लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला (OM Birla) अपने बेबाक बोल के लिए जाने जाते हैं. अब वह लोकसभा अध्यक्ष (Loksabha Speaker) बन गए हैं. हाल ही वह अपने गृह क्षेत्र कोटा पहुंचे तो जाहिर है कि वह वहां लोकसभा अध्यक्ष की ठसक के साथ नहीं रह सकते. बिड़ला ट्वीट भी करते हैं, जिनमें वह अपने विचार रखते हैं. बुधवार को उनके एक ट्वीट से विवाद पैदा हो गया. कई लोग बिड़ला के बारे में तरह-तरह की बातें कर रहे हैं. उन पर जातिवादी होने के आरोप लग रहे हैं.

ओम बिड़ला ने पिछले रविवार कोटा (Kota) में ब्राह्मण महासभा (Brahmin Mahasabha) के कार्यक्रम में भाग लिया था. उसके बाद उन्होंने ट्वीट किया था, समाज में ब्राह्मणों का ऊंचा स्थान है. यह उनके बलिदान और समर्पण का परिणाम है. यही कारण है कि समाज में ब्राह्मण हमेशा मार्गदर्शक की भूमिका में रहे हैं.


इस ट्वीट के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिप्पल ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष के लिए इस तरह की भाषा का उपयोग करना ठीक नहीं है. यह समाज में ऊंच-नीच आधारित जातिवाद की पैरवी करने जैसा है.

गैर राजनीतिक संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविस लिबर्टीज (PUCL) ने कहा कि कोटा में ब्राह्मण महासभा के कार्यक्रम में भाग लेने के बाद ओम बिड़ला ने जो ट्वीट किया है, वह ठीक नहीं है. हम इसकी शिकायत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से करेंगे. कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि यह लोकसभा अध्यक्ष को शोभा नहीं देता. इससे हिंदुत्व का असली चेहरा दिखाई देता है, जिसमें जातिवाद को महत्व दिया जा रहा है.

आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (AIMIM) असदउद्दीन ओवौसी (Asaduddin Owaisi ) ने ट्वीट किया, माननीय महोदय, संविधान सभी के लिए न्याय, समानता और भाईचारे का वादा करता है. बाबा साहेब अंबेडकर ने भी कहा था कि आपसी भाईचारा होने से समाज में सिर्फ कुछ लोगों के वर्चस्व को समाप्त किया जा सकता है. हम ऐसे देश में नहीं रह सकते जहां एक जाति दूसरी जाति से श्रेष्ठ हो.

गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी ने बिड़ला के ट्वीट की निंदा करते हुए कहा कि जातिवाद को बढ़ावा देने वाला यह बयान न सिर्फ निंदनीय है, बल्कि चापलूसी से भरा हुआ भी है. यह हमारे साथ मजाक है कि जातिवाद को बढ़ावा देने वाले व्यक्ति ने लोकसभा अध्यक्ष पद संभाल रखा है. अपने बयान के लिए ओम बिड़ला को माफी मांगनी चाहिए.

राजस्थान में कांग्रेस सरकार के एक मंत्री ने भी ओम बिड़ला (OM Birla) का नाम लिए बगैर बयान की आलोचना की है. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा से जब बिड़ला के ट्वीट पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा, जो भी प्रतिभा संपन्न और योग्य है, वह श्रेष्ठ है. पीयूसीएल का कहना है कि लोकसभा अध्यक्ष का बयान संविधान के अनुच्छेद 14 के खिलाफ है, जिसमें कानून के सामने सभी को समान बताया गया है. बिड़ला को अपना बयान तत्काल वापस ले लेना चाहिए.

इन सभी के अलावा सोशल मीडिया के अन्य यूजर्स ने भी उनकी पोस्ट भी कमेंट किया. एक यूजर ने कहा कि मै खुद ब्राह्मण हूं लेकिन यह मानती हूं कि पैदा होते समय हर इंसान बराबर है.

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