भाजपा के वरिष्ठ और संघ के करीबी ओम माथुर-राम माधव को नड्डा ने किया दरकिनार, अटकलों का बाजार गर्म

मोदी-शाह-नड्डा के अलावा संघ के सबसे करीबी और विश्वस्त माने जाने वाले ओम माथुर और राम माधव को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह नहीं मिलने के बाद अब इन दोनों नेताओं को मोदी मंत्रिमंडल में नई ज़िम्मेदारी दिए जाने को लेकर अटकलें हुईं तेज

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Politalks.News/Delhi. आठ महीने के लंबे इंतजार के बाद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा कर दी. जेपी नड्डा की नई टीम में पार्टी के वरिष्ठ नेता ओम माथुर और राम माधव का नाम नहीं होना सभी को चौंका गया. मोदी-शाह-नड्डा के अलावा संघ के सबसे करीबी और विश्वस्त माने जाने वाले ओम माथुर और राम माधव को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह नहीं मिलने के बाद अब इन दोनों नेताओं को मोदी मंत्रिमंडल में नई ज़िम्मेदारी दिए जाने को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं.

ओम माथुर ने अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी किया निर्वहन

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपनी नई टीम में पार्टी के वरिष्ठ नेता ओम माथुर का नाम भी गायब कर दिया. ओम माथुर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह और संघ का करीबी माना जाता है. आपको बता दें, ओम माथुर पिछली अमित शाह की टीम में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे थे. पार्टी के प्रमुख रणनीतिकारों में से एक माथुर को संगठन में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गई, जिनका माथुर ने बखूबी निर्वहन किया. बतौर चुनाव प्रभारी कई राज्यों में पार्टी की जीत में ओम माथुर की अहम भूमिका रही है. ऐसे में अब इस बात की चर्चा जोरों पर है कि ओम माथुर को संगठन के बजाये केंद्र सरकार में कोई बड़ी ज़िम्मेदारी दी जा सकती है. ओम माथुर के पास फिलहाल उत्तर प्रदेश के प्रभारी और झारखंड के चुनाव प्रभारी की ज़िम्मेदारी है.

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राजस्थान में बड़ी जिम्मेदारी मिलने की भी संभावना
नड्डा के नेतृत्व में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में ओम माथुर को जगह नहीं मिलने के बाद समर्थकों के बीच अलग-अलग राय देखी जा रही है. एक पक्ष का मानना है कि माथुर को केंद्रीय मंत्री बनाए जाने के लिए कार्यकारिणी में शामिल नहीं किया गया है, जबकि एक अन्य पक्ष द्वारा माथुर को राजस्थान में बड़ी ज़िम्मेदारी मिलने के कयास भी लगाए जा रहे हैं.

राम माधव भी होंगे मोदी केबिनेट में शामिल!

इसके अलावा बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने महासचिवों के रूप में राम माधव, पी मुरलीधर राव, अनिल जैन, सरोज पांडेय उमा भारती, प्रभात झा, विनय सहस्त्रबुद्धे, श्याम जाजू, अविनाश राय खन्ना जैसे नामों को भी नई टीम में जगह नहीं दी. इनमें सबसे ज्यादा चोंकाने वाला नाम है राम माधव, बता दें कि माधव की गिनती प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के करीबियों और बीजेपी के ताकतवर नेताओं में होती रही है.

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ऐसे में राम माधव को नड्डा की टीम में शामिल न किए जाने पर सोशल मीडिया पर भी यूजर्स ने जमकर कमेंट किए, किसी ने माधव के पर कतर जाने के कयास लगाए तो किसी ने उनके प्रमोशन के सियासी गलियारों में कयास लगाए जा रहे हैं. ओम माथुर की तरह ही राम माधव को लेकर भी यह माना जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी राम माधव को अपने मंत्रिमंडल में जगह दे सकते हैं.

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