Politalks.News/UttarPradesh. उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में मुहं की खाने के बाद अब समाजवादी पार्टी की निगाहें लोकसभा चुनाव पर टिक गई है. यही कारण है कि इन दिनों पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को एकजुट करने की कोशिश में लगे हुए हैं. बुधवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सपा के प्रांतीय सम्मेलन का उद्घाटन किया. पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के साथ दलित समीकरण बनाने के लिए सम्मेलन में इनसे जुड़े हुए मुद्दों पर गहन मंथन किया गया. यह पहला मौका था जब सपा का ये सम्मलेन समाजवादी पार्टी के संयोजक मुलायम सिंह यादव और आजम खान की अनुपस्तिथि में हुआ. वहीं सपा के सम्मलेन को संबोधित करते हुए अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि, ‘सपा द्वारा समाजवादियों और बहुजनवादियों के साथ गठबंधन के नतीजे भले ही अपेक्षा के अनुरूप न रहे हों, लेकिन इससे यह जाहिर हुआ है कि भारतीय जनता पार्टी को सिर्फ सपा ही हरा सकती है.’
बुधवार को लखनऊ में समाजवादी पार्टी के 9वें राज्य सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस सम्मेलन में समाजवादी पार्टी के कड़ी दिग्गज नेता मौजूद रहे हैं. हालांकि पार्टी संयोजक मुलायम सिंह यादव की कमी सभी को खली. वहीं इस अधिवेशन की शुरुआत से पहले अखिलेश यादव ने एक बार फिर नरेश उत्तम पटेल को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष चुन लिया है. सम्मेलन को संबोधित करते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि, ‘मैं सबसे पहले आज आपके द्वारा चुने गए प्रदेश के अध्यक्ष श्री नरेश उत्तम पटेल जी को बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं. जब पिछली बार मौका मिला तो जयप्रकाश जी के नाम पर JPNIC बनाने का काम पूरा किया. आज भी लखनऊ की सबसे ऊँची बिल्डिंग और उस बिल्डिंग पर हेलीकॉप्टर उतारने का इंतज़ाम अगर किसी ने किया था तो वो सपा की सरकार ने किया.’
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सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादियों ने कोशिश की थी, ऐतिहासिक फैसला लिया था. देश के करोड़ों लोग सपना देख रहे थे कि बहुजन की ताकतें एक साथ एक मंच पर खड़ी हो जाएं, जो कभी डॉक्टर राम मनोहर लोहिया और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने देखा था. वर्ष 2019 में समाजवादियों ने त्याग करके उस सपने को साकार करने की कोशिश की थी. समाजवादी लोग जो चाहते थे कि बड़ी जीत हासिल हो लेकिन जिस तरह के लोग सत्ता में हैं उन्होंने हर चीज का दुरुपयोग किया. हम कामयाब नहीं हुए.’ 2022 विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि, ‘उसके बाद दोबारा समाजवादियों ने मिलकर वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा. जो दल उस समय भाजपा को हटाने के लिए संघर्ष कर रहे थे उन सबको साथ लेकर हम लोगों ने एक मंच पर एक गठबंधन तैयार किया. हम जीत नहीं पाए.’
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि, ‘सपा द्वारा समाजवादियों और बहुजनवादियों के साथ गठबंधन के नतीजे भले ही अपेक्षा के अनुरूप न रहे हों, लेकिन इससे यह जाहिर हुआ है कि भारतीय जनता पार्टी को सिर्फ सपा ही हरा सकती है.’ प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि, ‘आज गरीब को इलाज नहीं मिल पा रहा है जो अस्पताल बनना शुरू हुए थे उन अस्पतालों में सुविधाएं नहीं हैं, जिन मशीनों पर जांचे होती वो मशीनें नहीं हैं और जो कभी खरीदी गई थीं नेता जी और पुरानी समाजवादी सरकार में वो सब मशीनें ऑब्सलीट् हो गई हैं. जो हमें संविधान में अधिकार मिले हैं उन अधिकारों में छेड़छाड़ करके जानबूझकर सरकार हमारे बहुजन समाज को पीछे छोड़ना चाहती है. नौकरियां नहीं, रोज़गार नहीं, प्रदेश और देश को ये किस दिशा में ले जा रहे हैं?’
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इस दौरान अखिलेश यादव ने अपनी पूर्ववर्ती सरकार के दौरान किये कामों का जमकर बखान किया. अखिलेश ने कहा कि, ‘जब पिछली बार मौका मिला तो जयप्रकाश जी के नाम पर JPNIC बनाने का काम पूरा किया. आज भी लखनऊ की सबसे ऊँची बिल्डिंग और उस बिल्डिंग पर हेलीकॉप्टर उतारने का इंतज़ाम अगर किसी ने किया था तो वो सपा की सरकार ने किया. मुझे ख़ुशी है इस बात की,कि देश का “ग्रीन फील्ड, सिक्स लेन एक्सपेंडेबल टू 8 लेन” एक्सप्रेसवे नेता जी की वजह से 21 महीने में बनकर तैयार हो गया. जब उद्घाटन हुआ था तो आपको याद होगा कि देश के सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमान उसी सड़क पर उतारने का काम समाजवादियों ने किया.’