पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान में युवा कांग्रेस अध्यक्ष के लिए सात साल बाद चुनाव हो रहे हैं. प्रदेश के करीब साढ़े चार लाख मतदाता युवा कांग्रेस के पांच पदों के लिए चार चरणों में मतदान करेंगे. 18 से 21 फरवरी तक चार चरणों में होने वाले इस चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया पूर्ण हो गई है. युवा प्रदेश अध्यक्ष के लिए फाइनल बचे 9 उम्मीदवारों में से तीन उम्मीदवारों के बीच होने वाले त्रिकोणीय मुकाबले में पॉलिटॉक्स के आंकलन के बाद लाडनूं विधायक मुकेश भाकर का युवा कांग्रेस का प्रदेशाध्यक्ष बनना लगभग तय है. पॉलिटॉक्स की टीम ने इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों से जानकारी और तथ्यात्मक रिपोर्ट जुटाई है. वहीं वर्तमान युवा कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चांदना का कहना है कि अभी तक मैनें किसी को समर्थन नहीं दिया है लेकिन जब करूंगा तो खुल कर समर्थन करूंगा.
बता दें, पिछले सात साल से युवा कांग्रेस की कमान संभाल रहे मौजूदा गहलोत सरकार में खेल व युवा मामलात मंत्री अशोक चांदना इस बार चुनाव नहीं लड रहे हैं. प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 23 प्रत्याशियों ने नामांकन किया था, जिसमें से योग्य 17 प्रत्याशियों की स्क्रूटनी के बाद प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए 9 उम्मीदवार मैदान में बचे हैं.
यूथ कांग्रेस के जिन पांच पदों पर सीधे चुनाव होगें उनमें अध्यक्ष, महासचिव, जिला अध्यक्ष, जिला महासचिव और विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष पद पर चुनाव होगा. प्रदेश अध्यक्ष पद पर प्राप्त कुल नामांकनों में से एआईसीसी की ओर से अध्यक्ष पद के लिए 9 प्रत्याशियों को ही योग्य माना गया है. इन 9 प्रत्याशियों में लाडनूं विधायक और एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष मुकेश भाकर, एनएसयूआई के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुमित भगासरा, गहलोत सरकार में मंत्री सालेह मोहम्मद के भाई और यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष अमरदीन फकीर, यूथ कांग्रेस के वर्तमान महामंत्री सत्यवीर अलोरिया, एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष राकेश मीणा, परमिंदर सिहाग, रोमा जैन, संजीता सिहाग और यशवीर हैं.
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प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए बचे इन 9 उम्मीदवारों में से मुकेश भाकर, सुमित भगासरा और अमरदीन फकीर के बीच त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है. बता दें, मुकेश भाकर और सुमित भगासरा दोनों ही एनएसयूआई के अध्यक्ष भी रह चुके हैं, वहीं अमरदीन फकीर फिलहाल एनएसयूआई के उपाध्यक्ष हैं. लेकिन इन तीनों उम्मीदवारो के बीच अगर बात करें प्रदेश भर के युवाओं में मजबूत पकड की तो मुकेश भाकर का नाम सबसे ऊपर है. वर्तमान में मुकेश भाकर नागौर जिले के लाडनूं विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी हैं. छात्र राजनीति के समय से युवाओं में पकड रखने वाले भाकर 2013 से 2015 तक एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वहीं 2015 से 2016 तक एनएसयूआई में राष्ट्रीय सचिव रह चुके हैं. पिछले प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में भी भांकर बहुत एक्टिव थे और अशोक चांदना को चुनाव जीतवाने में अहम भूमिका भाकर ने निभाई थी.
पॉलिटॉक्स को मिली जानकारी के अनुसार मुकेश भाकर का उद्देश्य विधायक से ज्यादा युवा कांग्रेस अध्यक्ष बनने का रहा है, जिसके लिए वो पिछले 6 साल से तैयारी कर रहे हैं. भाकर ने एनएसयूआई का प्रदेश अध्यक्ष रहते ही यह तय कर लिया था कि उन्हें प्रदेश युवा कांग्रेस का प्रदेशाध्यक्ष बनना है. इसिलिए तब से ही वो इस चुनाव की तैयारी कर रहे हैं. इसी के चलते प्रदेश के लगभग सभी विधानसभा क्षेत्रों में भाकर की एक टीम पूरी तरह से सक्रिय है. उनकी टीम के सदस्य प्रदेश के सभी जिलों में जिलाध्यक्ष, जिला महासचिव व विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष का चुनाव भी लड रहे हैं. वहीं खुद मुकेश भाकर पिछले कुछ दिनों में प्रदेश के 22 जिलों का दौरा कर चुके हैं. वहीं वर्तमान विधायक होने के नाते मिली लोकप्रियता से होने वाले फायदे को भी नकारा नहीं जा सकता है.
वहीं बात करें एनएसयूआई के अध्यक्ष रह चुके सुमित भगासरा की तो भगासरा पिछले कुछ सालों से विदेश में थे लेकिन उसके बावजूद उन्होंने भी युवाओं पर अपनी पकड़ को बनाए रखा है. यही वजह है कि शेष बचे 9 उम्मीदवारों में से भगासरा टॉप 3 में है और चुनावी टक्कर दे रहे हैं.
अब बात करें यूथ कांग्रेस के वर्तमान उपाध्यक्ष अमरदीन फकीर की तो अमरदीन को खुद के साथ-साथ अपने भाई और सरकार में मंत्री सालेह मोहम्मद की लोकप्रियता का फायदा जरूर मिल रहा है लेकिन उनका यह प्रभाव जैसलमेर और बाडमेर के युवाओं में ही सबसे ज्यादा देखा जा रहा है. ऐसे में सुमित भगासरा और अमरदीन फकीर दोनों पर ही मुकेश भाकर भारी पडते हुए दिखाई दे रहे हैं. हालांकि यह हमारा पूर्वानुमान है, असली नतीजा तो 23 फरवरी को ही फाइनल हो पाएगा.
युवा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के लिए होने वाले चुनावों और पिछले सात साल के अपने अनुभव को बताते हुए पर अशोक चांदना ने कहा कि सात साल मैं युवा कांग्रेस का अध्यक्ष हूं. पिछले सात सालों में मैं पार्टी के लिए जो काम कर सकता था वो मैन किया. यह चुनाव एनएसयूआई व युवा कांग्रेस के साथियों के लिए एक राजनीतिक कौशलता को निखारने का एक मौका है. वहीं उनके द्वारा चुनाव नहीं लडने के सवाल पर चांदना ने कहा कि अगर मैं इस बार चुनाव लडता तो हार जीत तो तय नहीं है, लेकिन अगर फिर बन जाता तो एक नया साथी पार्टी के लिए अहम व्यक्ति कम कर देता. मैं अब सीनियर कांग्रेस के लिए काम करूंगा और नए अध्यक्ष को बडे भाई के रूप में काम सिखाउंगा. वहीं चुनाव में किस प्रत्याशी को उनका समर्थन रहेगा, इस सवाल पर चांदना ने कहा कि अभी किसी को भी समर्थन देने के बारे में सोचा नहीं है लेकिन अगर किसी को भी समर्थन दूंगा तो खुल कर दूंगा.
बता दें, प्रदेश में युवा कांग्रेस के लिए पांच पदों पर होने वाले सीधे चुनावों में प्रदेश अध्यक्ष पद पर जो सर्वाधिक वोट लायेगा वह अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होगा. वहीं अध्यक्ष पद पर चुनाव हारने वाले उम्मीदवारों में से सर्वाधिक वोट लाने वाले चार प्रत्याशियों को उपाध्यक्ष बनाया जायेगा जिसमें दो सामान्य वर्ग से, एक महिला वर्ग और एक एससी-एसटी से होगा. प्रदेश महासचिव के लिए सीधा चुनाव होगा जिसके लिए कुल 71 लोगों ने आवेदन किए है. इनमें से पहले 12 नंबर तक आने वाले उम्मीदवारों को महासचिव बनाया जाएगा. वहीं इसके बाद आने वाले 39 उम्मीदवारों को प्रदेश सचिव बनाया जायेगा. इसी प्रकार प्रदेश कांग्रेस संगठन के 39 जिलों में जिलाध्यक्ष और महासचिव के लिए सीधे सीधे चुनाव होंगे वहीं हारने वाले उम्मीदवारों में से जिला उपाध्यक्ष और सचिव बनाया जायेगा. इसके साथ ही 200 विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष का भी चुनाव होगा.