Politalks.News/MulayamSinghYadav. उत्तर प्रदेश के पू्र्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का बीती 10 अक्टूबर को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. मुलायम सिंह के निधन से न केवल यूपी बल्कि देशभर के सियासी जगत में शोक की लहर है. इसी बीच मुलायम सिंह के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए मध्यप्रदेश भाजपा के विधायक शिशुपाल सिंह यादव भावुक हो गए. नेता जी को श्रद्धांजलि सभा में अपने शब्द भी पूरे नहीं कर पाए और उनका गला रूंध गया और आंखों से आंसू बहने लगे. इस दौरान उनके साथ बैठे सहयोगी उन्हें संभालने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन विधायक यादव की आंखों से आंसू थमने का नाम ही नहीं ले रहे थे. बीजेपी विधायक शिशुपाल सिंह यादव ने कहा कि आज मैं जो कुछ भी हूं उसमें नेता जी का बड़ा आशीर्वाद है… ये कहते-कहते वो चुप हो गए.
आपको बता दें, मुलायम सिंह यादव की श्रद्धांजलि सभा में मुलायम सिंह यादव अमर रहें के जमकर नारे लगे. वहीं ‘नेताजी’ को श्रद्धांजलि देते हुए एमपी के बीजेपी विधायक शिशुपाल यादव ने बताया कि उनका मुलायम सिंह यादव के साथ साल 1996-97 लेकर अभी हाल के महीनों तक गहरा रिश्ता रहा. बीजेपी विधायक यादव ने नेताजी की राजनीतिक उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कहा कि नेता जी ने उनकी पीएचडी पर खर्च हुए साढ़े पांच लाख रुपए खुद दिए थे. साथ उन्होंने ये भी बताया कि मुलायम सिंह यादव के कहने पर ही उन्होंने बीजेपी ज्वाइन की थी.
गौरतलब है कि डॉक्टर शिशुपाल सिंह यादव पहले भी मध्यप्रदेश की पृथ्वीपुर विधानसभा पर सपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके थे. मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले की मंडी प्रांगण में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि देने के लिए एक सभा का आयोजन किया गया था. इस सभा में पृथ्वीपुर से विधायक डॉक्टर शिशुपाल सिंह यादव भी पहुंचे थे. विधायक यादव ने बताया कि देश के आजाद होने के बाद से मुलायम सिंह यादव ही ऐसे नेता रहे हैं जिन्होंने गरीबों और किसानों के लिए अंत समय तक काम किया.
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आपको बता दें कि एग्रीकल्चर में पीएचडी की उपाधि लेने के बाद डॉ शिशुपाल सिंह यादव ने ठेकेदारी में हाथ आजमाया और सफल भी रहे. मध्य प्रदेश के ललित पुर जिले के रहने वाले शिशुपाल यादव लंबे समय से निवाड़ी में ही अपना बसेरा बनाए हुए हैं. उन्होंने साल 2018 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी बृजेन्द्र सिंह राठौर को कड़ी टक्कर दी थी लेकिन वो ये चुनाव 7620 वोटों से हार गए. इसके बाद उन्होने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया. जिसके बाद विधायक बृजेन्द्र सिंह राठौर के निधन के बाद वो बीजेपी के टिकट पर उपचुनाव में उतरे और उन्होंने 15 हजार वोटों से इस उपचुनाव में जीत दर्ज की.