Politalks.News/Rajasthan/PresidentElection/YashwantSinha. देश के सभी राज्यों में प्रचार पर निकले राष्ट्रपति पद के विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा सोमवार को राजस्थान के दौरे पर रहे. इस दौरान सिन्हा का जयपुर पहुंचने पर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में कांग्रेसी नेताओं ने स्वागत किया. इसके बाद सोमवार शाम को यशवंत सिन्हा ने राजधानी के होटल क्लार्क्स आमेर में कांग्रेस और समर्थित दलों के विधायकों से मुलाकात की. इस दौरान डोटासरा ने सिन्हा को विश्वास दिलाया कि 125 से ज्यादा विधायकों का समर्थन उन्हें राजस्थान से मिलेगा. हालांकि, बताया जा रहा है कि कल की इस मुलाकात में लगभग 85 के करीब ही विधायक शामिल हुए थे. वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यशवंत सिन्हा की तारीफ करते हुए एक बार फिर राजस्थान में आए 2020 के सियासी संकट की बात दोहराई.
अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अभी देश के कई राज्यों में सरकारें गिराई जा रही हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री और अमित शाह बताएं कि 70 साल में यह थोक के भाव में विधायक खरीदने का नया फार्मूला कहां से लेकर आए हैं. सीएम गहलोत ने कहा कि पहले इक्का-दुक्का विधायक चले जाया करते थे, अब तो थोक भाव में 50 विधायक एक साथ चले जाते हैं. गोवा, मणिपुर ,कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र में यह लोग कामयाब हुए लेकिन राजस्थान में सरकार जनता के आशीर्वाद से बच गई. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान में भी इन लोगों ने सरकार गिराने में कमी नहीं रखी, लेकिन मुझे गर्व है कि हमारे साथियों ने और समर्थक दलों ने हमारा साथ दिया और सरकार को गिरने से बचा लिया.
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इसके साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राष्ट्रपति के उम्मीदवार पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा की तारीफ करते हुए कहा इस बार राष्ट्रपति के उम्मीदवार के तौर पर विपक्ष ने अनुभवी और राजनेता को अवसर दिया गया है. सीएम गहलोत ने बताया कि मैं यशवंत सिन्हा को 22 साल से जानता हूं, जब यह केंद्र में वित्त मंत्री थे और मैं राजस्थान में मुख्यमंत्री था. भाजपा के होने के बावजूद भी इन्होंने जो सहयोग और समर्थन हमें दिया, वह हम नहीं भूल सकते. मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे कहा कि राजस्थान में चार बार अकाल पड़ा तो भी यशवंत सिन्हा के सहयोग और समर्थन से राजस्थान में ओवरलिफ्ट करने की नौबत नहीं आई. सीएम गहलोत ने कहा कि वैसे तो आज तक राष्ट्रपति के 15 चुनाव में से केवल एक चुनाव निर्विरोध हुआ है, लेकिन अगर केंद्र की मोदी सरकार चाहती तो राष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद पर निर्विरोध निर्वाचन हो सकता था. लेकिन अब यह लड़ाई विचारधारा की है.
इस पर पूर्व भाजपा नेता और राष्ट्रपति के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने राजस्थान में फिर से गहलोत सरकार गिराने के षडयंत्र की आशंका जताते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सावधान रहने की नसीहत दी. यशवंत सिन्हा ने कहा कि ऐसा माहौल मैंने कभी नहीं देखा. केवल वे ही राज करना चाहते हैं, दूसरे को राज नहीं करने देंगे. राजस्थान में जो खेल हुआ, अशेक गहलोत को बधाई कि उन्होंने मुकाबला किया और उन लोगों को हराया. लेकिन अभी भी लगातार सावधानी की आवश्यकता है, वे कभी भी आक्रमण कर सकते हैं.
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वहीं हाल ही में उदयपुर में हुए कन्हैया लाल जघन्य हत्याकांड के आरोपियों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि साफ पता चलता है कि उदयपुर मामले में आरोपियों और भाजपा के संबंध थे. सीएम गहलोत ने कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि जब इन अपराधियों को लेकर इनके मुस्लिम मकान मालिक ने पुलिस में शिकायत दी थी, उस समय भी भाजपा के नेताओं ने ही पुलिस में इन अपराधियों की पैरवी की थी. जो साफ बताता है कि इन अपराधियों से भाजपा के पुराने संबंध रहे हैं.
आपको बता दें कि पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा की तरफ से 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में यशवंत सिन्हा को 126 से ज्यादा वोट मिलने का दावा किया गया है. लेकिन बीते रोज सोमवार को जब यशवंत सिन्हा से मुलाकात करने के लिए विधायकों को जयपुर होटल में बुलाया गया तो होटल पहुंचने वाले विधायकों की संख्या 85 के आसपास थी. ऐसे में डोटासरा द्वारा सिन्हा को दिए गए आश्वासन पर सवालिया निशान जरूर खड़ा होता है.