Politalks.News/Rajasthan. राजनीति के गुटीय प्रबंधन से न सिर्फ कांग्रेस बल्कि भाजपा भी उतनी ही जूझ रही है. कांग्रेस में अपनी उपेक्षा से नाराज सचिन पायलट और उनसे जुड़े 19 विधायकों ने ऐसा सियासी तूफान खड़ा किया है, जो दिखने में तो थमा हुआ लग रहा है लेकिन है नहीं. वहीं भाजपा भी इससे अछूती नहीं रही. पूरे सियासी घमासान का टाइमिंग देखें, तो गजब का प्रतीत होता है. एक महीने से मौन बैठी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे दिल्ली क्या पहुंची, अगले 24 घंटे में सारा घमासान टांय टांय फिस्स हो गया.
राजनीतिक की खासियत ही यह है कि कब कहां क्या हो जाए, कुछ नहीं कहा जा सकता. सचिन पायलट गांधी परिवार के के पास बिना शर्त घर वापसी के लिए उनके घर पहुंचे तो रणदीप सुरजेवाला ने बोल दिया कि कोई दरवाजे पर आएगा, तो उसे दुत्कारा नहीं जा सकता. इधर भाजपा जो कि अपने विधायकों या यूं कह लिजिए कमजोर विधायकों की बाड़ेबंदी में लगी थी, उसने भी बाड़ेबंदी बंद कर दी. यहां भी टाइमिंग देखिए. पायलट का घर वापसी करना हुआ और इधर भाजपा का अपने विधायकों को वापस घर बुला लिया. लगभग एक ही समय की घटनाएं हैं.
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अब विधानसभा सत्र से पहले भाजपा विधायक दल की बैठक गुरूवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय पर होगी. यह बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण है. बैठक में भाजपा की राष्ट्रीय नेता पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे होंगी, तो वहीं वसुंधरा राजे के घुर विरोधी और राजे पर ही अशोक गहलोत सरकार को बचाने का बयान देने वाले रालोपा संयोजक हनुमान बेनीवाल की पार्टी के तीन विधायक भी होंगे. बैठक में वसुंधरा राजे के बड़े पुराने शुभचिंतक ओम माथुर और नए पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां सहित नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी होंगे.
बस, यही वो बात है जिसके कारण भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व संगठन से जुड़े तीन बड़े नेताओं को प्रदेश भाजपा की संभावित अंतर्कलह से पार पाने के लिए विधायक दल की बैठक में भेज रहा है. सीधे शब्दों में कहें तो पिछले दिनों में जो कुछ भी प्रदेश भाजपा में घटा, उसके चलते वसुंधरा राजे की नाराजगी को दूर करने के लिए ही इन नेताओं को जयपुर विधायक दल की बैठक में भेजा जा रहा है. राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर को खासतौर से प्रदेश भाजपा की अंदरूनी हलचलों को देखते हुए भेजा जा रहा है. वहीं राष्ट्रीय महामंत्री मुरलीधर राव, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री वी सतीश और प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना की भी विधायक दल बैठक में मौजूद रहेंगे. बता दें, राज्य सभा सांसद ओम माथुर पहले से ही जयपुर में ही रहकर पार्टी की हर गतिविधि पर नज़र बनाए हुए हैं.
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जानकारी में आ रहा है कि दिल्ली से आ रहे ये नेता यहां एक-एक भाजपा विधायक से संवाद भी करेंगे. क्या संवाद करेंगे, यह मीडिया को नहीं बताया जाएगा. बताने की कोई जरूरत भी नहीं है. भाजपा में बने दो खेमों के विधायकों के बीच सामंजस्य बैठाया जाएगा. व्यक्तिगत राजनीति से उपर उठकर प्रदेश और देशहित की बातें होंगी. हालांकि वो भी होगी व्यक्तिगत ही.
यानि गुरूवार को राजस्थान की दो बड़ी राजनीतिक पार्टियों में सियासत की अगली बिसातें बिछेंगी. एक तरफ गहलोत और पायलट गुट की तो इधर भाजपा खेमे में वसुंधरा राजे वर्सेस अन्य के बीच नई सियासी बिछात बिछेंगी. बस अब देखने वाली बात यह होगी कि दोनों ही पार्टियों में उपजे असंतोष को इनके केंद्रीय नेता शांत कर पाएंगे, या आने वाले दिनों में अभी हमें बहुत से सियासी अखाड़े देखने को मिल जांएगे.
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