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लोकसभा चुनाव के सातों चरण का मतदान संपन्न होने के बाद अब हर कोई 23 मई को आने वाले परिणामों का बेसब्री से इंतजार कर रहा है. वहीं एग्जिट पोल ने यूपीए की टेंशन बढ़ा दी लेकिन एनडीए खासा उत्साहित नजर आ रहा है. यूपीए के मुख्य घटक दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए मध्यप्रदेश से एक बुरी खबर है. बीजेपी ने मध्यप्रदेश के राज्यपाल को पत्र लिखकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है. साथ ही अल्पमत की कमलनाथ सरकार को बहुमत साबित करने की बात भी कही गई है. जिसके बाद कमलनाथ सरकार पर तलवार लटकती दिख रही है.

लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले मध्यप्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार सुर्खियां बन गई है. यहां बीजेपी ने राज्यपाल को पत्र लिखकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर सियासी पारा गर्मा दिया है. जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश बीजेपी ने प्रदेश के राज्यपाल को एक पत्र लिखा है. जिसमें मांग की गई है कि राज्य की कमलनाथ सरकार अल्पमत में है. इसके अलावा बीजेपी ने राज्यपाल से विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित करने की मांग के साथ कमलनाथ सरकार को बहुमत साबित करने की बात कही है. जिसके बाद एमपी की सियासत में भूचाल आना लाजमी है.

मध्यप्रदेश बीजेपी व विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने मीडिया से यह जानकारी साझा करते हुए कहा कि इस संबध में हमने राजभवन जाकर राज्यपाल को पत्र दिया है. उन्होंने कहा कि पत्र में उनकी ओर से कहा गया है कि राज्य की कमलनाथ सरकार अल्पमत में है और उन्हें बहुमत साबित करना चाहिए. इसके लिए उन्होंने राज्यपाल से विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है. बता दें कि इससे पहले बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि लोकसभा चुनाव के बाद कमलनाथ 20 दिन भी सीएम नहीं रह सकेंगे.

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत का दावा किया था. इसका पलटवार करते हुए बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने उनके दावे को नकारते हुए खुद कमलनाथ पर तंज कसा था कि लोकसभा चुनाव के बाद कमलनाथ 20 से 22 दिन तक मुख्यमंत्री रह पाएंगे या नहीं, इस पर ही सवालिया निशान है. विजयवर्गीय ने आगे कहा कि इंदौर में कभी भी कांटे का मुकाबला नहीं रहा. हम पिछली बार से ज्यादा वोटों से ये सीट जीतेंगे. उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में बीजेपी की पिछले चुनाव में जितनी सीटें थी, उससे एक या दो सीट और बढ़ेंगी.

साथ ही विजयवर्गीय ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भी निशाने पर लेते हुए कटाक्ष किया कि उन्होंने कहा था कि 10 दिन में किसानों का कर्जा माफ किया जाएगा और अगर ऐसा नहीं हुआ तो वे मुख्यमंत्री को बदल देंगे लेकिन राहुल गांधी ऐसा नहीं कर पाए. इस दावे के बाद मध्यप्रदेश की जनता ने विधायकों को गांवों में घुसने तक नहीं दिया जिसके बाद अब विधायक ही राहुल गांधी की इस बात को पूरा करेंगे.

विजयवर्गीय के इस बयान के बाद कांग्रेस ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. सीएम कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा है कि कैलाश विजयवर्गीय अपने पश्चिम बंगाल के प्रभारी पद की चिंता करे, जो 23 मई के चुनाव नतीजों के बाद खतरे में आने वाला है. कमलनाथ तो पूरे पांच साल मुख्यमंत्री बने ही रहने वाले हैं.

बता दें कि हाल ही में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश में कांग्रेस के खाते में 20 से 22 सीटें आने का दावा किया था. जिसके बाद बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने यह प्रतिक्रिया दी है. विधानसभा चुनावों में प्रदेश की 230 सीटों में से 114 सीटें कांग्रेस के कब्जे में है. वहीं बीजेपी 109 पर जीतने में कामयाब रही थी. इसके अलावा दो पर बसपा व पांच सीटों पर अन्य ने जीत दर्ज की थी. कांग्रेस को 116 का जादूई आंकड़ा पार करवाने के लिए बसपा ने समर्थन दिया और सरकार बनाई.

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