Politalks.News/MaharashtraPolitics. महाराष्ट्र में हाल ही में हुए सत्ता परिवर्तन के बड़े सियासी भूचाल कर बाद राजनीतिक बयानबाजी और तीखी हो चली है. अब शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने शिवसेना के बागी विधायकों को ‘जुबान संभाल’ के बोलने’ की हिदायत देते हुए धमकी दी है कि ऐसा नही किया तो उनका घूमना फिरना मुश्किल हो जाएगा. दरअसल, शिंदे गुट के कई विधायक शिवसेना की वर्तमान स्थिति को लेकर राकंपा प्रमुख शरद पवार और पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर सवाल उठा रहे हैं. इसी बीच हाल ही में शिवसेना से निकाले गए रामदास कदम ने भी पवार परिवार पर आरोप लगाए थे. कदम ने शिवसेना की मौजूदा स्थिति का जिम्मेदार शरद पवार और अजित पवार को बताया था. कदम ने दावा किया था कि यह पवारों की साजिश थी, जिसके चलते वर्तमान हालात तैयार हुए हैं.
आपको बता दें, शिवसेना के कद्दावर नेता रहे रामदास कदम ने शिवसेना में करीब 52 साल तक काम करने के बाद आखिरकार 18 जुलाई को शिवसेना से इस्तीफा दे दिया है. रामदास ने जैसे ही अपने पद से इस्तीफा दिया, उसके बाद तुरंत उद्धव ठाकरे ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया. रामदास कदम ने मीडिया से बात करते हुए अपनी सफाई दी है कि उन्होंने शिवसेना नहीं छोड़ी है सिर्फ पद से इस्तीफा दिया है. रामदास कदम ने कहा कि, ‘उन्हें उम्मीद थी कि शायद इस्तीफा देने के बाद उद्धव ठाकरे उनसे बात करेंगे, इस विषय को लेकर चर्चा करेंगे, लेकिन उद्धव ठाकरे की तरफ से कोई पहल नहीं की गई. इससे वह बहुत दुखी हुए.’ यही नहीं रामदास कदम ने आगे दावा किया कि उन्होंने कई बार उद्धव ठाकरे को बताया था कि एनसीपी शिवसेना को खत्म करने की कोशिश कर रही है. इस दौरान कदम ने शरद पवार का भी नाम लेते हुए कहा कि शरद पवार ने शिवसेना को खत्म करने का संकल्प लिया है. कदम ने बताया कि उनका बेटा योगेश कदम विधायक है, लेकिन अजीत पवार शिवसेना के विधायकों को विकास निधि नहीं देते थे जबकि एनसीपी के पूर्व विधायक को 10 करोड़ का हाल ही में फंड दिया गया. बता दें, योगेश कदम एकनाथ शिंदे गुट में शामिल हैं.
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रामदास कदम के इस बयान के बाद बीते रोज मंगलवार को एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे, एनसीपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष सूरज चव्हाण और एमएलसी अमोल मितकारी ने कदम को जमकर घेरा. महेश तपासे ने कहा कि, ‘पूरा राज्य और देश जानता है कि क्या मजबूरियां थी, किसकी फाइलें कहां अटकी हुई थीं, जांचें, प्रलोभन या शिवसेना में इस विद्रोह के पीछे कौन है.’ वहीं चव्हाण ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का समर्थन करने वाले शिवसेना के बागी नेताओं को धमकी दी और पवारों के खिलाफ बोलने से पहले ‘भाषा की मर्यादा’ की सलाह दी. चव्हाण ने कहा कि, ‘वे क्या बोल रहे हैं, इसे लेकर उन्हें सतर्क रहना चाहिए… नहीं तो उनके लिए घूमना फिरना मुश्किल हो जाएगा.’
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वहीं एमएलसी अमोल मितकारी ने कदम से सवाल किया कि वे इतने समय से पार्टी में क्या कर रहे थे और अब NCP पर शिवसेना को खत्म करने के आरोप लगा रहे हैं. साथ ही मितकारी ने पवारों पर हमला करने से पहले सोचने के लिए कहा है. एनसीपी नेताओं ने बगावत के लिए भी बागी विधायकों पर निशाना साधा. बता दें कि केंद्र सरकार ने शिंदे समूह में आने वाले सांसदों की सुरक्षा भी बढ़ा दी है.