Ranjita Koli Clashed with Police in Bharatpur: राजस्थान की राजधानी जयपुर में करीब 10 दिनों तक बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा के नेतृत्व में चले 3 वीरांगनाओं के धरना-प्रदर्शन के मामले में अब बड़ा सियासी तूफान खड़ा हो गया है. शुक्रवार को एक तरफ जहां दिनभर भाजपा से राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के साथ धक्का-मुक्की, कपड़े फाड़ने और हॉस्पिटल में भर्ती किए जाने की सुर्खियां आती रहीं तो शाम होते होते इसी मामले में भरतपुर में हंगामा खड़ा हो गया. भरतपुर में जब हॉस्पिटल में एडमिट एक वीरांगना से मिलने भाजपा सांसद रंजीता कोली अस्पताल पहुंची तो वे भी पुलिस से उलझ गईं. आरोप है कि पुलिसवालों ने उनके साथ भी धक्का-मुक्की की, जिससे वह गिर गईं और बेहोश हो गईं. वहीं, वीरांगना को देर रात हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई.
आपको बता दें, जयपुर में पहले शहीद स्मारक और फिर बाद में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बंगले के बाहर धरने पर बैठीं तीन वीरांगनाओं को गहलोत की पुलिस द्वारा जबरन घर पहुंचाने और एक वीरांगना को हॉस्पिटल में एडमिट कराने के मामले में प्रदेश की सियासत गरमा गई है. प्रदर्शन करने वाली 3 वीरांगनाओं में से एक भरतपुर जिले के नगर थाना इलाके के गांव सुंदरावली के शहीद जीतराम की पत्नी सुंदरी देवी, उसके देवर विक्रम और बेटी सुमन को जयपुर पुलिस ने शुक्रवार अलसुबह 5 बजे जबरन नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करा दिया था. इसके बाद वीरांगना और उसके परिवार को 17 घंटे तक हॉस्पिटल में ही रखा गया.
बीते रोज शुक्रवार को जयपुर में जहां भाजपा सांसद किरोड़ीलाल मीणा एक वीरांगना से मिलने को लेकर पुलिस से उलझ गए, तो वहीं शाम को भरतपुर में सांसद रंजीता कोली और उनके समर्थकों की पुलिस से झड़प हो गई. दरअसल, भरतपुर के नगर थाना इलाके में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती वीरांगना सुंदरी से मिलने शुक्रवार शाम छह बजे सांसद रंजीता कोली पहुंची थीं. इस दौरान हॉस्पिटल में जमकर हंगामा हुआ. सांसद ने रात 9.30 नगर हॉस्पिटल पहुंचे एसपी श्याम सिंह से कहा कि पुलिस जवानों ने उनके साथ बदतमीजी की और हाथ पकड़कर खींचा, इससे उनके हाथ और कमर में चोट आ गई. यही नहीं धक्का-मुक्की में उनकी सोने की चेन भी गिर गई है.
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वहीं मीडिया से बातचीत में भाजपा सांसद रंजीता कोली ने कहा कि मैं सुंदरावली गांव की वीरांगना सुंदरी देवी से मिलने आई थी. उन्हें पुलिस ने जबरन हॉस्पिटल में एडमिट कर रखा है. वीरांगना ने खुद मुझे बोला कि उसकी तबीयत खराब नहीं है. वीरांगना ने कहा कि मैं अपने बच्चों से मिलना चाहती हूं. मैं सुंदरी देवी को लेकर उनकी बेटी सुमन से मिलाने जा रही थी. इस दौरान मुझ पर पुलिसवालों ने हमला कर दिया और मेरा हाथ पकड़ा. सांसद कोली ने कहा कि वीरांगना को हॉस्पिटल में पुलिस ने बंधक बनाकर रखा है, यह सरासर गलत है. मेरा हाथ पकड़ा, बदतमीजी की, एक जनप्रतिनिधि और वो भी महिला को ऐसे नहीं पकड़ सकते.
इस पूरे घटनाक्रम के बाद सांसद रंजीता कोली, पूर्व विधायक और महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष वहीं हॉस्पिटल में धरने पर बैठ गईं. रात 9.30 बजे एसपी श्याम सिंह हॉस्पिटल पहुंचे. सांसद रंजीता कोली ने कहा कि वीरांगना को पकड़कर खींचा गया. ये कहां का कानून है? बंधक बनाकर पुलिस कौन सा इलाज कर रही है, जबकि वीरांगना अपने बच्चों के पास जाने के लिए रो रही थी. सांसद ने कहा कि मैंने वीरांगना की रिपोर्ट देखी, रिपोर्ट में कुछ नहीं है. सरकार के दबाव में प्रशासन ने वीरांगना को बंधक बनाकर रखा. राजस्थान में महिलाओं के साथ तो अपराध होता ही है, अब वीरांगनाओं के साथ भी अत्याचार होने लगा है. जिनके पति देश के लिए शहीद हो गए, उनकी पत्नियों के साथ राजस्थान सरकार और पुलिस अत्याचार कर रही है. उन्हें सम्मानपूर्वक घर छोड़ना चाहिए था. सांसद कोली ने कहा कि धक्का-मुक्की में उनके हाथ की हड्डी टूट गई.
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यहां आपको बता दें कि, सारे घटनाक्रम के दौरान हॉस्पिटल में करीब साढ़े 3 घंटे तक हंगामा हुआ. शोर-शराबे के कारण मरीजों को भी खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा. धक्का-मुक्की में गैलरी में रखे ऑक्सीजन सिलेंडर भी बिखर गए. अस्पताल में मरीजों से ज्यादा पुलिसकर्मी और राजनीतिक कार्यकर्ता नजर आ रहे थे और जोर-जोर से नारे लगाए गए और पुलिस ने भी महिलाओं के साध खूब धक्का-मुक्की की. इसके बाद रात 10 बजे वीरांगना सुंदरी देवी, देवर विक्रम और बेटी सुमन को हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई, पुलिस ने उन्हें सुंदरावली गांव पहुंचा दिया है.