लोकतंत्र की नहीं यह अंहकार व गुरुर की भाषा जिसका काल नहीं होता लंबा- राठौड़ की चांदना को नसीहत

क्या 2007 की गोलीकाण्ड सरकार में आप मंत्री नहीं थे?- अशोक चांदना, इतिहास के पन्नों की बात ना करें, पुल के नीचे से पानी बहुत बह गया है, दूसरों पर तोहमत लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखो, आखिर हुजूर यह हालत क्यों बनी?- राजेंद्र राठौड़

'जिनकी सरपरस्ती में आप बने...'
'जिनकी सरपरस्ती में आप बने...'

Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान में काफी लंबे समय से थमी हुई सियासी गहमा गहमी अब एक बार फिर तेज हो चली है. गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला की जयंती पर पुष्कर में आयोजित सभा में लगे नारों की गूंज अब और भी तेज हो चली है. सभा में पायलट समर्थकों ने प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री अशोक चांदना और शकुंतला रावत को काले कपड़े और जूते दिखाए जिसके बाद से अशोक चांदना की सियासी बयानबाजी अपने चरम पर है. यही नहीं इसके लिए अशोक चांदना ने सचिन पायलट का नाम लेते हुए तो बड़ा बयान दिया ही लेकिन साथ में बीजेपी नेता एवं विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी तंज कसा. जिसके बाद से दोनों नेताओं के बीच ट्वीटर वॉर शुरू हो गई. राजेंद्र राठौड़ ने अशोक चांदना को दो टूक शब्दों में कहा कि, ‘2018 में जिनकी सरपरस्ती में आप युवा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष बने थे उनके लिए ये भाषा ठीक नहीं.’

दरअसल, बीते रोज सोमवार को गुर्जर आरक्षण आंदोलन के प्रणेता स्वर्गीय कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अस्थियों का पुष्कर के 52 घाटों पर विसर्जन का कार्यक्रम रखा गया था. इससे पहले पुष्कर के मेला ग्राउंड में MBC समाज (गुर्जर, रेबारी, राइका, देवासी, गड़रिया, बंजारा, गाडरी, गायरी, गाडोलिया लुहार) की एक आमसभा रखी गई थी, जिसमें प्रदेश की दोनों प्रमुख पार्टियों कांग्रेस और एक भाजपा के कई नेताओं ने भी शिरकत की और कर्नल बैंसला के सम्मान में अपने विचार रखे. इस दौरान गहलोत सरकार में खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना जैसे ही भाषण देने आए वहां उपस्थित लोगों ने जूते और अन्य सामान फेंककर उनका विरोध जताना शुरू कर दिया, यहां बता दें समर्थकों द्वारा सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे कार्यक्रम में शुरू से लगाए जा रहे थे, हां चांदना के भाषण के दौरान ये नारे जोरदार तरीके से लगाए गए. इससे आहत अशोक चांदना ने घटना के लिए न केवल सीधे सचिन पायलट को जिम्मेदार ठहराया बल्कि धमकी तक दे डाली. साथ ही बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ पर भी निशाना साधा.

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घटना के बाद ट्वीट करते हुए अशोक चांदना ने लिखा कि, ‘आज एक अद्भुत नजारा देखने को मिला 72 शहीदों के मारने के आदेश देने वाले (तत्कालीन मंत्रिमंडल सदस्य) राजेन्द्र राठौड़ साहब के मंच पर आने पर तालिया बजी और जिनके परिवार के लोग आंदोलन में जेल गए उन पर जूते फेंके गए. जिस मंच पर जूते फेंके गए उस पर शहीदों के परिवारजन बैठे थे कम से कम उनका तो ख्याल कर लेते. कर्नल साहब की अंतिम स्मृति को ऐसे कलंकित करने वाले लोग कितना दूर तक जाएंगे यह तो वक्त बताएगा.’ चांदना के इस ट्वीट पर पलटवार करते हुए बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ ने भी ट्वीट करते हुए जवाब दिया. राजेंद्र राठौड़ ने लिखा कि, ‘दूसरों पर तोहमत लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखो, आखिर हुजूर यह हालत क्यों बनी? दूसरों की पकी हुई फसल को काटकर अगर अपने खेत पर ले जाओगे तो परिणाम ऐसे ही निकलेंगे. अभी तो आगे-आगे देखो होता है क्या.’

वहीं राजेंद्र राठौड़ के इस बयान पर घटना से आहत अशोक चांदना ने पलटवार करते हुए ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘क्या 2007 की गोलीकाण्ड सरकार में आप मंत्री नही थे ? आपकी उम्र और तजुर्बा मुझसे बड़ा है इसलिए टिप्पणी नहीं करूँगा. कल फूट की फसल को काटने कौन-कौन आया था यह सबने देखा है.’ तो अशोक चांदना के बयान पर राजेंद्र राठौड़ की भी प्रतिक्रिया सामने आई. राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘इतिहास के पन्नों की बात ना करें. पुल के नीचे से पानी बहुत बह गया है. 2018 में जिनकी सरपरस्ती में आप युवा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष थे उनके लिए ‘जिस दिन मैं लड़ने पर आ गया तो फिर एक ही बचेगा’ यह भाषा लोकतंत्र की नहीं है. यह अहंकार व गुरूर की भाषा है, इसका काल लम्बा नहीं होता है.’

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इस घटना के बाद से सियासी गलियारों में चर्चा थी कि नेताओं के साथ इस तरह की घटनाएं होना आम है. इसके लिए वे खुले तौर पर नाम लेकर किसी के खिलाफ बयानबाजी नहीं करते लेकिन अशोक चांदना ने राजनीति अपरिपक्वता का उदहारण देते हुए सभी सीमाएं लांघ दी. अशोक चांदना ने सीधे सचिन पायलट का नाम लेकर उनपर निशाना साधा. जिसके बाद चांदना विपक्ष के साथ जनता के निशाने पर भी आ गए हैं. अशोक चांदना ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘मुझ पर जूता फकवाकर सचिन पायलट यदि मुख्यमंत्री बने तो जल्दी से बन जाए क्योंकि आज मेरा लड़ने का मन नहीं है. जिस दिन मैं लड़ने पर आ गया तो फिर एक ही बचेगा और यह मैं चाहता नहीं हूँ.’

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