कांग्रेस ने हिंदू आतंकवाद की थ्योरी को जन्म दिया था, राम मंदिर का विरोध किया था, उनके अस्तित्व पर सवाल उठाए थे. कांग्रेस का ये हिंदुओं को लेकर नफरत संयोग नहीं है, बल्कि वोटबैंक का एक प्रयोग है. गुजरात चुनाव से पहले जानबूझकर ध्रुवीकरण के लिए ये मुद्दा उठाया गया है.’
शहजाद पूनावाला ने अपने अगले ट्वीट में लिखा कि, ‘आप नेता गोपाल इटालिया और राजेंद्र पाल गौतम ने हिंदू धर्म से नफरत और वोटबैंक की राजनीति में आगे बढ़ने के लिए प्रयोग किया. अब कांग्रेस के शिवराज पाटिल का कहना है कि श्री कृष्ण ने ‘जिहाद’ सिखाया अर्जुन! कांग्रेस ने हिंदू या भगवा आतंक गढ़ा, राम मंदिर का विरोध किया, राम जी के अस्तित्व पर सवाल उठाया, हिंदुत्व = आइएसआइएस (ISIS) कहा.’ वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. रमेश ने अपनी पार्टी के रुख को स्पष्ट करते हुए जवाहर लाल नेहरू की किताब द डिस्कवरी ऑफ इंडिया का भी जिक्र किया. जयराम रमेश ने कहा कि, ‘मेरे वरिष्ठ सहयोगी शिवराज पाटिल ने कथित तौर पर भगवद गीता पर कुछ टिप्पणी की जो अस्वीकार्य है. इसके बाद, उन्होंने साफ किया कि कांग्रेस का रुख स्पष्ट है, भगवद गीता भारतीय सभ्यता का एक प्रमुख आधारभूत स्तंभ है.’
वहीं शिवराज पाटिल के बयान पर गरमाई सियासत के बाद उनकी भी प्रतिक्रिया सामने आई है. शिवराज पाटिल ने कुछ पत्रकारों को भी फटकार लगाई. पाटिल ने जिहादी की परिभाषा बताते हुए कहा कि, ‘जो नहीं करना चाहिए अगर कोई कर रहा है तो वह जिहादी है. लड़ाई नहीं करनी चाहिए, अगर कोई कर रहा है तो जिहादी है. कौरव पांडवों को एक कमरे में जलाने की कोशिश करते हैं, पत्नी का चीरहरण करने की कोशिश करते हैं, पांच गांव भी नहीं देते हैं… दुर्योधन का काम जिहादी का था. गीता में लिखा गया है कि कोई भी अगर झगड़ा कर रहा है तो उसके साथ लड़ाई मत करो, चर्चा करो. इसके बाद भी अगर बात नहीं बनती है तो लड़ाई करो. यह लड़ाई करना तुम्हारा कर्तव्य है. यह कृष्ण ने अर्जुन को बताया था.’ वहीं शिवराज पाटिल ने कहा कि, ‘अगर उनका न बोला हुआ भी मीडिया में लिखा गया तो वह पत्रकारों के खिलाफ केस करेंगे.’