पंजाब कांग्रेस के नेता व पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने पिछले पंजाब विधानसभा चुनाव हारने के बाद राजनीति से लंबा ब्रेक लिया. पिछले तीन सालों में वे करीब करीब हर तरह के राजनीतिक मंच से गायब रहे लेकिन अब उन्होंने एक बार फिर राजनीति में वापसी के संकेत दिए हैं. इतना ही नहीं, उनकी पत्नी ने तो खुद राजनीति में वापस आने की बात स्वीकार की है. सिद्धू के हाल ही में कपिल शर्मा शो में उनकी फिर से वापसी की चर्चा हो रही थी. ऐसे में सियासी हलकों में ये भी बात उठ रही है कि वे जल्द ही राजनीति में वापसी करने जा रहे हैं. पंजाब की राजनीति में सिद्धू एक बड़ा नाम है. पंजाब विस चुनावों से पहले सिद्धू की वापसी कांग्रेस के लिए एक अच्छा संकेत माना जा रहा है.
अमृतसर के ज्ञानी टी स्टाल के बाहर नवजोत सिंह सिद्धू को देखकर जब मीडिया ने उनसे बात करनी चाही तो सिद्धू ने राज्य की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि पंजाब में कोई नीतिगत बदलाव नहीं किया गया है और सरकार केवल कर्ज लेकर राज्य चला रही हैं. उन्होंने कहा, ‘वो कभी राजनीति को धंधा नहीं समझते. उन्हें पंजाब से इश्क है और राजनीति उनका मिशन है. इश्क के बदले वो कुछ नहीं चाहते लेकिन जो भी पंजाब के लिए बदलाव और पॉलिसी की बात करेगा, वो उसके साथ होंगे.’
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सिद्धू ने पंजाब की आम आदमी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘पंजाब को माफिया की तरह चलाया जा रहा है. उनके अनुसार सरकार के पास राज्य के विकास का कोई विजन नहीं है. वे राजनीति में व्यापार करने नहीं, बल्कि परिवर्तन लाने आए थे.’
लंबे समय से राजनीतिक संन्यास पर सिद्धू
अपनी पत्नी और कांग्रेस नेता नवजोत कौर सिद्धू की गहरी बीमारी के चलते सिद्धू बीते कुछ सालों से राजनीति संन्यास पर रहे. यहां तक की कपिल शर्मा शो और क्रिकेट कॉमेन्टरी से भी वे गायब रहे. पत्नी की बीमारी ठीक होने के बाद उन्होंने सबसे पहले क्रिकेट के मैदान पर अपनी आवाज से रंग जमाना शुरू किया और अब कपिल शर्मा के एक शो के लिए जज की कुर्सी पर वापसी बैठे दिखाई देंगे. द ग्रेट इंडियन कपिल शो में वो छह साल के बाद वापसी कर रहे हैं. वहीं पिछले महीने उन्होंने अपने एक यूट्यूब चैनल को भी लॉन्च किया था.
पार्टी के लिए परेशानी का सबब भी हैं सिद्धू
नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी ईमानदारी का जिक्र करते हुए कहा कि 15 साल की राजनीति में उन पर कोई आरोप नहीं लगा. उन्होंने कहा कि मैंने अपना जमीर और किरदार गिरने नहीं दिया. पंजाब में बदलाव के लिए कोई पॉलिसी नहीं लाई गई, न ही प्रोग्राम का ऐलान किया गया. कई साल से कर्ज लेकर सरकार पंजाब चला रही हैं. उल्टा मुझ पर आरोप लगाते हैं कि ऊंची आवाज में बोलता है.
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वैसे कांग्रेस के लिए बार बार परेशानी का सबब बनने वाले सिद्धू लगता है कि अपनी पार्टी से भी खासा नाराज हैं. पिछले 30 सालों की सरकारों पर टिप्पणी करते हुए सिद्धू के ‘सभी सरकारें माफिया के नियंत्रण में थीं..’ बयान में उनकी नाराजगी की झलक स्पष्ट दिखाई देती है. खैर सिद्धू की राजनीति में वापसी और उनके चेहरे को जनता के बीच ले जाने से कांग्रेस 2027 के पंजाब विधानसभा चुनावों में फिर से पैर जमाने में कामयाब हो सकती है. वहीं नवजोत कौर सिद्धू भी टिकट मिलने पर चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुकी है. फिलहाल नवजोत कौर महिला संगठनों में एक्टिव हो रही हैं. अब देखना ये होगा कि कांग्रेस फिर से अपने पुराने खिलाड़ी पर दांव खेलना चाहेगी या फिर नहीं.