Politalks.News/BJP/MODI. हालही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में से चार में भाजपा (BJP) को बड़ी मिली जीत के बाद एक ओर जहां पार्टी के शीर्ष नेता इन राज्यों में सरकार बनाने की प्रक्रिया में लगे हैं. उत्तराखंड के बाद अब बाकी राज्यों में शपथ की तैयारियां हो रही हैं. योगी आदित्यनाथ आज शाम 4 बजे लखनऊ में आयोजित एक भव्य समारोह शोथ5ग्रहण करने वाले हैं. वहीं दूसरी ओर सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया है कि इसके बाद क्या होगा? कुछ जानकारों का कहना है कि भाजपा संसद के बजट सत्र (Budget session of parliament) के बाद ताबड़तोड़ बड़े फैसले ले सकती है. केंद्र में और कई राज्यों में भाजपा के नेता भी आशंकित हैं कि बड़ा बदलाव हो सकता है. भाजपा से जुड़े उच्चस्थ सूत्रों की मानें तो सत्ता और संगठन में बहुत बड़े बदलाव की संभावना जताई जा रही है.
कुछ जानकारों का कहना है कि ये बदलाव गुजरात जैसा भी हो सकता है जिसमें भाजपा ने एक झटके में पूरी सरकार ही बदल दी थी. इसके भी कई सियासी मायने हैं, क्योंकि नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) आने वाले आम चुनाव में एंटी इन्कमबेंसी से जुड़ा कोई भी कारण लेकर नहीं उतरेंगे. इसके साथ ही कांग्रेस (Congress) भी आशंकित है कि अब भाजपा का उनके ऊपर निशाना और भी करारा होगा.
भाजपा और केन्द्र सरकार से जुड़े जानकार सूत्रों की मानें तो आने वाले समय मे केंद्र सरकार में बड़ा फेरबदल हो सकता है, हालांकि इसकी टाइमिंग को लेकर अभी कुछ नहीं कहा जा रहा है. लेकिन चार राज्यों में भाजपा की जोरदार जीत के बाद संघ और भाजपा की गतिविधियों को देखते हुए तो ऐसा ही लग रहा है. हाल ही में गुजरात में हुई तीन दिवसीय महबैठक में संघ के दिग्गजों ने इसका रोडमैप भी तैयार कर लिया है. सूत्रों का कहना है कि मोदी सरकार के अनेक मंत्रियों की विदाई हो सकती है. कुछ लोगों को छोड़ कर बाकी सारे लोग हटाए जा सकते हैं और उनकी जगह राज्यों से बिल्कुल नए चेहरे लाए जाएंगे. हो सकता है कि इसमें कुछ समय लगे लेकिन यह तय बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूदा टीम लेकर अगले चुनाव में नहीं उतरेंगे.
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सियासी जानकारों का मानना है कि अगले आम चुनाव में केंद्र सरकार के खिलाफ 10 साल की एंटी इन्कंबैंसी हो जाएगी. कई राज्यों में भी भाजपा की सरकारों का दूसरा कार्यकाल चल रहा होगा. इसलिए लोग उबे होंगे और उनमें बदलाव की सोच होगी. यह भारत की जनता की स्वाभाविक सोच होती है. अगर किसी सरकार के खिलाफ बहुत नाराजगी नहीं भी होती तब भी बदलाव की भावना रहती है, जैसा 2018 के चुनाव में मध्य प्रदेश में देखने को मिला था. इसलिए केंद्र के खिलाफ एंटी इन्कम्बैंसी को कम करने के लिए इस तरह के बड़े बदलाव होंगे.
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बताया जा रहा है कि उससे पहले भाजपा संगठन में भी बड़ा बदलाव हो सकता है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का तीन साल का कार्यकाल वैसे तो अगले साल जनवरी में पूरा होगा, लेकिन इस साल के अंत में उनके गृह राज्य हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. माना जा रहा है कि नड्डा को चुनाव से पहले या बाद में हिमाचल भेजा जा सकता है. कुछ लोग तो उन्हें हिमाचल की कमान तक सौंपने की बात कह रहे हैं. अब नड्डा की जगह जिन नामों की चर्चा हो रही है इनमें केन्द्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का नाम सबसे आगे है. भूपेन्द्र यादव अभी कई राज्यों के प्रभारी भी हैं. इसी तरह धर्मेंद्र प्रधान ने उत्तर प्रदेश में जैसी भूमिका निभाई है उसके बाद उनको तरक्की मिलने की भी बात सामने आ रही है. पुख्ता सूत्रों के अनुसार आने वाले आम चुनाव को देखते हुए ये बदलाव लगभग तय माने जा रहे हैं.