Politalks.News/Rajasthan. पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) आज झुंझुनूं और अलवर (Alwer) को दौरे पर रहीं. इस दौरान मैडम राजे ने झुंझुनूं (JHUNJHUNU) में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित (express condolences ) कर परिवार को ढांढस बंधाया तो अलवर में मैडम राजे पूर्व विधायक और भाजपा पदाधिकारियों के यहां शोक जताने पहुंचीं. झुंझुनूं और अलवर दोनों जगह मैडम राजे के स्वागत के लिए कार्यकर्ताओं और समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा, यहां तक की झुंझुनू में तो कार्यकार्ताओं भीड़ को देखते हुए रास्ता तक बदलना पड़ा और मैडम राजे के काफिले को खेतों में से निकालना पड़ा. इस दौरान झुंझुनूं में पार्टी से जुड़े सवाल पर मैडम राजे ने कहा कि, ‘शहीदों के यहां आईं हूं, नो पॉलिटिक्स प्लीज‘.
झुंझुनूं में शहीदों को अर्पित की श्रद्धांजलि
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे आज सबसे पहले झुंझुनूं के घरड़ाना खुर्द पहुंचीं और कुन्नूर हैलीकॉप्टर हादसे में शहीद हुए स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप सिंह राव के घर पहुंचकर शहीद के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किए. इस दौरान मैडम राजे ने वीरांगना यश्विनी और वीरमाता कमला से मुलाकात कर सांत्वना दी. इसके बाद मैडम राजे भैसावता कला के शहीद सुजान सिंह के गांव गई जहां उन्होंने शहीद को श्रद्धांजलि दी और उनकी पत्नी मंजू को सांत्वना दी. इसके बाद मैडम राजे वापस घरड़ाना खुर्द आई जहां उन्होंने शहीदों की श्रद्धाजलि सभा में भाग लिया जहां 2 मिनट का मौन रख कर हज़ारों लोगों ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी.
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‘शहादत और सिसकियों के बीच सियासत की बात मत करो’
शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद मीडिया के एक सियासी सवाल के जवाब में पूर्व सीएम मैडम राजे ने कहा ‘नो पॉलिटिक्स प्लीज़‘. मैडम राजे ने कहा कि, ‘शहादत और सिसकियों के बीच सियासत की बात मत करो‘. पत्रकारों ने मैडम राजे से पूछा था कि झुंझुनूं में आयोजित भाजपा की आक्रोश रैली में पहले तो भाजपा के पोस्टर में आपका फ़ोटो लगाया, फिर हटा दिया, भाजपा में ऐसा क्यों हो रहा है? इस सवाल के जवाब में पूर्व सीएम राजे ने कहा कि, ‘यह शहीदों का श्रद्धांजलि कार्यक्रम है और मैं यहां शहीदों को श्रद्धांजलि देने आई हैं, राजनीति करने नहीं. ये वक़्त शहीदों के शौर्य की बात करने का, उनके परिजनों को सांत्वना देने का है, ऐसे सवाल-जवाब करने का नहीं. शहीदों का सम्मान हम सब देशवासियों के लिए सबसे ऊपर होना चाहिए‘.
उमड़ी भीड़ से लगा जाम, खेतों से निकला मैडम राजे का काफिला
आपको बता दें कि झुंझुनूं के घरड़ाना खुर्द के वीर सपूत कुलदीप सिंह राव को श्रद्धांजलि दे कर जब वसुंधरा राजे भैसावता कला के शहीद सुजान सिंह के गांव के लिये रवाना हुईं तो घरड़ाना खुर्द से भेसावता कला के बीच सड़क पर जाम लग गया. यहां तक कि जबरदस्त भीड़ के चलते मैडम राजे की गाड़ी भी नहीं निकल पाई, बाद में खेतों के बीच से होकर ही उनका क़ाफ़िला भैसावता पहुंच पाया. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे आज झुंझुनूं के दौरे में पूर्व सांसद संतोष अहलावत, पूर्व जिलाध्यक्ष राजीव सिंह, पूर्व विधायक सुन्दरलाल सहित अन्य ही साथ रहे. जबकि वर्तमान सांसद नरेन्द्र कुमार, सुरजगढ़ विधायक सुभाष पूनियां, जिलाध्यक्ष पवन मांवडिया सहित भाजपा नेता राजे के दौरे में कहीं नहीं दिखे. मैडम राजे ने जाते जाते यह भी कह दिया कि, ‘वे यहां नई उर्जा लेकर जा रही हैं. सब कुछ अच्छा ही होगा‘.
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अशोक परनामी ने संभाली दौरे की जिम्मेदारी
झुंझुनूं से मैडम राजे अलवर पहुंचीं. जहां बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया. मैडम राजे पूर्व विधायक जीतमल जैन और पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष पं धर्मवीर शर्मा के घर पहुंचीं और श्रद्धांजलि अर्पित की. मैडम राजे के अलवर दौरे की सभी जिम्मेदारी यहां पूर्व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने संभाल रखी थी. पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा इस दौरे की तैयारियों में कई दिनों से लगे थे.
मैं राजनीति की बात नहीं करने आई हूं. मैं फिर से उस रिश्ते को जोड़ने आई हूं- मैडम राजे
अलवर हैलीपेड पर मैडम वसुंधरा राजे ने कहा कि, ‘मैं राजनीति की बात नहीं करने आई हूं. मैं फिर से उस रिश्ते को जोड़ने आई हूं, ये रिश्ता हमारे परिवार का है, ये रिश्ता हम सबका है. इसमें कोई जाति नहीं है बल्कि इसमें 36 जातियां हैं और वो सब एक परिवार है’. मैडम राजे ने कहा कि, ‘आजकल की राजनीति बहुत ही अलग हो गई है. मैं तो यह देखती हूं राजनीति एक दूसरे को खींचने वाली हो गई है. कैसे एक दूसरे की खिलाफत करें, कैसे राजनीति में जाति व मजहब को लेकर आएं, असल में वही हिम्मतदार है, जो 36 कौम को छाती से लगाए, सब मजहब को साथ लेकर चले, वही साहसी व्यक्ति है.’
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इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भीड़ से भी पूछा कि, ‘आपमें से कौन हिम्मतवाला है जो 36 जाति व सब मजहब को गले लगाकर चलने वाला है. कोई मुसीबत आने पर एक आवाज में सब साथ खड़े हो जाएं. हम सब यही चाहते हैं. वाकई में हमें बंटना नहीं है. हमें दिनों-दिन दोगुने और तीन गुना बढ़ते जाना है, मेरे कहने का मतलब यही है बांटना नहीं है, जोड़ना है, ताकत को बढ़ाते रहना है’.