धर्मांतरण व डॉक्टर्स डेप्युटेशन मुद्दे पर विपक्ष का सदन में जोरदार हंगामा, बीजेपी ने किया वॉकआउट

विधानसभा में आज जमकर हुई बहस, धर्मांतरण के मुद्दे पर भाजपाई दिग्गजों ने घेरा गहलोत सरकार को, मंत्री सालेह मोहम्मद के जवाब से असंतुष्ट भाजपा के विधायकों ने किया वॉकआउट, वहीं डॉक्टर्स के डेप्यूटेशन पर परसादी ने दिखाई साफगोई, सख्त एक्शन के दिए संकेत तो कटारिया ने कहा- 'जनता आपको देंगी दुआएं'

धर्मांतरण व डॉक्टर्स डेप्युटेशन मुद्दे पर विपक्ष का सदन में जोरदार हंगामा
धर्मांतरण व डॉक्टर्स डेप्युटेशन मुद्दे पर विपक्ष का सदन में जोरदार हंगामा

Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Assembly) में सोमवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष जमकर आमने-सामने हुए. शून्यकाल में धर्मान्तरण का मामला सदन में गूंजा. बीजेपी की तरफ से नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (gulab Chand katariya) और ब्यावर के विधायक शंकर सिंह रावत ने इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव लगाया था. विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव पर अल्पसंख्यक मामलात मंत्री सालेह मोहम्मद (Saleh Mohammed) ने जवाब तो दिया लेकिन मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया. आदेश पर भड़कते हुए कटारिया ने कहा कि, ‘अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री शाले मोहम्मद ने कलेक्टर को चिट्ठी लिखकर ओबीसी सर्टिफिकेट के आधार पर अल्पसंख्यक प्रमाण-पत्र जारी करने के आदेश दिए हैं.’ वहीं सरकारी डॉक्टरों के डेपुटेशन के मुद्दे पर परसादी मीणा ने विभाग की लाचारी को स्वीकारा ही ओर ऐसे डॉक्टर्स के खिलाफ सख्त कदम उठाने के संकेत भी दे दिए. मीणा ने कहा कि, ‘हमने एक्सेस डॉक्टर्स के वेतन पर रोक लगा दी है. यह नहीं चलेगा कि नौकरी करेंगे जयपुर में और वेतन लेंगे नाथद्वारा से, सीकर से या हनुमानगढ़ से’. इस पर कटारिया ने परसादी पर जमकर तंज कसे.

कटारिया वार- ‘मंत्री धर्म बदलने के लिए हैं उकसा रहे’
धर्मांतरण का मुद्दा उठाते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि, ‘मंत्री ने एक विवादित व्यक्ति जमालुद्दीन के कहने के बाद पत्र लिखा है. चीता, मेहरात, काठात जातियों के लोगों को केवल ओबीसी सर्टिफिकेट या एफिडेविएट के आधार पर अल्पसंख्यक सर्टिफिकेट देने का प्रावधान करना धर्मातंरण का लालच देना है. मंत्री ने विभाग से आदेश दिलवाने की जगह खुद आदेश दिया. मंत्री इस तरह के कार्य से धर्मांतरण का रास्ता खोल रहे हैं. बच्चों को हॉस्टल में भर्ती करवाने का लालच देकर धर्मांतरण करवाने का प्रयास हो रहा है. मंत्री कलेक्टर को आदेश देकर धर्मांतरण का रास्ता दिखा दे रहे हैं, इससे असंतोष पैदा हो रहा है. जिस जलालुद्दीन के कहने पर मंत्री ने कलेक्टर को आदेश दिया, उस व्यक्ति के कारण क्षेत्र में संघर्ष के हालात बने हुए हैं’.

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मंत्री सालेह मोहम्मद के जवाब से असंतुष्ठ भाजपा ने किया वॉकआउट
मंत्री सालेह मोहम्मद ने गुलाबचंद कटारिया के आरोपों को निराधार बताया और कहा कि, ‘सर्टिफिकेट बनाने की पूरी प्रक्रिया तय है. मैंने चिट्ठी लिखकर तय नियमों के हिसाब से ही अल्पसंख्यक प्रमाण-पत्र जारी करने को कहा था, गलत प्रमाण-पत्र जारी करने पर कार्रवाई होती है, तो जिला स्तर पर कमेटी निरस्त कर सकती है’. मंत्री के जवाब के बाद बीजेपी विधायक संतुष्ट नहीं हुए और हंगामा करते हुए सदन से वॉकआउट कर गए. इस मामले पर स्पीकर ने कहा कि, ‘मंत्री का इंटेशन नहीं था, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर लंबी बहस नहीं करवा सकते’.

डॉक्टर्स की डेपुटेशन खत्म, जॉइन नहीं किया तो जाएगी नौकरी- परसादी

विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री परसादीलाल मीणा ने माना है कि सियासी रसूख के कारण डॉक्टर्स ने कई जगह जॉइन नहीं किया और डेपुटेशन के नाम पर फिर वहीं रुक गए, जबकि दूर-दराज के अस्पतालों में डॉक्टर्स ही नहीं है. बीजेपी विधायक संतोष के सवाल के जवाब में परसादीलाल मीणा ने कहा कि, ‘कई जगह डॉक्टरों के पद खाली हैं. यह चिंता का विषय है. कई जगह 40 डॉक्टर्स के पद हैं और 70 लगा रखे हैं, कई जगह 20 की जगह 40 लगा रखे हैं’.

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‘यह नहीं चलेगा कि नौकरी करेंगे जयपुर में और वेतन लेंगे नाथद्वारा से’

परसादीलाल मीणा ने कहा कि हमने एक्सेस डॉक्टर्स के वेतन पर रोक लगा दी है. यह नहीं चलेगा कि नौकरी करेंगे जयपुर में और वेतन लेंगे नाथद्वारा से, सीकर से या हनुमानगढ़ से, इस चीज को हमने प्रतिबंधित किया है. डॉक्टर्स की जहां पोस्टिंग है, वहीं काम करना होगा. वेतन भी तभी मिलेगा. डॉक्टर्स को वहां जॉइन करना ही होगा, नहीं तो नौकरी भी चली जाएगी. हम सख्ती से इसे लागू करेंगे.

कटारिया का तंज- जनता आपको देंगी दुआएं

मंत्री परसादी लाल मीणा के जवाब पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि, ‘डॉक्टर्स के डेपुटेशन खत्म करने के पहले भी इस तरह के कई प्रयोग हुए, लेकिन दबाव के कारण फेल हो गए. मैं आपको बधाई दूंगा, आप इसका ढंग से पालन करवा दीजिए, राजस्थान की जनता आपको दुआएं देंगी’.

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