Politalks.News/Delhi. गुरूवार 27 अक्टूबर को अपना 75वां ‘इन्फैंट्री डे’ यानी पैदल सेना दिवस मना रही है. इसी दिन 1947 में सेना की सिख रेजीमेंट ने वायुसेना के विशेष डकोटा विमान से श्रीनगर में लैंड कर जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तानी सेना और कबायलियों के चंगुल से बचाया था. इसीलिए हर साल 27 अक्टूबर को भारतीय सेना ‘इन्फैंट्री डे’ के रूप में मनाती है. पैदल सेना दिवस के मौके पर जहां भारतीय सेना में जोश है तो वहीं इस मौके पर सियासत भी अपने चरम पर है. बीजेपी ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा की गई ‘गलतियों’ को वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनुच्छेद 370 को समाप्त कर सुधारा है. इन गलतियों के लिए कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए.’ वहीं कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि, ‘व्हाट्सअप नर्सरी’ वाले भाजपा के नेताओं को फिर से इतिहास का अध्ययन करना चाहिए.’
भारत की आजादी के बाद 26 अक्टूबर, 1947 को जम्मू-कश्मीर का देश के साथ आधिकारिक तौर पर विलय हुआ था. आजादी के बाद पाकिस्तान ने कश्मीर को हड़पने की योजना बनाई थी. 22 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तान ने 5 हजार कबायलियों को कश्मीर में घुसपैठ करके कब्जा करने के लिए भेजा था, तब कश्मीर के तत्कालीन शासक महाराजा हरि सिंह ने भारत सरकार से मदद मांगी. इसके बाद महाराजा हरि सिंह ने जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय के समझौते पर हस्ताक्षर किए. तब सेना की सिख रेजिमेंट की पहली बटालियन से एक पैदल सेना का दस्ता विमान से दिल्ली से श्रीनगर भेजा गया. 27 अक्टूबर, 1947 को भारतीय पैदल सैनिकों ने कश्मीर को कबायलियों के चंगुल से छु़ड़ा दिया. यही कारण है कि पैदल सैनिकों की याद में ‘इन्फैंट्री दिवस’ दिवस मनाया जाता है. लेकिन इसे लेकर सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है.
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भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने गुरुवार को एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘जम्मू एवं कश्मीर के भारत में विलय को लेकर देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा की गई ‘‘गलतियों” को वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनुच्छेद 370 को समाप्त कर सुधारा है. इन गलतियों के लिए कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए. नेहरू ने उस क्षेत्र के राजा हरि सिंह के कश्मीर के भारत में विलय के प्रस्ताव पर कार्रवाई में देरी, सहित पांच गलतियां की थीं. इन गलतियों का खामियाजा जम्मू एवं कश्मीर के साथ देश को भी उठाना पड़ा और इनके चलते क्षेत्र का एक हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में चला गया.’ इस दौरान बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने जवाहर लाल नेहरू के बयानों का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा.
बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने दावा करते हुए कहा कि, ‘राजा हरि सिंह ने जुलाई 1947 में पहली बार विलय का विचार सामने रखा था लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री ने इसमें हिचकिचाहट दिखाई और देश की जगह कथित तौर पर अपने ‘‘मित्र” को प्राथमिकता दी. इसके बाद जवाहर लाल नेहरू ने एक आंतरिक मसले को संयुक्त राष्ट्र पहुंचा दिया और इस वजह से इस मुद्दे में पाकिस्तान शामिल हो गया.’ गौरव भाटिया ने आगे कहा कि, ‘तत्कालीन गृह मंत्री वल्लभभाई पटेल, नेहरू के फैसलों के खिलाफ थे. अन्य रियासतों की तरह कश्मीर का भी भारत में विलय हो गया होता तो संभवत: देश में ‘जिहादी आतंकवाद’ नहीं होता. लेकिन हमारे प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन गलतियों को सुधारा है और उनके मजबूत नेतृत्व में भारत दुनिया को रास्ता दिखा रहा है. कांग्रेस को अपनी गलतियों के लिए माफी मांगनी चाहिए.’
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वहीं बीजेपी द्वारा लगाए गए आरोपों एवं कश्मीर में लगातार हो रही टारगेट किलिंग को लेकर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने निशाना साधा. एक वीडियो जारी करते हुए खेड़ा ने कहा, ‘केंद्र को ‘श्वेत पत्र’ लाकर यह बताना चाहिए कि उसने कश्मीरी पंडितों की पीड़ा दूर करने के लिए क्या कदम उठाए हैं? इस साल जनवरी से लेकर अक्टूबर तक कश्मीरी पंडितों की ‘टार्गेट किलिंग’ की 30 घटनाएं हो चुकी हैं. ‘व्हाट्सअप नर्सरी’ वाले भाजपा के नेताओं को फिर से इतिहास का अध्ययन करना चाहिए.’ वहीं बीजेपी नेताओं से सवाल पूछते हुए पवन खेड़ा ने कहा कि, ‘अगर भाजपा नेताओं को लगता है कि उनकी बातें सही हैं तो इन दो सवालों का जवाब दें. पहला सवाल तो ये कि मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते जम्मू-कश्मीर में 75 प्रतिशत मतदान कैसे होता था और कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाकर की जाने वाली हत्याएं कैसे बंद होंगी?’
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि, ‘भाजपा नेताओं को समकालीन इतिहास के बारे में कुछ नहीं पता, तथा ऐसे में वे सिर्फ पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह को जिम्मेदार ठहराते रहते हैं. भाजपा को 1989-1990 की स्थिति और मौजूदा स्थिति के लिए माफी मांगनी चाहिए.’