पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. देशभर में कोरोना कहर के चलते जारी लॉकडाउन के कारण पिछले 22 दिनों से काम धंधे ठप्प है. औद्योगिक इकाइयों के बंद होने से अब बाजार में रोजमर्रा में काम आने वाली जरूरत की चीजों में भी कमी आने लगी है. इसके साथ ही औद्योगिक इकाइयों के बंद होने से हजारों मजदूरों की रोजी रोटी पर भी संकट के बादल गहरा गए हैं. इन परिस्थितियों को देखते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 21 अप्रैल से प्रदेश में योजनाबद्ध तरीके से मॉडिफाइड लॉकडाउन लागू करने का महत्वपूर्ण फैसला लिया है. जिसके तहत मुख्यमंत्री गहलोत ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों एवं शहरी क्षेत्रों में 20 अप्रैल के बाद से औद्योगिक इकाइयों को शुरू करने के निर्देश दिए हैं. इससे प्रदेश में मौजूद प्रवासी मजदूरों को रोजगार भी मिल सकेगा. इसके साथ ही संवेदनशील मुख्यमंत्री गहलोत ने किसानों को एक और बड़ी राहत देते हुए खरीफ की खेती के लिए मुफ्त बीज उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दैनिक दिनचर्या के तहत बुधवार को भी अपने निवास पर लॉकडाउन को लेकर उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान सीएम गहलोत ने निर्देश देते हुए कहा कि शहरी क्षेत्रों में ऐसे उद्योग जहां श्रमिकों के लिए कार्य स्थल पर ही रहने की सुविधा उपलब्ध है, उन्हें शुरू किया जाए. इनमें बाहर से मजदूरों के आवागमन की अनुमति नहीं होगी. सीएम गहलोत ने निर्देश दिए कि जिला कलेक्टर, रीको, जिला उद्योग केन्द्र तथा पुलिस आपस में समन्वय स्थापित कर यह सुनिश्चित करें, कि लॉकडाउन के दौरान उद्योगों के शुरू होने में कोई परेशानी नहीं आए. सीएम गहलोत ने आगे कहा कि ऐसी पुख्ता व्यवस्था की जाए जिससे उद्यमी किसी प्रकार की आवश्यकता होने पर संबंधित अधिकारी से सम्पर्क कर सकें. इसके साथ ही मजदूरों तथा कर्मचारियों के आने-जाने में पास की व्यवस्था को सुगम किया जाए.
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अन्य सरकारी कार्यालय भी खुलेंगे
इसी क्रम में मुख्यमंत्री गहलोत ने सरकारी कार्यालयों को भी चरणबद्ध तरीके से खोलने के निर्देश देते हुए कहा कि वर्तमान में आवश्यक सेवाओं में आने वाले विभाग पूरी तरह काम कर रहे हैं. इनके साथ ही अन्य कार्यालयों में भी आने वाले समय में काम शुरू किया जाए और इनमें ग्रुप ए और बी के अधिकारियों की उपस्थिति आवश्यकता अनुसार सुनिश्चित की जाए. इसके साथ ही ग्रुप-सी और ग्रुप-डी के एक तिहाई कार्मिकों को सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए कार्यालयों में बुलाया जाए.
शुरू होंगे सार्वजनिक निर्माण और सिंचाई के काम
वहीं मुख्यमंत्री गहलोत ने यह भी निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक निर्माण एवं सिंचाई से संबंधित कार्य शुरू किए जाएं. इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग एवं स्वास्थ्य से संबंधित अन्य प्रोटोकॉल को फॉलो करते हुए मनरेगा के कार्यों में भी तेजी लाई जाए. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में श्रमिकों के लिए रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध हो सकेंगे. सीएम गहलोत ने आगे कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के हॉटस्पॉट बन रहे जिन स्थानों पर कर्फ्यू लागू है, वहां कर्फ्यू की सख्ती से पालना की जाए. मॉडिफाइड लॉकडाउन के दौरान इन क्षेत्रों से किसी को भी आने-जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी. इनमें कर्मचारी भी शामिल हैं.
सीएम गहलोत ने आगे कहा कि भारत सरकार ने 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने को लेकर जो विस्तृत गाइडलाइंस जारी की है, उसकी प्रदेश की परिस्थितियों के मद्देनजर पूरी पालना सुनिश्चित की जाए. राज्य सरकार इस महामारी से आमजन की रक्षा तथा आर्थिक गतिविधियों को सुचारू बनाने के लिए केन्द्र से समन्वय के साथ काम कर रही है.
किसानों को बड़ी राहत मुफ्त मिलेंगे बीज
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के लाखों किसानों को कोरोना संकट के दौर में एक और बड़ी राहत देते हुए खरीफ सीजन 2020 के लिए मक्का और बाजरा के प्रमाणित बीज निःशुल्क उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. सीएम गहलोत ने इसके लिए राजस्थान राज्य बीज निगम लिमिटेड द्वारा राष्ट्रीय बीज निगम से प्रमाणित बीजों की खरीद के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है.
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वित्त विभाग के प्रस्ताव के अनुसार, खरीफ सीजन के दौरान प्रदेश के अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में 5 लाख किसानों को मक्का के प्रमाणित बीज के 5 किलोग्राम के मिनीकिट और सभी बाजरा उत्पादक जिलों के 10 लाख किसानों को 1.5 किलोग्राम के बाजरा के प्रमाणित बीज के मिनीकिट निःशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे. सीएम गहलोत ने राज्य बीज निगम को राष्ट्रीय बीज निगम से खरीफ सीजन 2020 के लिए सोयाबीन के 26 हजार क्विंटल प्रमाणित बीज और 14 हजार क्विंटल सोयाबीन के आधार बीज की खरीद के लिए भी स्वीकृति दे दी है.