PM Narendra Modi in Rajasthan. चुनावी साल में प्रवेश कर चुकी राजस्थान की राजनीति में सत्ता पर काबिज करने में महत्ती भूमिका निभाने वाले गुर्जर समाज को साधने खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 28 जनवरी को भीलवाड़ा के आसींद में भगवान देवनारायण की जन्म स्थली मालासेरी डूंगरी आ रहे हैं. पिछले तीन महीनों में दूसरी बार राजस्थान आ रहे पीएम मोदी यहां भगवान देवनारायण के 1111वें जन्मोत्सव कार्यक्रम में शामिल होंगे. बता दें, इससे पहले 2 नवंबर को आदिवासी वोट बैंक को साधने बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम पधारे थे पीएम मोदी. पीएम के दौरे को लेकर गुर्जर समाज, बीजेपी संगठन और स्थानीय प्रशासन की ओर से तैयारियां जोरों पर है. प्रधानमंत्री की सभा के लिए मुख्य पंडाल 40 हजार वर्ग फीट में बनाया जा रहा है जिसमें करीब एक लाख लोगों के बैठने की व्यवस्था की जा रही है. वहीं इससे पहले बांसवाड़ा पधारे पीएम मोदी द्वारा मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की उम्मीदों पर पानी फिरने के बाद यहां गुर्जर समाज को पीएम मोदी से देवनारायण कॉरिडोर की घोषणा की पूरी आस है. बता दें, मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित नहीं किए जाने से आदिवासी समाज मे जबरदस्त नाराजगी व्याप्त है.
आपको बता दें कि मालासेरी डूंगरी स्थित भगवान देवनारायण का मंदिर गुर्जर समाज का प्रमुख तीर्थ स्थल है जिसको लेकर गुर्जर समुदाय की गहरी आस्था है. वहीं पीएम नरेन्द्र मोदी के भीलवाड़ा दौरे को लेकर गुर्जर समाज और बीजेपी में जबर्दस्त उत्साह है. पीएम मोदी की सभा में लोगों को आमंत्रित करने के लिए 1111 किलो पीले चावल राजस्थान भर में वितरित किए जा रहे हैं. भगवान श्री देवनारायण के जन्मोत्सव पर 28 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भीलवाड़ा दौरा प्रस्तावित है. प्रधानमंत्री मालासेरी मंदिर में दर्शन के बाद धर्म सभा को संबोधित करेंगे. इस धर्म सभा में लोगों को बुलाने के लिए मंदिर परिसर से पीले चावल और भगवान के जन्म स्थली की मिट्टी बांटने की शुरुआत की गई है.
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मालासेरी स्थित भगवान देवनारायण मंदिर के मुख्य पुजारी हेमराज पोसवाल का कहना है कि हर शुभ काम की शुरुआत में पीले चावल बांटे जाते हैं. लोगों को जन्मोत्सव में न्यौता देने के लिए 1111 किलो पीले चावल प्रदेश भर में वितरित किए जा रहे हैं. भारत अपनी खास संस्कृति को लेकर पूरे विश्व में विख्यात है. राजस्थान में कई पौराणिक परंपराएं हैं. उन परंपराओं का आज भी बदस्तूर निर्वहन किया जाता है. चाहे किसी का जन्मोत्सव हो या शादी का न्योता पहले पीले चावल बांटे जाते हैं. बता दें कि पीएम मोदी के दौरे को लेकर केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्रालय के अधिकारियों की टीम कई बार मालासेरी का दौरा कर चुकी है. वहीं बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी हाल में तैयारियों का जायजा लिया था. पीएम मोदी के दौरे की पूरी जिम्मेदारी केन्द्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय को दी गई है जहां केन्द्रीय संस्कृति मंत्री अर्जुनराम मेघवाल पूरी व्यवस्थाएं देख रहे हैं.
मंदिर प्रशासन ने बताया कि पीएम मोदी के दौरे को लेकर मंदिर में प्रसाद के रूप में भक्तों को 4 किलो आटे की बनी 2 फीट की रोटी का प्रसाद बांटा जाएगा. वहीं मान्यता है कि भगवान देवनारायण कमल के पुष्प पर अवतरित हुए थे ऐसे में उनकी जयंती पर 1111 कमल के पुष्प से मंदिर की सजावट की जाएगी. वहीं मंदिर समिति की ओर से पीएम को भगवान देवनारायण की फड़ भेंट की जाएगी. बता दें, पीएम मोदी के दौरे से पहले 1100 महिलाओं की कलश यात्रा बीते रविवार को निकाली गई और 1100 किलो पीले चावल और यहां की पावन मिट्टी भेजकर देशभर से गुर्जर समुदाय के लोगों को न्योता दिया जा रहा है. माना जा रहा है कि इस धार्मिक कम सियासी यात्रा के बहाने बीजेपी गुर्जरों को साधना चाहती है. मालासेरी मंदिर के मुख्य पुजारी हेमराज पोसवाल का कहना है कि कलश यात्रा में जिलेभर की महिलाओं को न्यौता दिया जा रहा है जहां हर एक गांव में टीम ने जाकर महिलाओं को पीले चावल बांटे.
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50 बीघा मैदान में बन रहे 5 हेलीपेड
वहीं पीएम मोदी के दौरे को लेकर मुख्य मंदिर से 500 मीटर दूरी पर 3 हेलीपैड और 2 अस्थाई हेलीपेड बनाए जा रहे हैं. पीएम मोदी की सभा के लिए मालासेरी डूंगरी से करीब 300 मीटर दूर एक नया हेलिपैड भी बनाया गया है जहां हेलिकॉप्टर से पीएम मोदी लैंड करेंगे और इसके बाद वह कार द्वारा एक नए रास्ते से मालासेरी डूंगरी पहुंचेंग. वहीं आखिर में 20 सीढ़ियों के एक नए रास्ते से चढ़ कर पीएम मंदिर परिसर में पहुंचेंगे. वहीं मोदी की सभा स्थल पर अन्य पंडाल भी लगाए जाएंगे जहां तीन से पांच लाख लोगों के बैठने की व्यवस्था रहेगी. बताया जा रहा है कि सभा के लिए स्टेज आठ फीट ऊंचा होगा और जिसकी चौड़ाई 28 फीट और लंबाई 56 फीट होगी.
भगवान देवनारायण कॉरिडोर की हो सकती है घोषणा
माना जा रहा है कि आसींद आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आसींद में एक धार्मिक टूरिस्ट सर्किट की घोषणा कर सकते हैं जो यह उज्जैन, अयोध्या की तर्ज पर बनाया जाएगा. बता दें कि इस कॉरिडोर से मालासेरी मंदिर, सवाईभोज मंदिर, बंक्या राणी और बेमाता मंदिर को जोड़ा जाएगा और इसमें मुख्य केंद्र मालासेरी को रखा जाएगा. गुर्जर समाज पीएम मोदी द्वारा की जाने वाली इस घोषणा को लेकर जबरदस्त उत्साहित है. वहीं मंदिर के पास एक म्यूजियम भी बनाया जाएगा.
बता दें कि पीएम मोदी के दौरे के लिए राजस्थान की करीब 12 लोकसभा सीटों और 40 विधानसभा सीटों से जुड़े बीजेपी कार्यकर्ताओं को लगाया गया है जो गुर्जर समाज से जुड़े संगठनों, संस्थाओं और प्रभावशाली लोगों को बुलावा दे रहे हैं. फिलहाल राजस्थान में बीजेपी के 25 सांसद हैं जो इस कार्यक्रम के लिए 28 जनवरी को आसींद पहुंचेंगे. गौरतलब है कि धार्मिक मान्यताओं में 28 जनवरी को भगवान देवनारायण का 1111वां प्रकटोत्सव है जहां वह मालासेरी डूंगरी पर कमल के फूल से प्रकट हुए थे और बीजेपी का चुनाव चिन्ह भी कमल का फूल है ऐसे में बीजेपी इस कार्यक्रम के जरिए धार्मिक और राजनीतिक दोनों हित साधना चाहती है.