Finance Minister Nirmala Sitharaman. देश की पहली पहली पूर्णकालिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी यानी आज केंद्रीय वित्त मंत्री के तौर पर अपना पांचवां बजट पेश करने जा रही हैं. निर्मला सीतारमण ने दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की ड्राइविंग सीट पर पहुंचने के लिए राजनीति में शामिल कई धुरंधरों को पीछे छोड़ दिया है. पहले रक्षा मंत्री और बाद में वित्त मंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय मंत्रिमंडल के शीर्ष चार में जगह पाने के लिए कई दिग्गजों को पछाड़ा. बता दें, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम कई रोचक रिकॉर्ड भी दर्ज हैं, फिर चाहे वो सबसे लंबे बजट भाषण को लेकर ही क्यों न हो.
बात देश के रक्षामंत्री के तौर पर करें या वित्त मंत्री के तौर पर, निर्मला सीतारमण से पहले ये दोनों ही पोर्टफोलियो केवल पुरुषों के पास थे. उसमें अगर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को छोड़ दिया जाए, जिन्होंने भारत के प्रधान मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान एक अतिरिक्त प्रभार के रूप में विभिन्न अवधियों में रक्षा और वित्त विभागों को संभाला था. वित्त मंत्रालय के लिए इंदिरा गांधी का कार्यकाल एक साल का था. वहीं निर्मला सीतारमण देश की पहली पूर्णकालिक वित्त मंत्री हैं, जो कि 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में अपना पांचवां बजट पेश करने के लिए तैयार हैं.
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अब आपको वित्त मंत्री के रूप में सीतारमण से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्यों और रिकॉर्ड के बारे में बताते हैं. सबसे पहले जुलाई 2019 में अपने पहले बजट भाषण के दौरान निर्मला सीतारमण ने चमड़े के ब्रीफ़केस में बजट दस्तावेज़ ले जाने की सदियों पुरानी परंपरा को समाप्त कर दिया. सीतारमण ने बजट के दस्तावेजों को लाल रेशमी बैग में लपेटा हुआ था, जिस पर राष्ट्रीय प्रतीक अंकित था. औपनिवेशिक परंपरा से छुटकारा पाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में इसकी सराहना की गई है. ब्रीफकेस के स्थान पर बही-खाता चुनने के अपने निर्णय पर टिप्पणी करते हुए सीतारमण ने कहा था, ‘मुझे लगा कि अब समय आ गया है कि हम ब्रिटिश हैंगओवर से आगे बढ़ें.
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इसके बाद सबसे लंबा बजट भाषण देने का रिकॉर्ड भी निर्मला सीतारमण के नाम दर्ज है. 1 फरवरी, 2020 को सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2020-21 पेश करते हुए 162 मिनट तक भाषण दिया था. इस तरह निर्मला सीतारमण ने अपने ही पिछले बजट में 137 मिनट के अपने ही रिकॉर्ड भाषण को तोड़ा था. वह अपने बजट भाषण के आखिरी के दो पन्ने इसलिए नहीं पढ़ पाईं थी, क्योंकि उन्हें अपनी तबीयत ठीक नहीं लग रही थी. उसके बावजूद 1 फरवरी, 2020 का बजट भाषण अब तक का सबसे लंबा भाषण है. आपको बता दें कि निर्मला सीतारमण से पहले सबसे लंबे बजट भाषण का रिकॉर्ड जसवंत सिंह के पास था, जिन्होंने 2003-04 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए 135 मिनट तक भाषण दिया था.
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हालांकि, शब्दों की संख्या के हिसाब से सबसे लंबे बजट भाषण का रिकॉर्ड मनमोहन सिंह के नाम है, जिन्होंने 1991 में केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में बजट पेश करते समय 18,650 शब्दों का उपयोग किया था. सीतारण का 2020 का बजट भाषण अवधि के मामले में सबसे लंबा रिकॉर्ड रखता है, लेकिन उनके शब्दों की संख्या 13,275 ही थी.