Politalks.News/Rajasthan. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच सियासी अदावत की खबरें तो थोड़े-थोड़े दिनों में किसी न किसी रूप में सामने आती ही रहती हैं. लेकिन जब खबर बीजेपी के केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल द्वारा सीएम गहलोत के अपमान की आई तो चुप नहीं बैठे सचिन पायलट और मोदी सरकार में मंत्री बघेल सहित भाजपा पर न सिर्फ करारा पलटवार किया अपितु बीजेपी नेताओं को राजनीतिक शुचिता की नसीहत देते हुए केंद्रीय मंत्री बघेल और उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ से माफी मांगने की मांग भी कर दी. हालांकि सचिन पायलट ने आपने पूरे बयान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम कहीं नहीं लिया. ऐसे में कुछ सियासी जानकारों का तो यह कहना है कि पायलट हमेशा आदर्श राजनीति की बात करते रहे हैं.
दरअसल, प्रदेश में होने वाले वल्लभनगर विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रचार में भाजपा की ओर से उतरे केन्द्रीय मंत्री एसपी बघेल ने बीते रोज बुधवार को मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ जमकर बदजुबानी की. केंद्रीय न्याय-विधि राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने बुधवार को वल्लभनगर के खरसान की एक जनसभा में अपने संबोधन के दौरान सीएम गहलोत के खिलाफ बदजुबानी की सारी हदें पार करते हुए कहा कि, ‘एक हजार झूठे जिस दिन मरे होंगे उस दिन अशोक गहलोत पैदा हुए होंगे’. बघेल यहीं नहीं रूके, आगे किसानों का सम्पूर्ण कर्जा माफी का चुनावी वादा पूरा करने की बात पर बघेल ने भाषा की मर्यादा की सारी सीमाएं लांघते हुए यहां तक कह डाला कि, ‘जिसकी बात में फर्क होता है, उसके बाप में फर्क होता है’.
अब मोदी सरकार में मंत्री एसपी सिंह बघेल के बयान को सचिन पायलट ने अमर्यादित बताया है और बघेल को राजनीतिक शुचिता का पाठ पढ़ाते हुए माफी मांगने की बात कही है. पायलट ने कहा कि, ‘भाजपा उपचुनाव में हार के डर से बौखला गई है’. इसके साथ ही पायलट ने हाल ही में आने चुरू दौरे के दौरान उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ द्वारा कांग्रेस नेता रफीक मंडेलिया पर की गई टिप्पणी को अशोभनीय बताया है. हालांकि पायलट के इस तेवर को देखते हुए सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है.
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अपने जयपुर आवास पर जनसुनवाई के दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भाजपा नेताओं को अमर्यादित बयानों को लेकर आड़े हाथ लिया. सचिन पायलट ने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ ओछी और स्तरहीन भाषा का प्रयोग किये जाने को निन्दनीय और अशोभनीय बताते हुए इसकी कड़े शब्दों में भर्त्सना की है. पायलट ने कहा कि, ‘केन्द्रीय राज्य मंत्री एस.पी. सिंह बघेल द्वारा कांग्रेस नेताओं के खिलाफ जो बयानबाजी की गई है, वह अमर्यादित है. साथ ही विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ द्वारा कांग्रेस नेता रफीक मण्डेलिया के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया गया है, वह अशोभनीय है’.
टोंक विधायक सचिन पायलट ने कहा कि, ‘राजनीति में वैचारिक विरोध स्वीकार्य होता है, परन्तु इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करने से ना सिर्फ स्वयं की साख को ठेस पहुंचती है बल्कि जनता में भी नकारात्मक संदेश जाता है. पायलट ने कहा कि, ‘भाजपा के नेता उपचुनाव में हार के डर के कारण इस तरह की स्तरहीन भाषा का प्रयोग कर रहे हैं जिसका स्वच्छ राजनीति में कोई स्थान नहीं है’ पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि, ‘जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग इस तरह की अशोभनीय शब्दावली का इस्तेमाल करके जनता को क्या संदेश देना चाहते है’. भाजपा के बयानवीरों के साथ शीर्ष नेतृत्व को चेताते हुए पायलट ने कहा कि, ‘भाजपा के दोनों दिग्गज नेताओं को अपने स्तरहीन शब्दों के प्रयोग के लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए‘.
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सचिन पायलट का यह बयान सामने आने के बाद सियासी गलियारों में चर्चा का दौर शुरू हो गया है. हालांकि बड़े की मजे की बात यह है कि सचिन पायलट की ओर से दिए गए इस बयान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम कहीं नहीं लिया गया है. पायलट ने बड़ी ही होशियारी से बयान में कांग्रेस नेता बोला, वहीं राजेन्द्र राठौड़ और पायलट के व्यक्तिगत रिश्ते प्रगाढ़ होने के बावजूद पायलट ने राठौड़ के खिलाफ भी जमकर हमला बोला है. सियासी जानकार जो पायलट की राजनीति को भी नजदीक से जानते हैं उनका कहना है कि सियासी अदावत अपनी जगह है, लेकिन इन दिनों भाजपा नेताओं की भाषा वास्तव में अमर्यादित है और पायलट हमेशा आदर्श राजनीति करने की बात करते हैं. हालांकि, कुछ लोग इस संभावित मंत्रिमंडल फेरबदल से जोड़कर भी देख रहे हैं.