बहन जी ने छोड़ा मैदान! सियासी चर्चा- 4 बार की सीएम मायावती का इस बार सिर्फ 85 सीटों पर फोकस

यूपी विधानसभा चुनाव का घमासान, बसपा का चुनावी अभियान को लेकर बड़ा ऐलान, मायावती और मिश्रा नहीं लड़ेंगे चुनाव, दोनों ने पार्टी को जिताने का उठाया जिम्मा, पार्टी के चुनावी अभियान को लेकर पहले ही जारी हैं सियासी चर्चाएं, केवल 85 सीटों के आसपास ही पार्टी का फोकस, 20 जीत जाएं तो गनीमत!

बहन जी ने छोड़ा मैदान!
बहन जी ने छोड़ा मैदान!

Politalks.News/UttarpradeshChunav. उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly eleciton) के ऐलान के बाद बहुजन समाजवादी पार्टी (Bahujan Samaj Party) ने भी बड़ी घोषणा कर दी है. पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा (Satish Mishra) ने ऐलान किया कि है है कि पार्टी की सुप्रीमो मायावती आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी’. मिश्रा ने बताया कि, ‘यह बहन जी का व्यक्तिगत निर्णय है कि वे आगामी चुनाव नहीं लड़ेंगी और फिलहाल पार्टी का भी यही निर्णय है’. मिश्रा ने यह भी संकेत दिए कि, ‘अगर आगे कुछ फैसले में परिवर्तन होता है तो वह बहन जी खुद तय करेंगी’. बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने यह भी कहा कि, ‘बहन जी के साथ में मैं भी इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ूंगा’. सियासी गलियारों में चर्चा है कि, ‘पहले ही यूपी में पार्टी खत्म सी हो चुकी है अब ऐसे में ना तो बहन जी प्रचार में उतरीं हैं और अब चुनाव लड़ने से पीछे हटने मात्र से कार्यकर्ताओं का बचाखुचा मनोबल भी टूट सकता है’.

यूपी में सियासी चर्चाओं का दौर
सियासी गलियारों में चर्चा है कि, उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री रह चुकीं मायावती अब तक चुनाव प्रचार के लिए बाहर नहीं निकली हैं. अब केवल एक महीने बाद 10 फरवरी से मतदान शुरू होना है और 7 चरणों के लंबे चुनाव के लिए अब तक किसी प्रचार की कमान मायावती ने खुद नहीं संभाली है. वहीं सतीश चंद्र मिश्रा काफी दिनों से अकेले ही प्रचार की कमान संभाले हुए हैं. अवध से लेकर पूर्वांचल और पश्चिम यूपी तक उन्होंने दौरे किए हैं. खासतौर पर ब्राह्मण समुदाय को लुभाने के लिए उन्होंने कई आयोजन किए हैं. लेकिन मायावती की चुनाव को लेकर न तो कोई जनसभा हुई है और न ही कोई रोड शो आदि निकाला है. इस बीच यह कहना चुनाव भी नहीं लड़ेंगी चर्चा का विषय बना हुआ है.

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403 सीटों पर अपने दम पर लड़ेंगे चुनाव- मिश्रा
बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि, ‘उत्तर प्रदेश के साथ ही उत्तराखंड समेत पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं. इस बार बहन जी चुनाव लड़ाने का काम कर रही हैं और इसमें काफी व्यस्त हैं. बहन जी ने हमें जो दिशा निर्देश दिया है हम उसी के आधार पर इन राज्यों में चुनाव लड़ने की तैयारियां कर रहे हैं’. मिश्रा ने साफ तौर पर कहा कि, ‘उत्तर प्रदेश की सभी 403 सीटों पर बसपा अकेले अपने दम पर बिना किसी गठबंधन के प्रत्याशी उतारेगी. उत्तराखंड में भी बसपा अकेले चुनाव लड़ेगी जबकि पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन में बसपा मैदान में उतरेगी’.

बसपा की बनने वाली है सरकार- मिश्रा

बसपा के महासचिव ने उक्त जानकारी देने के बाद कहा कि, ‘उत्तर प्रदेश में एक बार फिर बसपा की सरकार बनने वाली है. इसमें कोई शक नहीं है कि मायावती पांचवी बार राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाली है’. आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव के पहले से मायावती इस बार इतनी सक्रिय नजर नहीं आ रही हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस पर मायावती पर तंज भी कसा था. लेकिन मायावती ने अमित शाह के इस तंज का करारा जवाब दिया था. उनके चुनाव ना लड़ने से राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर से गहमा गहमी बढ़ गई हैं.

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सपा के पास तो 400 उम्मीदवार ही नहीं हैं- मिश्रा

अखिलेश यादव द्वारा बार बार समाजवादी पार्टी के 400 सीटें जीतने के दावे पर सतीश चंद्र मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा कि, ‘समाजवादी पार्टी के पास तो 400 उम्मीदवार ही नहीं हैं तो फिर इतनी सीटें वे कैसे जीतेंगे. एसपी या फिर बीजेपी सत्ता में नहीं आएंगे. इस बार बहुजन समाज पार्टी सरकार बनाने जा रही है’.

केवल 85 सीटों पर है बसपा का फोकस
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उत्तरप्रदेश के चुनावी मैदान में बहुजन समाज पार्टी अकेले ही मैदान में उतरी है. गाजियाबाद से लेकर गाजीपुर तक की सभी 403 सीटों पर पार्टी ने अपने कैंडिडेट उतारने का फैसला लिया है. अनुसूचित जाति वर्ग में बड़ी पैठ रखने वाली बहुजन समाज पार्टी को लेकर सबसे बड़ी चर्चा यह है कि इस बार पार्टी का फोकस राज्य की 85 आरक्षित सीटों पर ही है. 2017 में बीएसपी महज 19 सीटों पर ही सिमट गई थी. इस बार भी ओपिनियन पोल्स में उसके आसपास ही बीएसपी की सीटें रहने का अनुमान लगाया गया है. यानी, बसपा 20 सीटें भी जीत पाए तो गनीमत है. वहीं आज के एलान के बाद सियासी जानकारों का कहना है कि अब मायावती के चुनाव न लड़ने के फैसले से भी पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल प्रभावित होगा.

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