गजेंद्र सिंह और पायलट के बीच सियासी वार-पलटवार, एक बार फिर 2020 के सियासी संकट की दिलाई याद

गहलोत सरकार पर आए सियासी संकट की याद दिलाते हुए गजेंद्र सिंह ने कहा- उस समय सचिन पायलट चूक गए, अगर उस वक़्त उन्होंने सही कदम उठाया होता तो राजस्थान में आज 13 जिले प्यासे नहीं होते, सचिन पायलट ने किया पलटवार- अब देश की जनता समझ चुकी है आपकी रीती और नीति दोनों को, अब नहीं फंसेगी झूठे वादों में

‘2020 में आए सियासी संकट में पायलट ने कर दी चूक वर्ना...’
‘2020 में आए सियासी संकट में पायलट ने कर दी चूक वर्ना...’

Politalks.News/Rajasthan/Politics. महाराष्ट्र में आए सियासी संकट के बीच एक बार फिर राजस्थान में गहलोत सरकार पर आए सियासी संकट की भी यादें ताजा होने लगी हैं. साल 2020 में राजस्थान में आए सियासी संकट को याद करते हुए राजस्थान के दो दिग्गज नेताओं के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चूका है. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर चुटकी लेते हुए कहा कि, ‘उस समय सचिन पायलट चूक गए, अगर उस वक़्त उन्होंने सही कदम उठाया होता तो राजस्थान में आज 13 जिले प्यासे नहीं होते और ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट पर काम चालू हो चुका हाेता.’ वहीं गजेंद्र सिंह शेखावत के बयान पर सचिन पायलट ने भी पलटवार किया है. पायलट ने कहा कि, ‘अब देश की जनता आपकी रीती और नीति दोनों को समझ चुकी है. अब वह आपको चुनने की चूक नहीं करेगी और झूठे वादों में नहीं फंसेगी.’

आपको बता दें, सोमवार को जयपुर के चौमूं से बीजेपी विधायक राम लाल शर्मा के जन्मदिन पर आयोजित में BJP ने जन आक्रोश रैली में भाजपा के कई दिग्गज नेता एवं केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे. बीजेपी की इस जन आक्रोश रैली को अगले साल के अंत में होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की तैयारियों की शुरुआत भी कहा जा सकता है. भाजपा की इस जन आक्रोश रैली में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, सांसद सुमेधानंद सरस्वती, सांसद घनश्याम तिवारी, सांसद राज्यवर्धन राठौर सहित स्थानीय विधायक रामलाल शर्मा सहित कई दिग्गज नेता मौजूद रहे. बीजेपी की इस जन आक्रोश रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने साल 2020 में राजस्थान की गहलोत सरकार पर आए संकट का जिक्र करते हुए प्रदेश की सियासत को एक बार फिर गरमा दिया है.

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केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि, ‘उस समय सचिन पायलट से चूक हो गई और राजस्थान के विधायक मध्यप्रदेश जैसा फैसला नहीं ले पाए. अगर आज मध्यप्रदेश के विधायकों की तरह राजस्थान के विधायकों ने फैसला लिया होता तो आज 13 जिले प्यासे नहीं होते और ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट पर काम चालू हो चुका हाेता.’ अपने संबोधन के दौरान केंद्रीय मंत्री ने सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘सीएम गहलोत ERCP पर केवल राजनीतिक फायदे के लिए कुंडली मारकर बैठे हैं. सरकार अगर प्रोजेक्ट में संशोधन करके आज भेज दे, तो 2 महीने में इस योजना को लागू करवा दूंगा. अगर ये सरकार दो महीने में नहीं भेजे तो आप 2023 में इनको भेज देना. उसके बाद में अपनी सरकार आएगी, वो इसको लागू करवा देगी. इन 13 जिलों के लोगों को मैं कहना चाहता हूं कि ये सरकार केवल राजनीति करना चाहती है.’

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के इस बयान पर पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी पलटवार किया है. पायलट ने एक दैनिक मीडिया से बात करते हुए कहा कि, ‘गजेंद्र सिंह क्या कहना चाहते हैं ये मैं नहीं जानता लेकिन देश और प्रदेश की जनता समझ गई है कि अब वह आपको चुनने की चूक नहीं करेगी और झूठे वादों में नहीं फंसेगी. ERCP परियोजना को लेकर बीजेपी ने राजस्थान के साथ वादाखिलाफी की है और अब वे अपनी विफलता का ठीकरा जनता पर फोड़ रहे हैं.’ पायलट ने कहा कि, ‘राजस्थान के मंत्री होने के बावजूद गजेंद्र सिंह शेखावत अपने गृह राज्य की मांग पूरी नहीं कर पा रहे हैं, जबकि प्रधानमंत्री ने मंच से घोषणा की थी कि ERCP प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा.

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सचिन पायलट ने आगे कहा कि, ‘केंद्र के मंत्री तोते की तरह सिर्फ झूठा प्रचार करने पर तुले हैं. पहले कृषि बिल की पूरी सरकार ने तोते की तरह प्रशंसा की और बाद में माफी मांग कर बिल वापस ले लिया, लेकिन हमने इतने किसानों को खोया, इसे देश माफ नहीं करेगा. अब अग्निपथ योजना में केंद्र सरकार ने जिस तरह से नौजवानों के साथ छल किया है, उससे पूरे देश का मनोबल कम हुआ है. भारत माता की सेवा करने वाले नौजवान पूरे देश में आक्रोशित हैं तो केंद्र के सभी मंत्री और नेता फिर तोते की तरह योजना का झूठा प्रचार करने में लगे हैं. अब केंद्र सरकार को इन सब पर सोचना चाहिए क्योंकि जनता को तो समझ आ गया है कि उनसे क्या गलती हुई है. राजस्थान के हित में जल संसाधन मत्री और पूरी बीजेपी राजनीति करने की बजाय निराकरण करवाए. हम सब मिलकर यह योजना पूरी कर सकते हैं.’

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