Politalks.News/Rajasthan/Kataria. अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व उदयपुर शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया का विवादों से पुराना नाता है. खासतौर से वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप से जुड़ा कोई न कोई विवाद कटारिया के साथ जुड़ा ही रहता है. अब बीते रोज शनिवार को वरिष्ठ भाजपा नेता गुलाबचंद कटारिया ने एक कार्यक्रम में मेवाड़ी पाग (पगड़ी) पहनने से इनकार कर दिया. हालांकि यहां यह बताना उचित होगा कि कटारिया ने कुछ महीनों पहले ही इस बात का एलान कर दिया था कि अब वो किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में पगड़ी और शॉल नहीं पहनेंगे, लेकिन चूंकि मामला मारवाड़ की पगड़ी से जुड़ा था मतलब महाराणा प्रताप की कर्मभूमि की पगड़ी पहनने से इनकार करते ही मामले ने तूल पकड़ लिया आउट सियासत गरमा गई. क्षत्रिय महासभा के महामंत्री तनवीर सिंह कृष्णावत ने इसे पगड़ी का अपमान मानते हुए कटारिया पर न सिर्फ मानसिक विक्षिप्त होने का आरोप लगाया बल्कि इसी तरह उनको अपमानित किए जाने की चेतावनी भी दे डाली.
आपको बता दें, मेवाड़ क्षत्रिय महासभा के केंद्रीय महामंत्री तनवीर सिंह कृष्णावत हाल ही में आम आदमी पार्टी में शामिल हुए हैं. ऐसे में तनवीर के इस विरोध को चुनावी मुद्दे के रूप में भी देखा जा रहा है. तनवीर सिंह कृष्णावत ने कहा कि कटारिया के मन में मेवाड़ के प्रति कोई प्रेम नहीं है. कटारिया पहले भी महाराणा प्रताप का अपमान कर चुके हैं. अब तो उन्होंने मेवाड़ की पाग का भी अपमान कर दिया है. क्या कटारिया को पता नहीं है कि मेवाड़ी पाग के मान सम्मान के लिए हजारों मेवाड़ वासियों ने अपना सिर कटा दिया था.
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कटारिया को भी होना पड़ेगा अपमानित
दरअसल, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे थे. ऐसे में कटारिया का मंच पर सम्मान होना था. सम्मान के लिए शॉल और मेवाड़ी पाग लाई गई, मगर कटारिया ने मेवाड़ी पाग पहनने से इनकार कर दिया. बाद में कटारिया को सिर्फ शॉल ओढ़ाया गया. इस पर कृष्णावत ने कटारिया को खुली चेतावनी देते हुए कहा कि मेवाड़ी पाग का अपमान किसी हाल में नहीं सहेंगे. जिस प्रकार कटारिया ने मेवाड़ी पाग का अपमान किया है, उन्हें भी उसी तरह अपमानित होना पड़ेगा.
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सार्वजनिक कार्यक्रम में शॉल-पगड़ी पहनना छोड़ दिया- कटारिया
वहीं इस मामले को लेकर बीजेपी नेता गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि मैंने लम्बे समय से सार्वजनिक कार्यक्रम में शॉल और पगड़ी लेना बंद कर दिया. अब इन्हें कौन समझाए, इन चीजों पर जबरदस्ती खर्चा होता है, इसलिए ये परम्परा बंद की है. कटारिया ने बताया कि हाल ही में मैं हीरामुनी के यहां दर्शन करने गया था, वहां भी मुझे पगड़ी पहनाने लगे तो मैंने कहा कि मैं इसे छोड़ रहा हूं. अब किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में शॉल या पगड़ी नहीं पहनूंगा. वहीं इस पर हो रहे विरोध को लेकर कटारिया ने आगे कहा कि ये इनका काम विरोध करना है ये करेंगे, हम अपना काम कर रहे हैं.