Rajasthan Politics: प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के उदयपुरवाटी दौरे से ठीक पहले पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने विवादित लाल डायरी के कुछ पन्ने जारी कर राजस्थान की सियासत को फिर से गर्मा दिया है. कथित डायरी के एक पन्ने में मुख्यमंत्री गहलोत के बेटे और आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत की नाराजगी का भी जिक्र किया गया है. डायरी के एक पन्ने में कथित रूप से धर्मेंद्र राठौड़ ने वैभव गहलोत के एक फोन का जिक्र कर रहे हैं. इसमें वैभव गहलोत ये कह रहे हैं कि पापा सरकार रिपीट नहीं कर पाएंगे ये लिखकर दे देता हूं. इसी वजह खुद पापा यानी कि अशोक गहलोत ही हैं. बताया जा रहा है कि गुढ़ा ने डायरी के चार पन्ने रिलीज किए हैं.
इस खबर के बाहर आने के बाद प्रदेश की राजनीति में बवाल मच गया है. यहां इस बात का भी जिक्र करना आवश्यक है कि एक प्रमुख मीडिया संस्थान ने प्रमुखता से इस खबर को प्रकाशित किया लेकिन कथित तौर पर राजनीतिक प्रेशर के चलते कुछ ही देर में इसे डिलीट कर दिया गया.
राजेंद्र गुढ़ा की लाल डायरी के एक पन्ने पर राठौड़ के हवाले से यह लिखा बताया गया है, ‘वैभव गहलोत का फोन आया कि पापा इसलिए वापस सरकार नहीं बना पाते हैं… हर बार… इस बार भी… मैं इसलिए लिख के दे सकता हूं. सरकार बुरी तरह हारेगी. इसका कारण वे स्वयं हैं. अधिकारियों से ऐसे घिर जाते हैं. उन्हें राजनैतिक व्यक्ति बहुत बुरा लगने लग जाता है. वैभव जी के कहने पर सवाईमाधोपुर में एक स्वीपर का भी ट्रांसफर नहीं किया. जिला के अधिकारियों में मेरा बहुत गलत मैसेज गया है. दानिश के सीएम साहब के भारी खिलाफ होते हुए भी उसके कहने पर मेरी बेईज्जती की. तब मैंने वैभव जी द्वारा भेजे व्हाट्सएप मैसेज सीएम साहब के ओएसडी शशिकांत को भेजकर कहा कि सीएम साहब को कहना वैभव जी बहुत नाराज हैं.’
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डायरी के एक पन्ने पर वैभव के हवाले से चुनाव में बुरी तरह हारने के जिक्र किया गया. इनमें उन्होंने कारण अपने मुख्यमंत्री पिता को बताया है. राजेंद्र गुढ़ा दावा करते हैं कि आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ सीएम अशोक गहलोत और उनके बेटे वैभव गहलोत के काफी करीबी हैं. वे डायरी लिखने के शौकीन हैं. वे अपनी दैनिक क्रिया डायरी में लिखते थे. डायरी में जागने, नहाने और खाने से लेकर खाने में क्या-क्या था, इसका भी जिक्र किया गया है. गुढ़ा का दावा है कि साल 2020 में जयपुर के सोमदत्त अपार्टमेंट में ईडी की रेड पड़ी. तब धर्मेंद्र राठौड़ ने सीएम गहलोत से मदद मांगी. उस वक्त गहलोत ने गुढ़ा को वहां भेजा. गुढ़ा तब ये लाल डायरी ईडी की नजरों से बचाते हुए बाहर निकालकर लाए थे. गुढ़ा ने पूरी डायरी अपने पास होने का दावा किया है और आगामी दिनों में फिर से कुछ पन्ने जारी करने की बात कही है.
डायरी में सचिन पायलट खेमें के कांग्रेस विधायक पीआर मीणा की खान चालू करवाने का भी जिक्र किया गया है. पायलट समर्थक विधायक जीआर खटाना की खान का भी एक पन्ने में जिक्र मिला है. इसमें लिखा है कि मामला निपटाने की एवज में जीआर खटाना राज्यसभा चुनाव में वोट देने को राजी हो जाएंगे. डायरी में पूर्व विधायक प्रेम सिंह बाजोर का माइनिंग ठेका मेघराज सिंह द्वारा धोखाधड़ी से लेने का आरोप है.
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इस मसले पर राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उदयपुरवाटी आ रहे हैं, इसलिए इन पन्नों को सार्वजनिक करके उनका स्वागत कर रहा हूं. गुढ़ा ने कहा कि आगामी दिनों में एक सभा को संबोधित करने चंवरा भी आएंगे, तब पन्ने के दूसरे पन्ने भी रिलीज करेंगे. गुढ़ा ने कहा कि जो लोग यह कहते है कि लाल डायरी में कुछ नहीं, वो लोग इस लाल डायरी की और इसमें लिखे शब्दों की हैडराइटिंग की जांच करवा लें. अब सारा कुछ सामने आ जाएगा. सीएम गहलोत को नसीयत देते हुए कहा कि वे यदि सही मायने में लोकप्रिय और जननायक है तो उन्हें सरदारपुरा की बजाय दूसरी सीट से चुनाव लड़ना चाहिए था.
गौरतलब है कि कांग्रेस से बर्खास्त मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा ने चलती विधानसभा में लाल डायरी का मुद्दा उठाया था. उन्होने कहा था कि सीएम के कहने पर वे खुद यह लाल डायरी आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ के घर से लाये थे. अब राजेंद्र गुड़ा शिवसेना में शामिल हो गए हैं और उदयपुरवाटी विधानसभा सीट से पार्टी उम्मीदवार हैं. गुढ़ा के साथ साथ विपक्ष और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस लाल डायरी का जिक्र करते हुए प्रदेश की कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को घेरने की कोशिश कर चुके हैं. इस बार डायरी में वैभव गहलोत का जिक्र होने से सियासत में एक नया रोचक मोड़ आने की संभावना बनती दिखाई दे रही है.