Politalks.News/MaharashtraPoliticalCrisis. महाराष्ट्र विधानपरिषद के चुनाव क्या ख़त्म हुए सूबे के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की तो मानों नींद ही उड़ गई. महाराष्ट्र सरकार में नगर विकास मंत्री एवं उद्धव ठाकरे के करीबी एकनाथ शिंदे ने पार्टी से बगावत कर दी है. एकनाथ शिंदे अपने साथ 29 विधायकों को लेकर गुजरात के सूरत स्थित एक होटल में डेरा डाले बैठे हैं. इसी बीच पुरे सियासी घटना क्रम के बीच शिंदे को पार्टी ने विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया. उसके तुरंत बाद एकनाथ की पहली प्रतिक्रिया सामने आई, जिसमें उन्होंने का खुद को बालासाहेब का सच्चा शिवसैनिक बताया. वहीं महाराष्ट्र में आए सियासी संकट को लेकर जहाँ बीजेपी आलाकमान दिल्ली में बैठके कर रहा है तो वहीं NCP और शिवसेना नेताओं का कहना है महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में आगे भी सरकार चलती रहेगी.
एक तरफ जहां शेयर मार्केट में मंगलवार के दिन सब मंगल हो रहा है तो वहीं महाराष्ट्र की उद्धव सरकार के लिए अब तक का दिन अमंगलकारी रहा है. महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार पर छाए सियासी संकट लगातार बरक़रार है. सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे अपने यानी, शिवसेना के 15 और 14 निर्दलीय विधायकों के साथ गुजरात के सूरत जा बसे. इस टोली में शिंदे के अलावा 3 मंत्री और हैं. सूत्रों का दावा है कि एकनाथ शिंदे ने राकांपा और कांग्रेस से गठबंधन तोड़ भाजपा के साथ गठबंधन की शर्त रखी है. साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि एकनाथ शिंदे खुद को मुख्यमंत्री बनाये जाने की भी मांग कर रहे थे. फिलहाल शिवसेना ने बड़ा फैसला लेते हुए उन्हें विधायक दल के नेता के पद से निष्काषित कर दिया है. तो वहीं पार्टी के इस फैसले के बाद एकनाथ शिंदे की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है.
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एकनाथ शिंदे ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘हम बालासाहेब के पक्के शिवसैनिक हैं… बालासाहेब ने हमें हिंदुत्व सिखाया है.. बालासाहेब के विचारों और धर्मवीर आनंद दीघे साहब की शिक्षाओं को ध्यान में रखते हुए हम सत्ता के लिए ना तो कभी धोखा दिया है और न कभी धोखा देंगे.’ सूत्रों का ये भी कहना है शिवसेना के दो दिग्गज नेताओं को एकनाथ शिंदे से बात करने के लिए सूरत भी भेजा गया है. वहीं NCP प्रमुख शरद पवार ने भी इस सियासी संकट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. पवार ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘ये शिवसेना का आंतरिक मामला है. हम शिवसेना के हर फैसले के साथ हैं. महाराष्ट्र में पहले भी दो बार सरकार गिराने की कोशिश हुई थी लेकिन कुछ नहीं हुआ. इस बार भी उद्धव ठाकरे के नेतृत्व महाविकास अघाड़ी सरकार आगे चलेगी.’
पवार ने शिंदे पर कार्रवाई को लेकर कहा कि, ‘एकनाथ शिंदे शिवसेना के नेता हैं. उनपर अगर उनकी पार्टी कोई भी एक्शन लेती है तो हम उनके साथ हैं.’ वहीं शिवसेना नेता एवं राज्यसभा सांसद संजय राउत की भी इस पुरे मामले में प्रतिक्रिया सामने आई है. संजय राउत ने कहा कि, ‘महाराष्ट्र में नहीं आएगा कोई सियासी भूकंप, बीजेपी पहले भी कर चुकी है इस तरह की कोशिश लेकिन इस बार भी वह सफल नहीं होगी. हम महाराष्ट्र सरकार को स्थिर नहीं होने देंगे. हां कुछ विधायकों से संपर्क नहीं हो पा रहा लेकिन सभी विधायक जल्द लौटेंगे. एकनाथ शिंदे से हमारी किसी तरह की कोई लड़ाई नहीं है वे जल्द ही घर लौटेंगे.’
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वहीं कांग्रेस ने महाराष्ट्र में आए सियासी संकट को भांपते हुए मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को महाराष्ट्र का पर्वेक्षक बनाया है. जल्द ही कमलनाथ महाराष्ट्र पहुँच पार्टी के नेताओं से मुलाकात करेंगे. तो वहीं बीजेपी इस पुरे घटनाक्रम को लेकर एक्शन में आ गई है. दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एवं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमतंरी देवेंद्र फडणवीस की बीच बैठक चल रही है. सूत्रों का कहना है कि महाराष्ट्र भाजपा के 105 विधायक देर रात तक अहमदाबाद शिफ्ट किये जा सकते हैं. वहीं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे खुद अपने आवास पर शिवसेना विधायकों के साथ चर्चा कर रहे हैं.