Politalks.News/Bihar. जब से बिहार में सत्ता परिवर्तन का खेल हुआ है तभी से प्रदेश की सियासत अपने चरम पर है. महागठबंधन सरकार में शामिल जदयू और राजद नेता लगता बीजेपी पर हमलावर है. इसी कड़ी में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के बयान से बवाल मचा हुआ है. ललन सिंह द्वारा पीएम मोदी पर की गई टिप्पणी को लेकर अब बीजेपी नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आने लगी है. बीजेपी के राज्यसभा सांसद एवं सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ललन सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि, ‘ललन सिंह ने अतिपिछड़ों का अपमान किया है. यह बयान पार्टी की पिछड़ा-विरोधी सामंती मानसिकता का प्रमाण है.’ पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि, ‘ललन बाबू चुनाव में आप नरेंद्र मोदी के नाम पर जीते थे. आपकी ये टिप्पणी बिहार की पिछड़ी जनता और वहां के लोगों का अपमान है.’ तो वहीं राजद नेता एवं सूबे के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने ललन सिंह के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि, ‘उन्होंने कुछ गलत तो नहीं कहा.’
दरअसल पिछले दिनों एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बीजेपी एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला. ललन सिंह ने कहा कि, ‘भारतीय जनता पार्टी का जो चरित्र है, वो चरित्र बहुत गड़बड़ है. हाथी का दू दांत होता है, एगो खानेवाला और एगो दिखानेवाला. उसका एगो दिखानेवाला दांत होता है. बताइए न…2014 के चुनाव में इस देश के आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूरे देश में घूम कर कह गए कि हम अतिपिछड़ा हैं…हम अतिपिछड़ा हैं. गुजरात में अतिपछड़ा है? गुजरात में अतिपिछड़ा होवबे ही नहीं. गुजरात में पिछड़ा वर्ग है. ये तो उस पिछड़ा वर्ग में भी नहीं थे. जब ये मुख्यमंत्री बने गुजरात के तब इन्होंने अपने समाज को पिछड़ा वर्ग में शामिल कर लिया. ये तो डुप्लिकेट हैं, ओरिजनल कहां से आ गए? अब ये डुप्लिकेट आदमी घूम-घूम के पूरे देश में कह रहे हैं कि हम अतिपिछड़ा जाति से हैं.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बड़का बहरूपिया हैं, जैसे बहरूपिया 12 दिन में 12 रूप बदलता है, ठीक वैसे ही मोदी भी अपने रूप बदलता है. पीएम नरेंद्र मोदी चाय बेचने वाले नहीं, बल्कि बड़का ढोंगी हैं… उन्हें तो चाय बनाना भी नहीं आता. ललन सिंह के इस बयान के सामने आने के बाद से देश की सियासत गरमाई हुई है.
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बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने ललन सिंह के बयान पर जोरदार पलटवार किया. सुशील कुमार मोदी ने कहा कि, ‘पिछड़े वर्ग से देश को पहली बार कोई पीएम मिला है लेकिन महागठबंधन में बैठे सामंतवादियों और जेपी-लोहिया के फर्जी चेलों को यह बर्दाश्त नहीं हो रहा है. 2014 के संसदीय चुनाव में बिहार के अतिपिछड़ों ने दिखा दिया था कि वे पीएम मोदी के साथ हैं. उस समय जदयू केवल दो सीट जीत पाया था. अगर पिछड़ों ने मजबूती से नरेंद्र मोदी का साथ नहीं दिया होता तो भाजपा यूपी, गुजरात, उत्तराखंड, त्रिपुरा, मणिपुर में दोबारा जनादेश नहीं प्राप्त करती. 18 राज्यों में भाजपा की सरकार है, जबकि जदयू केवल बिहार तक सिमटा है. पहले अतिपिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिये बिना निकाय चुनाव कराने की सरकार की जिद और अब पीएम मोदी की जाति पर जदयू अध्यक्ष की टिप्पणी से जलन-द्वेष की जो राजनीति की जा रही है, उसका परिणाम महागठबंधन को 2024 में जीरो पर आउट होना तय है.’
वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी ललन सिंह पर जमकर निशाना साधा. रविशंकर रसद ने कहा कि, ‘आज तक किसी प्रधानमंत्री के खिलाफ ऐसी ओछी (गलत) भाषा का प्रयोग कभी नहीं किया है. ललन बाबू चुनाव में आप नरेंद्र मोदी के नाम पर जीते थे. आपकी ये टिप्पणी बिहार की पिछड़ी जनता और वहां के लोगों का अपमान है.’ बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने भी ललन सिंह के बयान की निंदा की. सिन्हा ने कहा कि, ‘देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए बहुरूपिया, डुप्लीकेट जैसे शब्दों का उपयोग आपत्तिजनक है. आंत के दांत गिनने वाले क्षेत्रीय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की आतुरता तथा उनका बड़बोलापन जल्द ही जदयू का राजद में विलय कराएगा.’
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बीजेपी के पलटवार के बीच राजद नेता एवं सूबे के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. शनिवार को कटिहार में अल करीम यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में भाग लेने के लिए पहुंचे डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने ललन सिंह के बयान के समर्थन करते हुए कहा कि, ‘उन्होंने प्रधानमंत्री को लेकर जो कुछ भी कहा है, वह बिल्कुल सही कहा है.’