किसान सम्मेलन व गहलोत के बजट से पहले पायलट का यात्रा के बहाने राहुल से मुलाकात के सियासी मायने

सचिन पायलट आज शाम फतेहपुर साहिब पंजाब पहुंचकर बुधवार सुबह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में होंगे शामिल, 18 जनवरी को राजेन्द्र सिंह गुढा द्वारा आयोजित होने वाले किसान महासम्मेलन को देखा जा रहा है सचिन पायलट के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर, वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जुटे हुए हैं 23 जनवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र की तैयारियों में

सचिन पायलट-राहुल गांधी की सियासी मुलाकात
सचिन पायलट-राहुल गांधी की सियासी मुलाकात

Sachin Pilot in Bharat Jodo Yatra with Rahul Gandhi. कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा आज हरियाणा से निकल कर पंजाब में प्रवेश कर चुकी है. वहीं यात्रा में शामिल होने के लिए राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट आज यानी मंगलवार शाम फतेहपुर साहिब पंजाब जाएंगे और बुधवार सुबह राहुल की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होंगे. पायलट के राहुल गांधी की यात्रा में शामिल होने के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. दरअसल, झुंझुनूं जिले के उदयपुरवाटी में 18 जनवरी को पायलट समर्थंक मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढा द्वारा आयोजित होने वाले किसान महासम्मेलन को सचिन पायलट के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है. वहीं 23 जनवरी से राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है, ऐसे में किसान सम्मेलन और बजट सत्र से पहले पायलट का यात्रा के बहाने राहुल गांधी से मुलाकात करना सियासी पंडितों के गले नहीं उतर रहा है. बताया यह भी जा रहा है कि सचिन पायलट अब प्रदेशभर में रैलियों के बहाने अपनी सियासी ताकत को मजबूत करने में जुटने वाले हैं.

आपको बता दें कि राजस्थान से निकल कर हरियाणा में एंट्री के बाद सचिन पायलट भारत जोड़ो यात्रा में शामिल नहीं हुए थे, ऐसे में राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के बाद पहली बार पायलट यात्रा में शामिल होने के लिए पंजाब जा रहे हैं. राजस्थान में एंट्री करने से लेकर प्रदेश में 21 दिन तक चली भारत जोड़ो यात्रा के यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने राहुल गांधी के साथ कमदताल मिलाए थे. यात्रा के राजस्थान में एंट्री से पहले राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश में सीएम गहलोत और सचिन पायलट को पार्टी के लिए धरोहर बताया था. राहुल गांधी के बयान के बाद पायलट और गहलोत कैंप के बीच सुलह की खबरें भी आईं थीं. उस दौरान यात्रा के बाद राजस्थान की सत्ता में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर सियासी अटकलों का बाजार जबरदस्त गर्म था. लेकिन यात्रा के राजस्थान से निकलने के बाद सीएम गहलोत द्वारा बजट सत्र का एलान करते हुए खुद के द्वारा ऐतिहासिक बजट पेश करने की घोषणा के बाद तमाम सियासी अटकलों पर स्वतः ही विराम लग गया.

यह भी पढ़ें: राहुल गांधी ने खोला टीशर्ट का राज, बताया कब पहनेंगे स्वेटर, BJP-RSS को बताया 21वीं सदी का कौरव

लेकिन अब एक बार फिर सचिन पायलट के आज शाम पंजाब पहुंचकर यात्रा में शामिल होने के बहाने राहुल गांधी से मुलाकात करने की खबर में सियासी माहौल को थोड़ा सा गरमा दिया है. वहीं अब ये कयास भी लगाए जा रहे हैं कि पायलट के बाद एक बार सीएम अशोक गहलोत भी भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हो सकते हैं. हालांकि, राजस्थान में 23 जनवरी से शुरू होने जा रहे विधानसभा के बजट सत्र की तैयारियों में जुटे मुख्यमंत्री गहलोत को यात्रा में शामिल होने का समय मिल पाना मुश्किल नजर आ रहा है. बता दें, राजस्थान में केसी वेणुगोपाल के सुलह के फाॅर्मूले के बाद गहलोत-पायलट कैंप में बयानबाजी पर कहने को लगाम लग गई थी सीएम गहलोत सचिन पायलट का नाम लिए बिना इशारो में जरूर निशाना साध रहे हैं तो वहीं पायलट कैंप फिलहाल पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं. वहीं अब 18 जनवरी को मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के विधानसभा क्षेत्र उदयपुरवाटी में आयोजित होने वाले किसान महासम्मेलन के जरिए सचिन पायलट हाईकमान को बड़ा सियासी संदेश देने जा रहे हैं.

यह भी पढ़ें: कांग्रेस MLA का बेटा गैंगरेप केस में हुआ गिरफ्तार, सत्ता के मद में चूर विधायकों के पाप आने लगे सामने- बोली BJP

आपको बता दें कि झुंझुनूं जिले के उदयपुरवाटी में 18 जनवरी को होने वाले किसान महासम्मेलन पायलट के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है. बजट सत्र से पहले पायलट के किसान महा सम्मलेन के अलग-अलग सियाी मायने निकाले जा रहे हैं. सम्मेलन का आयोजन पायलट समर्थक और गहलोत मंत्रिमंडल में सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र गुढ़ा करवा रहे हैं. मंत्री गुढ़ा ने ट्टीट कर खुद इसकी जानकारी देते हुए बताया कि 18 जनवरी को लिबर्टी फार्म हाउस गुडा में किसान सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. इसके लिए गांव-गांव में पीले चावल वितरित किए जा रहे हैं. किसान सम्मेलन में बड़ी संख्या में किसान शामिल होंगे. किसान सम्मेलन में पायलट समर्थक माने जाने वाले विधायक वेदप्रकाश सोलंकी, इंद्राज गुर्जर, जीआर खटाना, दीपेंद्र सिंह शेखावत, हरीश मीना, मुकेश भाकर और रामनिवास गांवड़िया का शामिल होना भी तय माना जा रहा है. पायलट जब भी किसी बड़े कार्यक्रम को संबोधित करते हैं, समर्थक विधायक भी जाते रहे हैं. बताया जा रहा है पायलट द्वारा यह किसान सम्मेलन प्रदेशभर में शुरू होने वाली पायलट की सियासी रैलियों की शुरुआत है. सियासी पंडितों के मानना है कि विधानसभा चुनाव से पहले किसान सम्मेलनों की इस सीरीज को सचिन पायलट के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देख रहे हैं. हालांकि इससे पहले सचिन पायलट ने बीते साल भरतपुर में किसान सम्मेलन को संबोधित किया था.

Leave a Reply