कोविड स्वास्थ्य सहायक सुसाइड मामले में गरमाई सियासत, BJP ने की मांग, पूनियां-राठौड़ ने बोला हमला

दो महीनों से अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे बेरोजगार कोविड स्वास्थ्य सहायकों के मामले पर प्रदेश की सियासत उस समय भड़क गई जब अलवर के लक्ष्मणगढ़ के हरसाना गांव के रहने वाले एक कोविड स्वास्थ्य सहायक खेमचंद मीणा के आत्महत्या करने पर परिजनों ने वेतन नहीं मिलने और आर्थिक तंगी को कारण बताया, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां और उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने गहलोत सरकार पर बोला हमला

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Politalks.News/Rajasthan/CHA. राजधानी जयपुर के शहीद स्मारक पर पिछले लगभग दो महीनों से अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे बेरोजगार कोविड स्वास्थ्य सहायकों के मामले पर प्रदेश की सियासत उस समय भड़क गई जब अलवर के लक्ष्मणगढ़ के हरसाना गांव के रहने वाले एक कोविड स्वास्थ्य सहायक खेमचंद मीणा के आत्महत्या करने पर परिजनों ने वेतन नहीं मिलने और आर्थिक तंगी को कारण बताया. CHA खेमचंद मीणा सुसाइड की खबर मिलते ही बीजेपी को गहलोत सरकार के खिलाफ एक और बड़ा मामला हाथ लग गया. मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां और प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा.

दरअसल, अलवर के लक्ष्मणगढ़ के हरसाना गांव में कोविड स्वास्थ्य सहायक खेमचंद मीणा ने आत्महत्या कर ली. पुलिस व परिजनों ने कहा कि नौकरी जाने के बाद से वो आर्थिक रूप से परेशान चल रहा था. खेमचंद कोविड स्वास्थ्य सहायक आंदोलन में भी शामिल हुआ था. दो महीने पहले उसकी पत्नी ने ऑपरेशन से बेटे को जन्म दिया था. ऐसे में वेतन नहीं मिलने से वो परेशान चल रहा था. घर की आर्थिक हालत खराब हो रही थी. जयपुर में स्वास्थ सहायक लंबे समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं व स्थाई करने की मांग कर रहे हैं. परिजन सरकार से मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं. हालांकि परिजनों की तरफ से अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं दी गई है.

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वहीं इस मामले को लेकर रविवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने बयान जारी कर कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार की जन और युवा विरोधी नीतियों का ही नतीजा है कि अलवर निवासी कोविड-19 सहायक खेमचंद मीणा ने आर्थिक तंगी के कारण सुसाइड कर लिया. पूनियां ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार की जनविरोधी नीतियों और वादाखिलाफी के कारण प्रदेश के किसान और युवा खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष पूनियां ने आगे कहा कि राजधानी जयपुर में यह बेरोजगार पिछले 2 महीने से ज्यादा समय से धरना दे रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हठधर्मिता के कारण इनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रहे. सतीश पूनियां ने आगे मुख्यमंत्री से संवेदनशीलता दिखाते हुए इन युवाओं के साथ न्याय करने की बात कही है.

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वहीं राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने इस मामले में रविवार रात ट्वीट कर प्रदेश सरकार पर हमला बोला. राठौड़ ने कहा कि कोरोना काल में नियुक्त किये गये कोविड स्वास्थ्य सहायकों को हटाये जाने के विरोध में विगत 2 माह से कोविड स्वास्थ्य सहायक राजधानी जयपुर में आंदोलनरत है. आज अलवर में कोविड स्वास्थ्य सहायक खेमचंद मीणा ने नौकरी जाने से परेशान होकर आत्महत्या कर ली जो अत्यन्त दुःखद है. राठौड़ ने कहा कि राजस्थान 28.8% बेरोजगारी दर के साथ देश में दूसरे पायदान पर है. सरकार युवाओं की मांगों को अनसुना कर रही है जिस वजह से बेरोजगार युवा आत्महत्या को मजबूर हो रहे हैं. सरकार को आंदोलनरत कोविड स्वास्थ्य सहायकों की मांगों को गंभीरतापूर्वक विचार-विमर्श कर स्वीकार करना चाहिये. वहीं इस मामले में आम आदमी पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मयंक त्यागी ने भी राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं.

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