Shekhawat’s big attack on Gehlot: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा मानेसर गए विधायकों को दिए गए पैसों का जिक्र कर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर लगाए गए आरोपों को लेकर आज दिनभर बयानबाजी के दौर चला. मंत्री गजेंद्र शेखावत ने सीएम गहलोत द्वारा लगाए गए आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा की राजनीतिक हितों के लिए विरोधियों का दमन करने के लिए दूसरों पर कीचड़ उछालने की परम्परा राजस्थान में नहीं थी. मंत्री शेखावत ने सीएम गहलोत से सवाल किया की प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धाराओं के तहत पैसा लेने वाला दोषी होता है. आपने उन विधायकों के खिलाफ क्या कार्रवाई की?
सीएम गहलोत को करना चाहिए खुलासा
मंत्री शेखावत ने प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर पत्रकारों से रूबरू होते हुए सीएम गहलोत द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लेकर दिए गए बयान पर कहा की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को लेकर सीएम गहलोत का बयान गैर जिम्मेदाराना और अपना हित साधने के लिए दिया गया है. यह बयान सीएम गहलोत ने अपने ही दल में अपने विरोधियों को संदेश देने के लिए दिया है. मंत्री शेखावत ने कहा कि सीएम गहलोत को पूरे खुलासे के साथ बताना चाहिए कि कब, कहां और किस तरह से उनकी सरकार बचाने में सहयोग किया गया. मंत्री शेखावत ने दो टूक शब्दों में कहा कि अपने राजनीतिक हितों के लिए अपने विरोधियों का दमन करने के लिए दूसरों पर कीचड़ उछालने की परम्परा राजस्थान में नहीं थी. ऐसी परम्परा शुरू करके सीएम गहलोत अच्छा संदेश नहीं दे रहे, उन्हें ऐसी परम्परा की शुरुआत करने से बचना चाहिए.
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सीएम गहलोत भी है आरोपी
मंत्री शेखावत ने सीएम गहलोत द्वारा केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उन पर पैसों को लेकर की गई टिप्पणी पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि सीएम गहलोत के इस बयान से यह बात तय है कि विधायकों के पास पैसा आने का प्रमाण सीएम गहलोत के पास है. प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धाराओं के तहत पहला तो पैसा लेने वाला दोषी है, आपने उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की? दूसरा- जानते हुए भी किसी व्यक्ति ने भ्रष्टाचार किया है और आपके पास प्रमाण हैं तो राज्य के गृह मंत्री और मुख्यमंत्री होने के नाते इस मामले में विधिक कार्रवाई करने की आपकी नैतिक और वैधानिक जिम्मेदारी है. यदि आपने उस पर कारवाई नहीं की तो इसका मतलब आप भी उसमें लिप्त हैं. आईपीसी की धारा 120बी के तहत आप भी आरोपी हैं.
सास – बहू के झगड़े में पड़ोसी को नहीं घसीटना चाहिए
मंत्री शेखावत ने उनके द्वारा गहलोत सरकार गिराने की साजिश रचने के सीएम गहलोत द्वारा लगाए गए आरोपों पर कहा कि सास और बहू के झगड़े में पड़ोसी को नहीं घसीटना चाहिए. जो विधायक उस वक्त वहां गए, उनके मोबाइल जब्त किए गए, परिवार से दूर किया गया. यदि किसी तरह की कोई बात थी तो मुकदमा दर्ज करवाना चाहिए. सरकार को इस मामले में अपनी एजेंसियों से जांच करवा लेनी चाहिए. यदि आपकी एजेंसियां जांच करने में सक्षम नहीं है तो मामला सीबीआई को सौंप देना चाहिए.
राजनीतिक दुर्भावना का अनूठा उदाहरण
मंत्री शेखावत ने सरकार गिराने के आरोपों पर कहा कि ब्यावर में रहने वाले व्यक्ति की शिकायत पर टेलीफोनिक बातचीत के आधार पर दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता है. उसके बाद दूसरा मुकदमा राष्ट्रदोह का दर्ज होता है और पन्द्रह दिन तक बयानबाजी करने के बाद उसे वापस ले लिया जाता है. तीन मुकदमे एसीबी में दर्ज कर लिए जाते है. एक किसी गजेन्द्र सिंह के खिलाफ, दूसरा भंवरलाल शर्मा और तीसरा संजय जैन के खिलाफ है. इन मुकदमों में भी भेदभावपूर्ण तरीके से कार्रवाई होती है. संजय को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि किसी गजेंद्र सिंह से वॉयस सैंपल मांगे गए और भंवरलाल शर्मा के साथ बैठकर कॉफी पी जा रही थी. विश्वेन्द्र सिंह के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया, लेकिन उन्हें मंत्री बना दिया गया. यह राजनीतिक दुर्भावना का अनूठा उदाहरण है.
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जनता को गुमराह कर रहे मुख्यमंत्री
मंत्री शेखावत ने आरोप लगाया कि कानून और उससे जुड़ी एजेंसियों का सबसे ज्यादा दुरुपयोग यह गहलोत सरकार कर रही है. लोकतंत्र खतरे में है, का नारा देने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस बात के उदाहरण हैं कि किस तरह राजनीतिक दुर्भावना के चलते एजेंसियों का दुरुपयोग किया जाता है. सीएम गहलोत राहत शिविर के नाम पर राजनीतिक भाषण देकर जनता को गुमराह कर रहे हैं, लेकिन राजस्थान की जनता अब गुमराह नहीं होने वाली है. जनता कांग्रेस सरकार को हासिए पर धकेलने का मानस बना चुकी है.
जिसकी हमारे नेतृत्व में आस्था, उसका स्वागत
मंत्री शेखावत ने गृह मंत्री और आप पर की गई टिप्पणियों के लिए मानहानि और एफआईआर दर्ज कराने जैसी कार्रवाई भाजपा की ओर से की जा रही है? इस सवाल पर कहा कि इस पर पार्टी में उच्च स्तर पर विचार हो रहा है. विचार के बाद भी जो भी आवश्यक होगा, किया जाएगा. सचिन पायलट के भाजपा में शामिल होने के लिए आमंत्रित करने के सवाल पर शेखावत ने कहा कि मैं पहले भी यह बात कह चुका हूं कि वह कोई भी व्यक्ति, जिसकी हमारी पार्टी की रीति-नीतियों में आस्था है. हमारे नेतृत्व में आस्था है, उसका भाजपा में स्वागत है.