केंद्र में बैठे लोग बहुत खतरनाक, लेकिन चाहे ED आए या इनकम टैक्स, नहीं रुकेगा ERCP का काम- गहलोत

पहले कर्नाटक, फिर मध्य प्रदेश, राजस्थान और अब महाराष्ट्र में सब ने देख लिया, इन्होंने क्या किया, अब पता नहीं अगली बारी किस राज्य की है, यही इनका लोकतंत्र है, भाजपा के नेताओं की कथनी और करनी में है अंतर, जो कन्हैयालाल की हत्या के 7 दिन बाद जा रहे हैं उसके घर, जहां मैंने अपने सारे प्रोग्राम कैंसिल किए, वहीं, भाजपा के प्रमुख नेता सर्वदलीय बैठक में ही नहीं आए- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

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Politalks.News/Rajasthan/ERCP. राजस्थान में सबसे बड़ा सियासी मुद्दा बन चुकी ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना (ERCP) को लेकर अब गहलोत सरकार ने सख्त रुख इख्तियार कर लिया है. प्रदेश के 13 जिलों के लोगों की प्यास बुझाने से जुड़ी यह ईआरसीपी योजना भले ही भाजपा सरकार में बनी हो, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस योजना को लेकर काफी गंभीर हैं. यही कारण है कि राजधानी जयपुर में बुधवार को कांग्रेस पार्टी की ओर से 13 जिलों के सभी कांग्रेस जन प्रतिनिधियों को जयपुर बुलाया गया और ईआरसीपी को लेकर आगे की रणनीति बनाई गई. इस दौरान कांग्रेस नेताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने केंद्र सरकार को दो टूक संदेश देते हुए कहा कि केंद्र की सरकार में बैठे लोग खतरनाक हैं और कोई कमी निकाल कर चाहे मुझे दबाव में लेने के लिए ईडी भेजें या इनकम टैक्स, लेकिन हम डरने वाले नहीं. यह कुछ भी कर लें, लेकिन ईआरसीपी का काम मैं बंद नहीं करूंगा.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इनकी हिम्मत देखिए कि इन्होंने चीफ सेक्रेटरी को इस योजना को बंद करने के लिए लिख दिया. जबकि पानी हमारा, कैचमेंट एरिया हमारा, किसी दूसरे राज्य का डूब क्षेत्र नहीं आ रहा और संसाधन भी हमारे, उसके बाद यह कौन होते हैं जो हमें कहें कि इस योजना को बंद कर दो. सीएम गहलोत कहा कि पानी राज्य का विषय है ना कि केंद्र का जो आपने कह दिया कि इस योजना को बंद कर दीजिए. इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने साफ कहा कि मैं इस योजना को किसी हाल में बंद नहीं होने दूंगा. केंद्र में सरकार में बैठे लोग इतने खतरनाक हैं कि अब इसमें भी कोई ना कोई कमी निकाल कर ईडी और इनकम टैक्स भेज देंगे. लेकिन हम डरने वाले नहीं. यह कुछ भी कर लें, लेकिन ईआरसीपी का काम आगे बढ़कर रहेगा.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद जनता के हितों को देखते हुए हमने इस योजना के लिए 9,600 करोड़ रुपए के बजट का इंतजाम किया है. लेकिन यह साफ है कि अगर केंद्र मदद नहीं करेगा तो इस योजना को लागू होने में समय भी लगेगा और लागत भी बढ़ेगी. साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश में फेडरल सिस्टम से गवर्नमेंट चलती है. राज्य और केंद्र मिलकर सरकार चलाते हैं, हम कोई केंद्र सरकार से भीख नहीं मांग रहे हैं, बल्कि यह हमारा हक है.

इसके साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर भाजपा पर सरकारें गिराने और लोकतंत्र की हत्या करने के आरोप लगाए. सीएम गहलोत ने कहा कि इन्होंने इनकम टैक्स और ईडी को मजाक बना रखा है. महाराष्ट्र में क्या हुआ, यह सब ने देख लिया. पहले कर्नाटक, फिर मध्य प्रदेश, राजस्थान और अब महाराष्ट्र में सब ने देख लिया, इन्होंने क्या किया. अब पता नहीं अगली बारी किस राज्य की है. यही इनका लोकतंत्र है. सीएम गहलोत ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह लोकतंत्र के हत्यारे हैं जो संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं. साथ ही मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि भाजपा के नेताओं की कथनी और करनी में अंतर है. जो कन्हैयालाल की हत्या के 7 दिन बाद उसके घर जा रहे हैं. जहां मैंने अपने सारे प्रोग्राम कैंसिल किए. वहीं, भाजपा के प्रमुख नेता सर्वदलीय बैठक में भी नहीं आए. सीएम गहलोत ने कहा कि जब कोई मुख्यमंत्री अपना दौरा बीच में छोड़ सकता है तो फिर विपक्ष तो कम से कम अपनी भूमिका सही से निभा ही सकता था.

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कांग्रेस चलाएगी हस्ताक्षर अभियानः बीते रोज बुधवार को कांग्रेस पार्टी की ओर से ERCP से जुड़े पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के सभी जनप्रतिनिधियों को जयपुर बुलाया गया था. अब कांग्रेस पार्टी ने तय किया है कि इस मुद्दे पर वह जिला स्तर पर विरोध-प्रदर्शन करेगी. साथ ही कांग्रेस पार्टी अब ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना को राष्ट्रीय योजना घोषित करवाने के लिए प्रदेश में हस्ताक्षर अभियान भी चलाएगी. कांग्रेस हस्ताक्षर अभियान चलाकर राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपेगी.

कांग्रेस पार्टी की ओर से ERCP को लेकर राजधानी जयपुर में बुलाई गई इस बैठक में प्रदेश प्रभारी अजय माकन भी हिस्सा लेने पहुंचे. हालांकि, शुरुआत में ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने यह साफ कर दिया कि जरूरी काम के चलते अजय माकन जल्दी ही दिल्ली रवाना हो जाएंगे. अजय माकन अपना भाषण देने के कुछ देर बाद ही दिल्ली के लिए रवाना हो गए. वहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट इस कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बने, जिसे लेकर राजनीतिक हलकों में जबरदस्त चर्चा भी बनी हुई है.

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