बाड़े में बंद कांग्रेस विधायक ही करेंगे सरकार पर मार, नाम बताने की नहीं करूंगा गलती- कटारिया

कांग्रेस के बाद अब भाजपा ने की प्रशिक्षण के नाम पर बाड़ेबंदी, अगले चार दिन जामडोली स्थित होटल देवीरत्न में बीजेपी विधायक रहेंगे मौजूद, वहीं भाजपा के सीनियर नेता अलग-अलग सत्राें में राज्यसभा चुनाव के बारे में विधायकों को देंगे प्रशिक्षण, बोले कटारिया- 'कांग्रेस ने 2 जून से ही शुरू कर दी है विधायकों की बाड़ेबंदी क्योंकि इस चुनाव में पार्टी के छूट रहे हैं पसीने'

बाड़े में बंद कांग्रेस विधायक ही करेंगे सरकार पर मार
बाड़े में बंद कांग्रेस विधायक ही करेंगे सरकार पर मार

Politalks.News/Rajasthan/RajysabhaElection. राजस्थान में राज्यसभा चुनाव का घमासान अपने चरम पर है. आगामी 10 जून को राज्यसभा की 4 सीटों के लिए मतदान होना है लेकिन कांग्रेस के साथ साथ अब बीजेपी भी बाड़ेबंदी का सहारा ले रही है. कांग्रेस जहां राज्यसभा चुनाव तक पार्टी विधायकों और समर्थित विधायकों के साथ उदयपुर के होटल ताज अरावली में बाड़ाबंदी में कैद है तो वहीं आज से बीजेपी विधायक भी जामडोली स्थित होटल देवीरत्न में बाड़ेबंदी में रहेंगे. हालांकि बीजेपी इसे बाड़ाबंदी का नाम नहीं देना चाहती. भाजपा नेताओं का कहना है कि हमारे सभी विधायक प्रशिक्षण के चलते एक साथ रहेंगे. प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर हुई बीजेपी नेताओं की बैठक के बाद विधायकों को दो बसों के द्वारा रिसोर्ट भेजा गया. वहीं नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि, ‘सावधानी रखना बाड़ेबंदी नहीं बल्कि समझदारी है. कांग्रेस जीत का दावा कर रही है फिर भी बाड़ेबंदी में कैद है अब आप देखते रहिये बहुत जल्द बड़ा तमाशा होने वाला है.’

कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव के लिए तीन प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं. रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी की जीत को लेकर कांग्रेस आस्वस्त है. क्योंकि सरकार से नाराज चल रहे विधायकों पर भी सियासी जादूगर और प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का जादू चल गया और वे भी उदयपुर में बाड़ेबंदी में शामिल हो गए. तो वहीं बीजेपी ने अपनी ओर से दिग्गज नेता घनश्याम तिवाड़ी को मैदान में उतारा है तो वहीं निर्दलीय प्रत्याशी एस्सेल ग्रुप के चैयरमेन डॉ सुभाष चंद्रा को अपना समर्थन देने की बात कही है. जिसके बाद से राज्यसभा चुनाव का मुकाबला रोचक हो गया है और ये भी एक कारण है कि दोनों ही दलों को बाड़ेबंदी का सहारा लेना पड़ रहा है.

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कांग्रेस बाद सोमवार को भाजपा ने भी अपने विधायकों को प्रशिक्षण के नाम पर अगले 4 दिन जयपुर के एक होटल में कैद कर दिया है. प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर सभी विधायकों की बैठक के बाद उन्हें 2 बसों के जरिए जयपुर के आगरा रोड जामडोली के आगे एक होटल देवीरत्न ले जाया गया. वहीं राज्यसभा चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और भाजपा प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह, प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां, संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, नेताप्रतिपक्ष गुलाब चन्द कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ सभी विधायकों से देर शाम होटल में मुलाकात करेंगे. भाजपा नेताओं का कहना है कि सभी विधायकों को अगले चार दिन भाजपा के सीनियर नेता अलग-अलग सत्राें में राज्यसभा चुनाव के बारे में प्रशिक्षण देगें.

वहीं दोनों दलों द्वारा की गई बाड़ेबंदी को लेकर नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया का बड़ा बयान सामने आया है. गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि, ‘इन चुनाव में सावधानी रखना बाड़ेबंदी नहीं, बल्कि समझदारी कहलाती है. बीजेपी को यदि विधायकों की बाड़ेबंदी करनी होती तो बहुत पहले कर लेती लेकिन अभी प्रशिक्षण के लिए उनको एक जगह रखा जाएगा. राज्यसभा के चुनावों में वोटिंग बहुत ही टिपिकल होती है. ऐसे में एक छोटी सी गलती कई बार बहुत भारी पड़ जाती है. यही कारण है कि पार्टी अपने विधायकों को होटल में वोट देने की ही प्रक्रिया को समझाई जाएगी और बचे हुए समय में पार्टी से जुड़ी अन्य रणनीति पर भी बैठकर विचार करेगी.’

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कटारिया ने आगे कहा कि, ‘इन चुनावों में कोई बड़ा गेम और तमाशा हो सकता है. पिछले दो बार से कांग्रेस और समर्थित विधायकों की बाड़ाबंदी में जो आश्वासन मुख्यमंत्री ने विधायकों को दिए थे वह अब तक पूरे नहीं हुए हैं जिसके चलते कई विधायकों में अंदर ही अंदर चिंगारी सुलग रही है. कांग्रेस और निर्दलीय विधायक महीने भर से हमारे संपर्क में हैं. हमारा उनसे लगातार संपर्क बना हुआ है. इस बार बाड़े में बंद कांग्रेस विधायक ही सरकार पर मार करेंगे. ऐसे विधायकों के नाम बताने की गलती नहीं करुंगा. सरकार पुलिस के डंडे के जोर पर चुनाव जीतना चाहती है. कांग्रेस ने इस बार 2 जून से ही विधायकों की बाड़ेबंदी शुरू कर दी है जिससे साफ है कि इस चुनाव में पार्टी के पसीने छूट रहे हैं.’

यहां आपको बता दें कि, 10 जून को होने वाली वोटिंग से पहले बीजेपी की कोशिश रहेगी की वो अपने 71 विधायकों के अलावा 3 राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के अलावा 2 बीटीपी और कुछ निर्दलीय विधायकों को भी साथ ले ले. क्योंकि भाजपा की ओर से अपने उम्मीदवार घनश्याम तिवाड़ी को 41 वोट को पहली प्रायरिटी देने के बाद 30 वोट बचेंगे. जिनकी पूर्ति चंद्र और भाजपा को मिलकर पूरी करनी होगी और उसका एक मात्र विकल्प निर्दलीय विधायक हैं.

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