Politalks.News/UttarPradesh. उत्तरप्रदेश की 18वीं विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में बीजेपी के दिग्गज एवं वरिष्ठ नेता सतीश महाना को निर्विरोध चुन लिया गया है. खुद सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विपक्ष के नेता अखिलेश यादव सहित सदन के कई दिग्गज नेता महाना को सदन के आसन तक लेकर गए और अध्यक्ष की कुर्सी पर आसीन किया. आपको बता दें, 1991 से अब तक रहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सभी सरकारों में सतीश महाना राज्यमंत्री या कैबिनेट मंत्री रहे हैं. सतीश महाना के आसन ग्रहण करने के बाद सदन के नेता और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाना की जमकर तारीफ की तो नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने भी महाना की तारीफ करते हुए कहा कि, ‘कोई एक ही क्षेत्र से बार-बार यूं ही नहीं जीत सकता, आप वाकई जनता की आखों का तारा बन गए हैं.’ सदन में पहली बार बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी दलों की टांग खिचाई भी की.
सदन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, ‘अध्यक्ष महोदय आपका चयन अत्यंत सुखद अनुभव कराता है. वो भी तब जब उत्तर प्रदेश विधानसभा में कुछ समय पहले ही दोनों ओर से मिसाइलें चल रहीं थीं. उस वक्त दोनों तरफ के लोग एक दूसरे की मिसाइल से बचने के लिए अपने स्तर से प्रयास कर रहे थे. लेकिन ये भारत और खासतौर पर उत्तर प्रदेश में ही संभव है जब तमाम राजनीतिक मतभेद खत्म करके आज सभी ने सर्वसम्मति से आपका चुनाव किया. लोकतंत्र की पुष्टि करने के लिए हम मिलकर इस अभियान को बढ़ाएंगे.’ सीएम योगी ने आगे कहा कि, ‘लोकतंत्र के दो पहिए हैं. सत्ता पक्ष और विपक्ष. दोनों मिलकर उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता के सर्वांगिण विकास के लिए काम कर सकते हैं. लोगों के बीच इसका संदेश दे सकते हैं.’
यह भी पढ़े: महाविकास अघाड़ी को पति, पत्नी और वो की सरकार बताने वाले पाटिल पर पवार का जोरदार पलटवार
अपने सम्बोधन में सीएम योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि, ‘लोकतंत्र के दो पहिए हैं, सत्ता पक्ष और विपक्ष. दोनों मिलकर उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता के सर्वांगिण विकास के लिए काम कर सकते हैं.’ समाजवादी पार्टी पर इशारों इशारों में तंज कसते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, ‘चुनाव तक हर तरफ के लोगों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप, आक्षेप लगाया. लेकिन एक बात साफ है कि जनता कभी भी नकारात्मकता को नहीं स्वीकारती है. जनता केवल सकारात्मकता को ही महत्व देती है. हमेशा प्रगतिशील सोच को स्थान देती है, जो सकारात्मक होगा वो अंगीकार किया जाएगा.’
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाद सदन में विपक्ष के नेता एवं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि, ‘विधानसभा अध्यक्ष का आसन एक बड़ी जिम्मेदारी है. हमें उम्मीद है कि जब विपक्ष के लोग सवाल उठाएंगे तो आप उन्हें पूरा मौका देंगे. आप राइट से चुनकर आए हैं मगर अब आपको लेफ्ट की तरफ देखना होगा. आप रेफरी हैं तो उम्मीद है कि आप कभी खेल का हिस्सा नहीं बनेंगे. आप जितना विपक्ष को मौका देंगे लोकतंत्र उतना मजबूत होगा. जब हम सत्ता में थे तो आप खूब सवाल पूछते थे. कई बार हमारे मंत्री जवाब नहीं दे पाते थे तो मुझे खड़ा होना पड़ता था. इसलिए वो अनुभव आपके पास है. अब हम विपक्ष में हैं और आपके संरक्षण की जरूरत पड़ेगी.’
यह भी पढ़े: जौहरी लाल के बाद मलिंगा ने बढ़ाई गहलोत सरकार की मुश्किलें, बेहरमी से मारपीट कर AEN के तोड़े पैर!
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि, ‘मैं पहले भी इस सदन में रह चुका हूं. सिर्फ बेंच बदल गई है. पहले सत्ता पक्ष में थे अब विपक्ष में रहना है. लोकतंत्र की परंपरा अंग्रेजों के समय से चली आ रही है. जिसे अध्यक्ष बनाया जाता था, वो छिप जाता था, वो नहीं बनना चाहता था. फिर सदन के नेता और विपक्ष के नेता उन्हें ढूंढकर आसन तक पहुंचाते थे. आज भी ये परंपरा लोकतंत्र को मजबूत बनाती है.’ इस दौरान अखिलेश ने चुटकी लेते हुए कहा कि, ‘मुझे खुशी है कि आप हमारे अध्यक्ष बने हैं. आपने सैकड़ों विदेश यात्राएं की हैं. जब कभी विदेश यात्रा होगी तो हम लोगों को आप भूलिएगा नहीं. केवल राइट वालों को ही बैठाकर न लेते जाइएगा. हालांकि राइट में कई ऐसे सदस्य हैं जो विदेश नहीं जाना चाहते. ये बात मैं इसलिए कह रहा हूं कि विदेश जाने का कुछ लाभ भी है. यहां अखिलेश ने तंज कसते हुए कहा कि अगर मैं विदेश नहीं गया होता तो देश का सबसे अच्छा एक्सप्रेस वे नहीं बना पाता और आपके जिले में मेट्रो नहीं बनवा पाता.