HimachalAssemblyElection. हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों पर मतदान शाम 5 बजे समाप्त हो गया है. निर्वाचन आयोग के अनुसार शाम 5 बजे तक लगभग 65.92 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया. हालांकि मतदान के अंतिम आंकड़े दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों से पोलिंग पार्टियों के लौटने पर जारी किए जाएंगे. ऐसे में मतदान प्रतिशत में एक से दो फीसदी बढ़ोतरी होने का अनुमान है. यह मतदान प्रतिशत हिमाचल में हुए पिछले 5 चुनावों में हुए मतदान का सबसे कम वोटिंग प्रतिशत है. अब 24 महिलाओं सहित 412 उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में कैद हो चुका है. चुनावी परिणाम 8 दिसम्बर को घोषित किए जाएंगे. बता दें, निर्वाचन आयोग ने हिमाचल प्रदेश और गुजरात में एग्जिट पोल पर रोक लगा दी है. 48 घंटे तक ओपिनियन पोल पर भी पाबंदी लगाई गई है.
मिली जानकारी के अनुसार, सिरमौर जिला मतदान में सिरमौर ही रहा. यहां सर्वाधिक 72.35 प्रतिशत वोटिंग हुई, जबकि किन्नौर में सबसे कम मतदान हुआ है. इसके अलावा, बिलासपुर जिले में 65.72 प्रतिशत, चंबा में 63.09 प्रतिशत, हमीरपुर में 64.74 प्रतिशत, कांगड़ा में 63.95 प्रतिशत, कुल्लू जिले में 64.59 प्रतिशत, लाहौल-स्पीति में 67.50 प्रतिशत, मंडी में 65.59 प्रतिशत, शिमला में 65.66 प्रतिशत, सोलन में 68.48 प्रतिशत और ऊना में 67.67 फीसदी मतदान दर्ज हुआ है. लाहौल-स्पीति जिला के टशीगंग स्थित विश्व के सबसे ऊंचे मतदान केंद्र में सौ प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. इस मतदान केंद्र में सभी 52 मतदाताओं ने मतदान कर इतिहास रचा है.
दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों से पोलिंग पार्टियों के लौटने पर मतदान का वास्तविक व अंतिम आंकड़ा बाद में जारी किया जाएगा और निश्चित तौर पर इसमें बदलाव संभव है. पोलिंग पार्टियों के संग्रह केंद्रों पर लौटने का इंतजार किया जा रहा है.
- पिछले 5 विस चुनावों की सबसे कम वोटिंग
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 में 65.92 मतदान दर्ज हुआ है. अंतिम जारी आंकड़ों में एक या दो फीसदी बढ़ोतरी होने की संभावना है. राज्य में वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में अब तक का सर्वाधित मतदान प्रतिशत 75.57 फीसदी वोटिंग दर्ज हुई है. इसी प्रकार, वर्ष 2012 के विस चुनाव में 73.5 प्रतिशत, 2007 के विस चुनाव में 71.61, वर्ष 2003 के विस चुनाव में 74.51 प्रतिशत और साल 1998 के विस चुनाव में मतदान 71.23 प्रतिशत रहा. इस बार निर्वाचन विभाग ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रखा था लेकिन इस बार पिछले 25 सालों का सबसे कम मतदान हुआ है.
हिमाचल प्रदेश में कुल मतदाताओं की संख्या 55,92,828 है. इनमें 67,559 सेवा मतदाता और 22 प्रवासी भारतीय मतदाता तथा 5525247 आम मतदाता हैं. राज्य में पुरुषों की अपेक्षा महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है. इनमें 2854945 महिलाएं 2737845 पुरुष तथा 38 थर्ड जेंडर मतदाता हैं.
- एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल पर रोक
मतदान के तुरंत बाद अब जनता एग्जिट पोल या ओपिनियन पोल नहीं देख पाएगी. दरअसल, निर्वाचन आयोग ने अभी से हिमाचल प्रदेश और गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर एग्जिट या ओपिनियन पोल पर रोक लगा दी है. पोल पैनल की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि किसी भी प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एग्जिट पोल के अनुमानों के प्रकाशन पर 12 नवंबर से 5 दिसंबर शाम 5 बजे तक रोक रहेगी. हिमाचल प्रदेश में आगामी 48 घंटों के लिए ओपिनियन पोल भी पूरी तरह से पाबंदी रहेगी.
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निर्वाचन विभाग की अधिसूचना के अनुसार, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 (1) (बी) के तहत हिमाचल प्रदेश और गुजरात में किसी भी चुनावी मामले में जनमत सर्वेक्षण या अन्य सर्वेक्षण के परिणाम प्रतिबंधित रहेंगे. हिमाचल प्रदेश में मतदान के समापन के लिए निर्धारित 48 घंटों के दौरान ओपिनियन पोल या किसी अन्य सर्वेक्षण के परिणामों के प्रसारण या प्रकाशन पर भी पूर्णतया रोक रहेगी.