Pratap Singh Khachariawas on Gehlot Government: हाल ही में राजस्थान के ऐतिहासिक बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में महंगाई का बोझ कम करने के लिए मुफ्त राशन किट योजना की घोषणा की थी, जिस पर सरकार तेजी से काम कर रही है और एक अप्रैल से राशन लेने वाले हर परिवार तक मुफ्त राशन किट पहुंचाने की तैयारी है. खाद्य सुरक्षा योजना का गेहूं प्राप्त करने वाले करीब एक करोड़ परिवारों को हर महीने यह राशन किट फ्री दिया जाएगा. लेकिन सीएम गहलोत की इस सबसे बड़ी फ्री राशन किट बांटने की योजना को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. दरअसल, खाद्य विभाग से इस योजना का काम छीनकर सरकार ने राजस्थान राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (कॉनफैड) को दे दिया है. इस पर अब प्रदेश के खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने गहरी नाराजगी जताई है.
मीडिया में दिए बयान में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि मेरे विभाग का काम किसी दूसरे को दिया जाता है, फिर इस विभाग की जरूरत कहां है? फिर तो बंद कर दीजिए. देखते हैं क्या सिचुएशन बनती है? मैं मुख्यमंत्री से बात करूंगा. खाचरियावास ने आगे कहा कि कॉनफैड खुद क्या काम कर रहा है, पहले वह देख लें. ऐसी क्या और किसे तकलीफ हो गई? पहले यह तो पता चले कि समस्या क्या है? योजना का काम पहले तो फूड डिपार्टमेंट में आता है और फिर कॉनफैड को चला जाता है. कॉनफैड के पास जो काम पहले से है, वही ठीक तरीके से कर ले तो बहुत है. कॉनफैड की तो पहले से बहुत शिकायतें हैं. वह अपना काम ही ठीक से नहीं कर पा रहा, उसे राशन किट बांटने का काम कैसे दिया जा सकता है?
मंत्री प्रताप सिंह ने आगे कहा कि, अभी तो बजट ही पास नहीं हुआ है. विधानसभा चल रही है. बिना विधानसभा को विश्वास में लिए कोई कुछ कर रहा है तो सच्चाई सामने आ जाएगी. योजना का काम मेरे विभाग से ले लिया है, कारण तो पूछना ही होगा, आखिर कारण क्या है? कई ऐसे अफसर हैं जिन्होंने मुझसे बिना पूछे यह किया तो परिणाम भुगतेंगे, इस तरह नहीं चलता है. खाचरियावास ने कहा- मेरा मानना है कि फूड डिपार्टमेंट अच्छी तरह से राशन किट योजना का काम कर सकता है. राशन का गेहूं बांटने का फूल प्रूफ सिस्टम ही हमारे पास है. हम पोस मशीनों से गेहूं बांट रहे हैं. कॉनफैड तो बिना टेंडर नोमिनेशन से काम कर रहा है. जबकि हम आरटीपीपी एक्ट के तहत टेंडर से काम करते हैं.
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आपको बता दें कि गहलोत सरकार ने प्रदेश में एक करोड़ परिवारों को हर महीने मुफ्त राशन किट बांटने की योजना का 3000 करोड़ का बजट रखा है. राशन किट में कुकिंग तेल, मिर्च पाउडर, धनिया, हल्दी, जीरा, नमक सहित रसोई में काम आने वाले सभी आइटम होंगे. किट का वजन तय किया जा रहा है. एक किट पर करीब 400 रुपए की लागत आएगी. खाद्य विभाग की जगह अब राशन किट तैयार करने से लेकर खरीदने तक का पूरा काम सहकारी संस्था कॉनफैड को दिया है. यही कारण है कि खाद्य विभाग से काम छीनकर कॉनफैड को देने पर मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने गहरी नाराजगी जताते हुए सवाल उठाए हैं.