एक ही दिन में लालू को लगे दो बड़े झटके, पहले मांझी और अब समधी ने छोड़ा राजद का साथ

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले दल बदल का खेल हुआ शुरु, अब तक 6 राजद विधायक जदयू की ओट में पहुंचे तो राजद ने निकाली चंद्रिका राय की काट, वहीं सीटों के बंटवारे पर अटक रहा मांझी का पेंच

Bihar Chandrika Ray
Bihar Chandrika Ray

Politalks.News/Bihar. बिहार विधानसभा चुनाव सिर पर हैं और राजनीति में दल बदल का खेल शुरु हो गया है. तीन दिन पहले राजद ने अपने पार्टी के तीन जबकि जदयू ने एक विधायक को पार्टी से निकाला और सभी एक दूसरे के विरोधी दलों में शामिल हो गए. आज राजद को एक ही दिन में दो बड़े झटके लगे हैं. पहले हिंदूस्तान आवाम मोर्चा के प्रमुख और दलित नेता जीतनराम मांझी (Jitanram Manjhi) महागठबंधन से अलग हो गए, वहीं शाम को लालू प्रसाद यादव के समधी और तेज प्रताप यादव के ससूर चंद्रिका राय ने राजद से इस्तीफा दे जदयू में शामिल हो गए. चंद्रिका राय के साथ दो विधायकों ने भी पाला बदलते हुए जदयू की सदस्यता ग्रहण की. हालांकि दोनों झटके राजद के लिए घातक हो सकते हैं लेकिन कहीं न कहीं राजद पहले से इसके लिए तैयार भी थी.

लंबे समय से जीतनराम मांझी महागठबंधन से अपनी मांग मंगवाने का दबाव बना रहे थे लेकिन राजद ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया. पिछले कुछ महीनों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और मांझी की बढ़ती सियासी नजदीकियां इस बात को ओर काफी समय से इशारा कर रही थी कि मांझी जदयू में जा सकते हैं. हालांकि मांझी ने अभी अपना मन इस बारे में नहीं बनाया लेकिन उनका जदयू से हाथ मिलाना तय है. सीट बंटवारे को लेकर बात चल रही है और जैसे ही ये हो जाएगी, हम पार्टी एनडीए गठबंधन में शामिल हो जाएगी.

बात करें चंद्रिका राय (Chandrika Roy) की तो छपरा के परसा विधानसभा सीट से विधायक और लालू प्रसाद यादव के समधि आज दो आरजेडी विधायकों के साथ नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) में शामिल हो गए. चंद्रिका राय के साथ जदयू में शामिल होने वाले दो नेता पटना के पालीगंज विधानसभा सीट से विधायक जयवर्धन यादव और दरभंगा के केवटी से विधायक फराज फातमी हैं. दोनों राजद विधायक हैं. दो दिन ही फराज फातमी को राजद ने बाहर का रास्ता दिखाया था. अब तक राजद के चंद्रिका राय सहित 6 विधायक जदयू में शामिल हो चुके हैं.

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चंद्रिका राय का जदयू में जाना पहले से ही तय माना जा रहा था, लेकिन उनके खिलाफ पार्टी ने कोई एक्शन नहीं लिया. जबकि लालू यादव के निर्देश पर तीन विधायकों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया था. राजद नहीं चाहती कि चंद्रिका राय को पार्टी से बाहर कर उन्हें सहानुभूति बटोरने का मौका दिया जाए. इधर, चंद्रिका राय ने आखिरकार समधी लालू यादव और राजद से अपना हर रिश्ता खत्म कर दिया.

2015 में जब महागठबंधन की सरकार बनी तो चंद्रिका राय को लालू ने नीतीश कैबिनेट में मंत्री बनवाया था. साल 2017 में जब महागठबंधन टूटा, उसके बाद लालू यादव के कुनबे के साथ चंद्रिका राय के परिवार का रिश्ता जुड़ गया. चंद्रिका राय के परिवार और लालू कुनबे के बीच दूरियां उस वक्त बढ़नी शुरू हो गई, जब ऐश्वर्या और तेज प्रताप के रिश्तो में खटास आ गई. शुरू-शुरू में मामला ज्यादा नहीं बिगड़ा, लेकिन जब ऐश्वर्या ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी पर मारपीट का आरोप लगाया तो बात ज्यादा बिगड़ गई. मामला थाने और फिर कोर्ट कचहरी तक पहुंच गया.

तेज प्रताप और ऐश्वर्या का मामला पटना के फैमिली कोर्ट में चल रहा है. इधर, चंद्रिका राय ने खुलकर लालू यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. ऐश्वर्या राय के साथ लालू यादव के घर में जो सलूक हुआ, उससे चंद्रिका भड़के हुए थे. उसी वक्त सियासी संकेत आ गए थे कि अब ना तो लालू यादव से कोई रिश्ता रहेगा और ना ही उनकी पार्टी से रिश्ता रहेगा.

चंद्रिका राय की बेटी ऐश्‍वर्या राय के साथ लालू के बेटे तेज प्रताप यादव की शादी हुई है, लेकिन तेज प्रताप यादव ने तलाक का मुकदमा दायर कर रखा है. इस शादी को बचाने की तमाम कोशिशें नाकाम रहीं हैं. फिलहाल ऐश्‍वर्या अपने पिता के पास रह रहीं हैं. इस कारण दोनों परिवारों के रिश्‍ते में दरार आ चुकी है और चंद्रिका राय राजद में हाशिए पर जा चुके हैं. ऐसे में उनका पार्टी छोडना तय माना जा रहा था.

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चंद्रिका राय लंबे वक्त से पार्टी की किसी बैठक में शामिल नहीं हुए हैं. विधान सभा की बैठकों के दौरान भी वह राजद खेमे से दूर ही नजर आए हैं. यह बात बिल्कुल तय मानी जा रही थी कि वह जदयू में जाएंगे, लेकिन कोरोना संकट होने की वजह से इसमें थोड़ी देरी हुई. आखिरकार चंद्रिका की सम्मानजनक एंट्री के लिए नीतीश कुमार ने दरवाजे खोल दिए हैं. राजद विधायक महेश्वर यादव, प्रेमा चौधरी और संतोष कुशवाहा दो दिन पहले ही जदयू की सदस्यता ग्रहण कर चुके हैं.

इधर, राजद ने चंद्रिका राय की कमी पार्टी में पहले से ही भरने की तैयारी कर ली थी. इसके चलते ऐश्वर्या की बहन करिश्मा राय को पहले ही राजद में शामिल कर लिया गया है. करिश्मा चंद्रिका राय के बड़े भाई विधानचंद्र राय की बेटी है. चंद्रिका राय के साथ विधानचंद्र राय भी लालू के बेहद करीबियों में से एक रहे हैं.

जहां तक राजनीतिज्ञों का मानना है, चंद्रिका राय जदयू में भी अपनी विधानसभा सीट परसा से टिकट की मांग करेंगे. यहां उनके परिवार का सिक्का चलता है और 7 बार से ज्यादा राय परिवार यहां चुनाव जीत चुका है. ऐसे में राजद की ओर से करिश्मा को टिकट थमा दोनों परिवारों के वोट बैंक का बंटवारा किया जाएगा. अब परसा सीट पर चुनाव नहीं बल्कि अहम की लड़ाई लड़ी जाएगी. देखना रोचक रहेगा कि क्या करिश्मा अपने चाचा की धूल चटा पाती है या चंद्रिका राय के पहाड़ जैसे राजनीतिक अनुभव के सामने दबकर रह जाती है.

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