पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए नहीं है किसी की इजाजत जरूरत- जानें क्यों बोले जयराम रमेश?

कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव को लेकर सियासी गहमागहमी हुई तेज, चुनाव को लेकर शशि थरूर ने की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात, मुलाकात के दौरान सोनिया की दो टूक- गांधी परिवार से कोई नहीं लड़ेगा अध्यक्ष का चुनाव

अध्यक्ष चुनाव को लेकर सियासी गहमागहमी तेज
अध्यक्ष चुनाव को लेकर सियासी गहमागहमी तेज

Politalks.News/Delhi. देश के साथ-साथ पार्टी को एकजुट करने के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में कन्याकुमारी से कश्मीर तक पार्टी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ जारी है. इसी बीच कांग्रेस में नए पार्टी अध्यक्ष को लेकर सियासत भी तेज हो गई है. जहां सात राज्यों की कांग्रेस इकाई ने राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग करते हुए सभी राज्यों ने राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने के प्रस्ताव को पास कर दिया है. तो वहीं बीते रोज सोमवार को सोनिया गांधी ने बड़ा बयान देते हुए तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया. सोनिया गांधी ने कांग्रेस नेता शशि थरूर से मुलाकात के दौरान स्पष्ट कहा कि गांधी परिवार से अध्यक्ष पद के लिए कोई उम्मीदवार नहीं होगा. सोनिया के इस ऐलान के बाद यह तय माना जा रहा है कि अब सीधा मुकाबला शशि थरूर एवं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच होना है. वहीं थरूर की सोनिया गांधी से मुलाकात को लेकर पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने तंज कसा है.

अक्टूबर में होने वाले कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव को लेकर सियासी गहमागहमी तेज हो गई है. कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में हूंकार भरने को तैयार कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की और चुनाव लड़ने की इजाजत मांगी. सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद शशि थरूर के हौसले बुलंद नजर आए. वहीं थरूर और सोनिया गांधी की मुलाकात पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने तंज कसते हुए बड़ा बयान दिया हैं. जयराम रमेश ने साफ़ तौर पर कहा कि, ‘कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव निष्पक्ष होगा, कोई भी सदस्य चुनाव लड़ने के लिए अधिकृत हैं.’

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पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘भारत जोड़ो यात्रा को सफल बनाने में पूरी पार्टी जुटी हुई है. फिर भी यह दोहराना महत्वपूर्ण है कि कांग्रेस अध्यक्ष के लिए चुनाव लड़ने के लिए किसी भी सदस्य का स्वागत है. यह एक लोकतांत्रिक और पारदर्शी प्रक्रिया है. किसी को भी चुनाव लड़ने के लिए किसी की मंजूरी की जरूरत नहीं है, खासकर पार्टी नेतृत्व की.’ रमेश के इस बयान के बाद से सियासी गलियारों में चर्चा हैं कि पार्टी के कई नेता शशि थरूर की सोनिया गांधी से मुलाकात से नाराज हैं. थरूर के साथ साथ कई नेताओं के मन में सवाल था कि क्या फिर से राहुल गांधी को बिना चुनाव के अध्यक्ष चुन लिया जाएगा. लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने साफ़ कर दिया कि गांधी परिवार से कोई भी सदस्य अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेगा.

वहीं दूसरी तरफ शशि थरूर के मैदान में आने के बाद अब इसमें कोई शंका नहीं बची है कि राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष के लिए नामांकन भरकर थरूर से मुकाबला करेंगे. ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही गांधी परिवार की तरफ से पार्टी अध्यक्ष के लिए नामांकन भरेंगे. सूत्रों के मुताबिक कुछ हफ्तों पहले ही सोनिया गांधी ने इसको लेकर सीएम गहलोत से चर्चा भी की थी. हालांकि खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की यह दिली तमन्ना है कि राहुल गांधी को ही कांग्रेस अध्यक्ष बनना चाहिए. लेकिन आलाकमान के रुख को देखते हुए सीएम गहलोत कई मौकों पर संकेत भी दे चुके हैं कि, मैं चाहे कहीं भी रहूं लेकिन राजस्थान मेरे दिल मे रहेगा.’

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आपको बता दें कि, कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अधिसूचना 22 सितंबर को जारी की जाएगी और नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 से 30 सितंबर तक चलेगी. नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर है और जरूरत पड़ने पर चुनाव 17 अक्टूबर को कराया जाएगा, जिसके नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.

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