Politalks.News/Maharashtra-Delhi. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) पश्चिम बंगाल से बाहर निकलकर लगातार देश के अन्य राज्यों में अपना कुनबा बढ़ा रही हैं और गैर-कांग्रेसी विपक्षी दलों से मुलाकात कर बीजेपी के खिलाफ एक अलग ही मोर्चा बनाने की तैयारी में हैं. इसी कड़ी में इन दिनों दीदी मिशन महाराष्ट्र पर हैं. बुधवार को ममता दीदी ने मुंबई में सिविल सोसायटी के सदस्यों से बात करते हुए भाजपा को 2024 के आम चुनाव में हराने का प्लान बताया. तो वहीं ममता बनर्जी ने कांग्रेस (Congress party) के अघोषित अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul gandhi)पर बड़ा निशाना साधते हुए कहा कि, ‘अगर कोई कुछ करता नहीं और विदेश में रहेगा तो कैसे चलेगा, यदि सभी क्षेत्रीय दल एक साथ आते हैं तो फिर भाजपा को हराना आसान होगा‘.
इस तरह ममता बनर्जी ने साफ संकेत दिया कि आने वाले दिनों में उनका कुछ और क्षेत्रीय दलों को अपने साथ जोड़ने का प्लान है. इसके साथ ही इशारों में ममता दीदी ये भी कह गईं कि अगर कांग्रेस आगे नहीं आती है तो क्षेत्रीय दलों को आगे आना चाहिए. ममता बनर्जी ने मंगलवार को ही शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे और राज्यसभा सांसद संजय राउत से मुलाकात की थी, तो वहीं आज बुधवार को टीएमसी सुप्रीमो बनर्जी ने NCP सुप्रीमो शरद पवार (Sharad Pawar)से मुलाकात की. तो वहीं महाराष्ट्र में ममता दीदी का अमिताभ बच्चन समेत अन्य दिग्गजों से भी मुलाकात का कार्यक्रम है.
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ममता बनर्जी का राहुल गांधी पर सबसे बड़ा हमला
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने बिना नाम लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर टिप्पणी करते हुए उनके विदेश दौरों पर सवाल उठाए हैं. ममता बनर्जी से विपक्षी एकता और राहुल गांधी के रोल को लेकर सवाल पूछा गया तो ममता ने कहा कि, ‘अगर कोई कुछ करता नहीं और विदेश में रहेगा तो कैसे चलेगा.’ ममता बनर्जी से जब पूछा गया कि क्या वे केंद्र सरकार के विरुद्ध विपक्ष का चेहरा बनेंगी तो उन्होंने कहा कि, ‘वे एक छोटी वर्कर हैं और वर्कर बनी रहना चाहती हैं.’ ममता बनर्जी ने हालांकि यह भी कहा कि, ‘जो खुद पर भरोसा रखते हैं वो सब कर पाते हैं.’
‘क्षेत्रीय पार्टियां साथ आएं तो भाजपा को जाना होगा’
ममता बनर्जी बनर्जी ने कहा कि, ‘हमारे बंगाल में सब अच्छा है, लेकिन हमें बाहर आना पड़ा. हमारे आने से एक कंपिटीशन बढ़ेगा. अगर कोई कुछ करता नहीं है.. विदेश में रहेगा तो कैसे चलेगा, सभी रिजिनल पार्टी साथ आए अगर सभी रिजिनल पार्टी साथ आए तो बीजेपी को जाना होगा’.
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NCP सुप्रीमो शरद पवार से मिलीं ममता दीदी
महाराष्ट्र दौरे के दौरान ममता बनर्जी ने आज NCP सुप्रीमो शरद पवार से मुलाकात की. इसके बाद दोनों नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की. जिसमें शरद पवार ने कहा कि, ‘ममता बनर्जी के साथ कई मुद्दों पर चर्चा हुई. लोकतंत्र को बचाने के लिए एक साथ काम करना होगा. केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ एकजुट होना होगा. सीधी बात है कि जो भी बीजेपी के खिलाफ हैं, वो आएंगे तो हम उनका स्वागत करेंगे’. इधर टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा कि, ‘देश में फासिज्म चल रहा है इसलिए एक अल्टरनेटिव फोर्स बनानी चाहिए. ये अकेले रहने से नहीं होगा, अगर कोई लड़ता नहीं हैं तो हम क्या करेंगे? स्ट्रॉन्ग अल्टरनेटिव फोर्स बनाने पर बात होनी चाहिए. यूपीए क्या? अभी यूपीए नहीं है’.
प्रशांत किशोर की रणनीति पर आगे बढ़ रही हैं ममता
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी अपने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की रणनीति पर कदम बढ़ा रही हैं. इसी के तहत एक तरफ जहां कांग्रेस में सेंधमारी तो दूसरी ओर कांग्रेस की सहयोगी पार्टियों से लेकर दिग्गज नेता सुब्रमण्यम स्वामी जैसे भाजपा नेताओं को अपने साथ जोड़ने की कोशिशें हो रही हैं. असम, त्रिपुरा, मेघालय, गोवा, बिहार, उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों के कांग्रेसी नेताओं को तृणमूल में शामिल कराया जा रहा है. पिछले सप्ताह ही दिल्ली में ममता ने कांग्रेस नेता कीर्ति आजाद, हरियाणा के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर, जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व महासचिव पवन वर्मा को तृणमूल का झंडा थमाया है. साथ में गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर और लेखक व स्तंभकार सुधींद्र कुलकर्णी से भी मुलाकात की. यह राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे बुद्धिजीवियों को अपने पाले में लाने की उनकी कोशिश है, जिन्हें नरेन्द्र मोदी विरोधी मना जाता है.
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लगातार कांग्रेस को तोड़ रही हैं ममता
आपको बता दें, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इससे पहले गोवा भी गई थीं, जहां बनर्जी ने पूर्व सीएम लुईजिन्हो फलेरियो समेत कांग्रेस को कई नेताओं को टीएमसी में शामिल कराया है. इसके अलावा हाल ही में दिल्ली दौरे के दौरान टीएमसी प्रमुख बनर्जी ने बिहार कांग्रेस के नेता कीर्ति आजाद और हरियाणा के नेता एवं राहुल गांधी के करीबी अशोक तंवर को भी पार्टी की सदस्यता दिलाई थी. जेडीयू से पवन वर्मा और भाजपा के पूर्व सीनियर लीडर यशवंत सिन्हा भी अब टीएमसी का हिस्सा हैं. इस तरह तृणमूल कांग्रेस ने लगातार अपने अभियान को आगे बढ़ाया है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस को बीजेपी के खिलाफ कमजोर बताते हुए लगातार हमला बोला है। यहां तक कि ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी भी भाजपा पर खुलकर हमला कर चुके हैं।
कांग्रेस को बड़े संकेत दे चुकी हैं ममता
यही नहीं अपने हालिया दौरे में सोनिया गांधी से मुलाकात न करने को लेकर जब सवाल पूछा तो उन्होंने तंज कसते हुए कहा था कि, ‘क्या यह संविधान में लिखा है कि उनसे हर बार मिलना है.’ यही नहीं टीएमसी ने ममता बनर्जी को 2024 के चुनाव में विपक्ष के चेहरे के तौर पर पेश करने का फैसला लिया है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ममता बनर्जी खुद को पीएम फेस के तौर पर पेश करना चाहती हैं, इसीलिए वह राहुल गांधी और कांग्रेस को भाव देने के मूड में नहीं हैं. इसी रणनीति के तहत वह देश भर में उन राज्यों में घूम रही हैं, जहां कांग्रेस का संगठन कमजोर है या फिर वह भाजपा के मुकाबले खड़े होने की स्थिति में नहीं है.