प्रदेश कांग्रेस में जो कुछ चल रहा है उसके जिम्मेदार हैं सिर्फ गहलोत, आलाकमान करे कार्रवाई- चौधरी

इतना कुछ हो रहा था, उस समय अशोक गहलोत कहां थे? उनकी भी जिम्मेदारी थी, लेकिन उन्होंने क्या किया? पायलट सहित विधायकों ने 2 साल पहले अपनी बात रखने के लिए एक जगह चुनी थी, उसे बगावत कहा जा रहा है, तो कल क्या था? उसे पीठ में छुरा घोंपना बताया जा रहा है, तो कल क्या था?

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Politalks.News/Rajasthan/Congress. राजस्थान कांग्रेस में जारी सियासी घमासान के बीच बीते रोज सोमवार को मंत्री शांति धारीवाल ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर सचिन पायलट गुट और कांग्रेस प्रदेश प्रभारी महासचिव अजय माकन पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सत्ता से हटाने का षड्यंत्र रचने जैसे गंभीर आरोप लगाए. वहीं धारीवाल के आरोपों का जवाब देते हुए पायलट सनर्थक और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर बड़ा हमला बोला. चौधरी ने कहा कि जो रविवार को बैठक की गई, वो नेतृत्व के खिलाफ की गई थी.

पूर्व मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि रविवार को इतना कुछ हो रहा था, उस समय अशोक गहलोत कहां थे? उनकी भी जिम्मेदारी थी, लेकिन उन्होंने क्या किया. केंद्रीय नेतृत्व सब देख रहा है. वहीं मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल कि क्या अशोक गहलोत को अब भी राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरना चाहिए? इस सवाल के जवाब में चौधरी ने कहा कि कल जो एपिसोड हुआ है, उसमें सबसे ज्यादा जिम्मेदारी खुद अशोक गहलोत की है, क्योंकि वे मुख्यमंत्री हैं. उस समय नैतिकता कहां गई थी, जहां पर सब उनसे पूछकर केंद्रीय ऑब्जर्वर आए थे और वहां पर मुख्यमंत्री जी अपने पार्लियामेंट अफेयर्स मिनिस्टर को भी कुछ नहीं कह रहे हैं, यह सब क्या है? चौधरी ने कहा कि पार्टी का जो चीफ व्हिप होता है, वह बिना मुख्यमंत्री के कहने पर कुछ नहीं करता है.

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बीते रोज सोमवार को मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष राजेन्द्र चौधरी ने आगे कहा कि इस पूरे प्रकरण को लेकर अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे जो रिपोर्ट देंगे, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए, यह हमारी मांग है. चौधरी ने आगे आरोप लगाते हुए कहा कि जब सचिन पायलट और अन्य विधायकों ने 2 साल पहले अपनी बात रखने के लिए एक जगह चुनी थी, उसे बगावत कहा जा रहा है, तो कल क्या था? उसे पीठ में छुरा घोंपना बताया जा रहा है, तो कल क्या था? वहीं शांति धारीवाल द्वारा अजय माकन पर लगाए गए आरोपों की आलोचना करते हुए चौधरी ने कहा कि यह बिल्कुल गलत है. अजय माकन किसी एजेंडा के साथ में नहीं आए थे. वे आलाकमान के कहने पर रायशुमारी करने आए थे. लेकिन विधायकों को रोका गया. उन्हें मिलने नहीं दिया गया और शर्तें थोपी गई. मंत्री-विधायकों ने केंद्रीय नेतृत्व की अवज्ञा की है, ऐसे में इन पर कार्रवाई होनी चाहिए.

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राष्ट्रीय अध्यक्ष की अवज्ञा संगठन मौन: रविवार शाम को शांति धारीवाल के घर पर विधायकों की बैठक और उसके बाद के प्रकरण में पहली बार कांग्रेस संगठन की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई है. हालांकि राजेंद्र चौधरी को सचिन पायलट गुट का नेता माना जाता है. ऐसे में प्रतिक्रिया स्वाभाविक भी है. अन्यथा इस पूरे मामले पर संगठन के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को आगे आना चाहिए था. क्योंकि मंत्रियों और विधायकों ने पार्टी की अंतरिम राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी की अवज्ञा की है, लेकिन डोटासरा गहलोत की गोद में बैठे हैं.

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