Politalks.News/AgnipathScheme. सैनिक भर्ती को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना का पहले से पुरे देश में सड़क से लेकर संसद तक जारी भारी विरोध के बीच अब जाति और धर्म के कॉलम भरवाने वाली खबर ने आग में घी डालने का काम कर दिया है. अग्निपथ योजना के विरोध में जहां देश के बेरोजगार युवा उग्र प्रदर्शन के बाद अब पैदल मार्च के जरिए दिल्ली कूच कर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं, तो वहीं अब अग्निपथ स्कीम में आवेदन करने वाले युवाओं से उनकी जाति और धर्म का कॉलम भरवाने को लेकर सियासत गरमा गई है. इसे लेकर एक बार फिर मोदी सरकार कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई है तो वहीं खुद की पार्टी पर निशाना मारने का कोई मौका नहीं चूकने वाले पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुंग गांधी ने ट्वीट कर अपनी ही सरकार से कई सवाल पूछे हैं. वहीं दूसरी ओर विपक्ष और अपनों की बयानबाजी के सामने आने के बाद बीजेपी ने भी पलटवार किया है. जहां रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इसे पूरी तरह से अफवाह बताया और जो व्यवस्था पहले से लागू थी उसी को आगे बढ़ाने की बात कही है, तो वहीं भाजपा की फायर ब्रांड प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विपक्ष पर जमकर निशाना साधा.
देशभर में युवाओं का विरोध झेल रही इस अग्निपथ योजना के साथ साथ अब इस योजना में आवेदन को लेकर भी भारी रौष फैल गया है. इस योजना के आवेदन में अभ्यर्थियों से जाति और धर्म का कॉलम भी भरवाया जा रहा है, जबकि सैनिक भर्ती में कभी इस तरह जाति या सैनिक के धर्म को नहीं पूछा जाता है. ऐसे में बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर अपनी ही सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि, ‘सेना में किसी भी तरह का कोई आरक्षण नहीं है पर अग्निपथ की भर्तियों में जाति प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है. क्या अब हम जाति देख कर किसी की राष्ट्रभक्ति तय करेंगे? सेना की स्थापित परंपराओं को बदलने से हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा पर जो प्रभाव पड़ेगा उसके बारे में सरकार को सोचना चाहिए.’
वहीं आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि, ‘मोदी सरकार का घटिया चेहरा देश के सामने आ चुका है. क्या मोदी जी दलितों/पिछड़ों/आदिवासियों को सेना भर्ती के क़ाबिल नही मानते? भारत के इतिहास में पहली बार “सेना भर्ती “ में जाति पूछी जा रही है. मोदी जी आपको “अग्निवीर” बनाना है या “जातिवीर”.’ इससे पहले RJD के दिग्गज नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर लिखा कि, ‘आजादी के बाद 75 वर्षों तक सेना में ठेके पर अग्निपथ व्यवस्था लागू नहीं थी. सेना में भर्ती होने के बाद 75% सैनिकों की छंटनी नहीं होती थी, लेकिन संघ की कट्टर जातिवादी सरकार अब जाति/धर्म देखकर 75% सैनिकों की छंटनी करेगी. सेना में जब आरक्षण है ही नहीं तो जाति प्रमाणपत्र की क्या जरूरत?’
वहीं अपने एक अन्य ट्वीट में तेजस्वी यादव ने लिखा कि, ‘जात न पूछो साधु की लेकिन जात पूछो फौजी की संघ की BJP सरकार जातिगत जनगणना से दूर भागती है लेकिन देश सेवा के लिए जान देने वाले अग्निवीर भाइयों से जाति पूछती है. ये जाति इसलिए पूछ रहे है क्योंकि देश का सबसे बड़ा जातिवादी संगठन RSS बाद में जाति के आधार पर अग्निवीरों की छंटनी करेगा.’
यह भी पढ़े: कभी BJP के खिलाफ नहीं बोला कुछ, रिटायरमेंट के बाद लिखूंगा एक किताब, CBI को बताऊंगा सच- मलिक
जाति व धर्म प्रमाण पत्र से जुड़े इस मामले को बढ़ता देख सेना की तरफ से भी अपनी प्रतिक्रिया सामने आई है. सैन्य अधिकारियों का कहना है कि ‘अग्निपथ योजना के तहत सैन्य भर्ती प्रक्रिया में किसी प्रकार का कोई खास बदलाव नहीं हुआ है. जाति/धर्म इत्यादि जैसे सर्टिफिकेट भर्ती के दौरान सेना में हमेशा से मांगे जाते हैं, इसमें नया कुछ नहीं है. ये सभी चीजें उनकी मृत्यु के बाद में काम आती है. वहीं सेना की ओर से आए इस बयान के बाद केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष को निशाने पर लिया. राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि, ‘यह पूरी तरह से अफवाह है. जो व्यवस्था पहले थी, आजादी के पहले से चली आ रही पुरानी व्यवस्था वही चल रही है. कोई बदलाव नहीं किया गया है. पुरानी व्यवस्था को जारी रखा जा रहा है.
इधर बीजेपी के फायर ब्रांड राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि, ‘कुछ पार्टियां इसे लेकर राजनीति करने का प्रयास कर रही हैं. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समय-समय पर भारतीय सेना पर सवाल उठाते हुए देखी गई है. इंडियन आर्मी को बदनाम करने की कोशिश की गई.’ संबित पात्रा ने कहा कि, ‘उस पर सवाल उठा रहे हैं जिसकों लेकर हमारे मन में शंका नहीं किसी प्रकार का कोई डाउट नहीं है ये बार-बार उस पर सवाल उठा रहे हैं, ये बेहद दुखद है. आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने ट्वीट कर अग्निवीर में जाति-धर्म का जिक्र कर जिस भाषा का इस्तेमाल किया है वो परेशान कर देने वाला है. मुझे बेहद दुख है इस बात का कि ये लोग जाति-धर्म के आधार पर सेना भर्ती का आरोप लगा रहे हैं.’ पात्रा ने कहा कि, ‘ये सच्चाई नहीं जानते, सच ये है कि, भारत की सेना में धर्म के आधार पर जाति के आधार पर भर्ती नहीं करती है, जाति-धर्म से ऊपर है भारतीय सेना.