याकूब की कब्र पर सियासी घमासान, BJP के वार पर ठाकरे का पलटवार- सम्मान के साथ दफनाया ही क्यों?

याकूब मेमन की कब्र पर लगाई गई LED और मार्बल पर गरमाई सियासत, बीजेपी ने शिवसेना को पेंग्विन सेना बोलते हुए मांगा जवाब तो बोले आदित्य ठाकरे- याकूब मेमन को मान सम्मान के साथ क्यों दफ़नाया गया? तब सरकार किसकी थी? लादेन की तरह समुद्र में शव दफ़नाया क्यों नहीं गया?

याकूब की कब्र पर सियासी घमासान
याकूब की कब्र पर सियासी घमासान

Politalks.News/Maharashtra. 12 मार्च 1993 का दिन, जगह मुंबई, एक साथ 12 जगहों पर हुए बम ब्लास्ट ने सभी को झकझोर कर रख दिया. 1993 में हुए इस ब्लास्ट में करीब 257 लोग मारे गए और 700 से अधिक घायल हो गए थे. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर हम इस घटनाक्रम की चर्चा क्यों कर रहे हैं. दरअसल 1993 मुंबई ब्लास्ट के गुनहगार याकुब मेमन की कब्र को लेकर महाराष्ट्र का राजनीतिक पारा गरमा गया है. दरअसल तस्वीरें सामने आई हैं कि याकूब की कब्र पर एलईडी लाइटिंग और मार्बल टाइलें लगाई गई हैं. इसे लेकर बीजेपी आक्रामक हो गई है. बीजेपी नेता राम कदम ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर इसकी कुछ तस्वीरें साझा करते हुए कहा कि, ‘गुनहगार याकूब की कब्र को क्यों सजाया गया है? जो शख्स सैकड़ों लोगों की मौत का जिम्मेदार था, उसकी कब्र को इतना सम्मान क्यों दिया जा रहा है?’ इसे लेकर बीजेपी जहां शिवसेना पर हमलावर है तो वहीं पलटवार करते हुए शिवसेना के युवा नेता आदित्य ठाकरे ने बीजेपी पर सवाल उठाते हुए कहा कि, ‘याकूब मेमन को मान सम्मान के साथ दफनाया ही क्यों गया था?

दरअसल, 1993 बम ब्लास्ट के दोषी रहे याकूब मेमन को आज से 7 साल पहले मुंबई के बड़ा कब्रिस्तान में दफना दिया गया था. मुंबई बम ब्लास्ट का दोषी याकूब चार्टर्ड अकाउंटेंट था और वह धमाकों की साजिश में शामिल था. CBI चार्जशीट के मुताबिक याकूब दाउद इब्राहिम और टाइगर मेमन के आतंकी संगठन के फाइनेंस का काम देखता था. CBI ने 1994 में याकूब को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था. जिसके बाद 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने उसे दोषी ठहराया और फांसी की सजा सुनाई, जिसके बाद 2015 में नागपुर जेल में याकूब को फांसी दी गई. लेकिन अब उसकी कब्र का जिन्न एक बार फिर जाग उठा है. बताया जा रहा है कि पांच महीने पहले याकूब की कब्र पर मार्बल लगाने और लाइटिंग का काम हुआ था. हालांकि सूबे के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस पुरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.

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वहीं भाजपा नेता राम कदम ने जब मेमन की कब्र पर मार्बल और LED लगे होने पर सवाल उठाए तो मुंबई पुलिस की टीम कब्रिस्तान पहुंची और फौरन लाइटिंग को हटा दिया गया. राम कदम ने ट्वीटर पर कुछ फोटो साझा करते हुए कहा कि, ‘जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे. उस क़ाल में मुंबई में पाकिस्तान के इशारे पर 1993 में बूम कांड करने वाला ख़ूँख़ार आतंकवादी याकूब मेमन की कब्र अब मजार में तब्दील हो गयी. क्या यही है उद्धव ठाकरे का मुंबई से प्यार? क्या यही है उनकी देशभक्ति? उद्धव ठाकरे समेत शरद पवार तथा राहुल गांधी भी मुंबई की जनता से माफ़ी मांगे. इस कुकर्म को अनदेखा करने के लिए, अब पेंग्विन सेना इसका जवाब दे.’

यही नहीं राम कदम ने अपने अगले ट्वीट में लोगों से शिवसेना का एक अलग नाम सुझाने की भी अपील की. राम कदम ने अपने ट्वीट में लिखा- पेंग्विन सेना, याकूब बचाव सेना, हफ़्ता वसूली सेना, मुंबई लुटारू सेना या फिर पनौती सेना, इनमे से कोनसा नाम ज्यादा अच्छा है.’ वहीं बीजेपी के बयानों पर पलटवार करते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि, ‘याकूब मेमन को मान सम्मान के साथ क्यों दफ़नाया गया? तब सरकार किसकी थी? लादेन की तरह समुद्र में शव दफ़नाया क्यों नहीं गया? बीजेपी ने आरोप लगाया है कि 1993 मुंबई धमाके के दोषी मेमन की कब्र पर रोशनी की गई है. मेमन को 2015 फाँसी दी गई थी और तब फडणवीस CM थे.’

वहीं कांग्रेस नेता अतुल लोंढे ने कहा कि, ‘फांसी देने के बाद आतंकियों के शव को उसके परिवार को नहीं दिया जाता है. 2015 में भाजपा सरकार ने याकूब के शव को उसके परिवार को सौंप दिया. भाजपा इस पर अब पॉलिटिक्स कर रही है.’ इस मामले को लेकर बीएमसी की पूर्व मेयर किशोरी पेडणेकर ने कहा कि, ‘कब्र की सजावट के लिए ना बीएमसी ने एक पैसा दिया और ना ही बीएमसी की ओर से या राज्य सरकार की ओर से इसके लिए कोई मदद की गई.’

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यहां आपको बता दें कि 1993 मुंबई ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन की कब्र को मजार बनाने की कोशिश की गई है. इसके लिए कब्र के आसपास लाइट्स और मार्बल लगाया गया. यह कब्रिस्तान मरीन लाइंस स्टेशन के पास है जिसे बड़ा कब्रिस्तान के नाम से जाना जाता है. कब्र की तस्वीरों को देखकर यह कहा जा सकता है कि चारों तरफ मार्बल कोटिंग की गई थी. कब्र के पास बड़ी-बड़ी लाइट लगाई गईं. हालांकि यह तस्वीरें पुरानी हैं लेकिन सवाल यह भी है कि इसे लगाने की इजाजत किसने दी? इस मुद्दे पर कब्रिस्तान के केयरटेकर का कहना है कि ‘मेमन परिवार ने यह जगह ली है. याकूब के बाद उसके रिश्तेदारों को भी यहीं दफनाया गया है.’

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