Politalks.News/Maharashtra. पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव (5 state assembly elections) के बीच महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल (Earthquake in Maharashtra politics) आया हुआ है. एक के बाद एक सेंट्रल एजेंसियों की अघाड़ी सरकार के मंत्री और विधायक पर कार्रवाई हुई है. इसके पलटवार में राज्य की एजेंसियों ने भी कमर कस ली है. ED द्वारा मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) की गिरफ्तारी और आयकर विभाग की शिवसेना के दिग्गज विधायक के यहां कार्रवाई के पलटवार में बीएमसी के अधिकारियों का केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) की जांच करने पहुंचना सवाल खड़े कर रहा है. लेकिन इस कार्रवाई में अब तक कुछ हुआ नहीं है. ऐसे में महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है कि शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार के बड़बोले नेता रोज जुबानी तीर तो चला रहे हैं हवा में लाठियां भी भांज रहे हैं लेकिन कार्रवाई कब शुरू होगी?
महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में चर्चा है कि शिव सेना के नेतृत्व वाली सरकार के बड़बोले नेता रोज जुबानी तीर चला रहे हैं. रोज हवा में लाठी भांजी जा रही है. शिव सेना कि ओर से कहा गया था कि ‘भाजपा के ‘डर्टी डजन’ के नाम और कारनामे बताए जाएंगे’ यानी भाजपा के एक दर्जन नेताओं की पोल खोली जाएगी. शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा था कि, ‘जेल में चार बड़े भाजपा नेताओं के लिए सेल तैयार की जा रही है’. सियासी चर्चा है कि, ‘पिछले कई महीनों से इस तरह की बातें सुनने को मिल रही हैं और इस बीच भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने शिव सेना, एनसीपी और कांग्रेस नेताओं पर कार्रवाई शुरू कर दी है’.
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महाविकास अघाड़ी सरकार ने भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के जुहू स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण की जांच के लिए बीएमसी की टीम भेजी और उसके पलटवार में दो दिन के अंदर राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री नवाब मलिक जेल चले गए. इससे पहले बीएमसी की टीम ने फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के घर पर कथित अवैध निर्माण तोड़ा था और उसके थोड़े दिन के बाद से ही राज्य के गृह मंत्री रहे अनिल देशमुख जेल में बंद हैं. संजय राउत के रिश्तेदारों और करीबियों पर छापे पड़े हैं और प्रवीण राउत सहित कई लोग जेल में बंद हैं.
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पिछले हफ्ते आयकर विभाग ने शिवसेना के पार्षद यशवंत जाधव के यहां छापेमारी की. उनकी पत्नी यामिनी यशवंत शिवसेना की विधायक हैं. उससे पहले आयकर और ईडी की टीम ने शरद पवार के परिवार के सदस्यों पर छापे मारे थे. यानी केंद्र सरकार की एजेंसियों की कार्रवाई तेज होती जा रही है और दूसरी ओर उसी अनुपात में शिव सेना नेताओं की बयानबाजी भी तेज होती जा रही है. अब देखना है कि शिव सेना के नेतृत्व वाली सरकार कब पलटवार करती है?.