RPSC से 15 दिन पहले ही ढाका को मिल गया था पेपर- किरोड़ी मीणा ने किए कई बड़े चौंकाने वाले खुलासे

राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने एक प्रेसवार्ता के दौरान कई बड़े खुलासे करते हुए गोपनीय शाखा से लेकर आरपीएससी के चेयरमैन एवं कई बड़े अधिकारीयों पर लगाए गंभीर आरोप, वितरित होने के लिए पेपर 4 गाड़ियों से जयपुर में गए, जोधपुर में 2 बस और 3 गाड़ियों में गए, ये तीनों गाड़ियां इनोवा थी, बीकानेर में 3 गाड़ी, अजमेर में 2 गाड़ी, अलवर में 4 गाड़ी, भरतपुर में 5 गाड़ी, दौसा में 2, कोटा में 2, उदयपुर में एक बस और 5 गाड़ियों से पेपर गए

राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी मीणा ने किए कई बड़े चौंकाने वाले खुलासे
राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी मीणा ने किए कई बड़े चौंकाने वाले खुलासे

Kirodi Lal Meena on RPSC Paper Leak Case. बीते शनिवार को राजस्थान लोकसेवा आयोग की ओर से आयोजित होने वाली सैकंड ग्रेड भर्ती परीक्षा में पेपर लीक होने के मामले में दिग्गज बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने मंगलवार को जयपुर के प्रेस क्लब में एक प्रेसवार्ता के दौरान कई बड़े खुलासे करते हुए गोपनीय शाखा से लेकर आरपीएससी के चेयरमैन एवं कई बड़े अधिकारीयों पर गंभीर आरोप लगाए. किरोड़ी मीणा ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि ये पेपर 15 दिन पहले ही आरपीएससी से सुरेश ढ़ाका और उसके दोस्त उपेंद्र को मिल गया था. सांसद मीणा ने आरपीएससी चेयरमैन पर सवाल उठाते हुए कहा कि मेरे ज्ञापन देने के बाद आरपीएससी चेयरमैन का बयान आया कि गोपनीय शाखा का काम पेपर बांटने का काम नहीं है. मीणा ने सवाल किया कि अगर ऐसा है तो फिर पेपर कौन बांटता है, इस बारे में बताया जाए.

पेपर लीक मामले में राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने आगे पूरी जानकारी देते हुए ये दावा किया कि पेपर लीक मॉडरेटर के जरिए ही हुआ है और मॉडरेटर आरपीएससी की गोपनीय शाखा के अधीन ही आता है. सांसद किरोड़ी मीणा ने बताया कि मॉडरेटर, सेंटर और गोपनीय शाखा एक ही है. सेंटर से पेपर बनने के बाद बंद लिफाफे में गोपनीय शाखा के पास जाता है. मॉडरेटर भी आरपीएससी का ही होता है. वही पेपर फाइनल कर आरपीएससी चेयरमैन या गोपनीय शाखा को देता है. मॉडरेटर भी गोपनीय शाखा का ही हिस्सा है. उसके बाद ही पेपर प्रिंटिंग प्रेस के पास जाता है. सांसद मीणा ने आरोप लगाया कि मॉडरेटर ने ही पेपर लीक किया. मेरे पास उसका नाम भी आ गया है, लेकिन अभी इसलिए नहीं बताऊंगा क्योंकि जांच प्रभावित हो सकती है.

इसके साथ ही किरोड़ी मीणा ने इसका भी बड़ा खुलासा किया कि यहां से पेपर लीक होने के बाद किन किन जगहों पर गया है. सांसद मीणा ने बताया कि ये पेपर वितरित होने के लिए 4 गाड़ियों से जयपुर में गए. इसके अलावा जोधपुर में 2 बस और 3 गाड़ियों में गए, ये तीनों गाड़ियां इनोवा थी. इसके अलावा बीकानेर में 3 गाड़ी, अजमेर में 2 गाड़ी, अलवर में 4 गाड़ी, भरतपुर में 5 गाड़ी, दौसा में 2, कोटा में 2, उदयपुर में एक बस और 5 गाड़ियों से पेपर गया. जिस बस से उदयपुर पेपर ले जाया गया वही बस तीन दिन तक परीक्षाओं से जुड़े छात्रों को लाने ले जाने के काम में भी लगी रही. ऐसे में सांसद किरोड़ी मीणा ने जांच एजेंसियों से इस बस की जांच की भी अपील की. मीणा ने खुलासा किया कि 3 हजार बच्चों को इन गाड़ियों से पेपर पढ़ाया गया है.

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यही नहीं आगे राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि सुरेश ढ़ाका की गैंग में पहला शख्स महेंद्र विश्नोई जो रेलवे में कार्यरत है और जो ऑनलाइन परीक्षा हैक करने का काम करता है. उसने रेलवे, जेईईएन और टैक्निकल हेल्पर, ANM, GNM की ऑनलाइन परीक्षाओं को भी हैक किया था. दूसरा शख्स कमलेश ढ़ाका है जो सुरेश ढ़ाका का छोटा भाई है. इसके अलावा सुनील सारण और देवीलाल इस गैंग में शामिल हैं. इसके अलावा बाड़मेर का रुपाराम जो विदेश में बिजनस करता है वो भी इस गैंग से जुड़ा हुआ है. नरेश बिश्नोई, सुनील भादू (LDC) जो बेरोजगारों का नेता है, सुरेश साहू भी शामिल है. जोधपुर का रहने वाला बनवारी लाल जो सुरेश ढ़ाका का मित्र है, सुनील बीकानेर जो ढ़ाका का कोचिंग पार्टनर है. ये सभी लोग इस पूरे गैंग से जुड़े हुए है पेपर लीक प्रकरण में इनकी भूमिका है.

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आपको बता दें कि बीते शनिवार को उदयपुर से सिरोही आ रही एक बस को पुलिस ने पकड़ा था. जिसमें 44 अभ्यर्थी पकड़े गए थे. उसके बाद RPSC की वरिष्ठ अध्यापक पात्रता परीक्षा के जनरल नॉलेज के पेपर को निरस्त कर दिया गया था. वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जल्द ही नए सिरे से पेपर कराने की घोषणा की थी. वहीं अब सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने इस तरीके से जयपुर की उमंग क्लासेज के मालिक सुरेश ढ़ाका के जरिए 15 दिन पहले ही पेपर लीक होने का बड़ा खुलासा किया है और इसमें आरपीएससी की मिलीभगत का आरोप लगाया है. इस खुलासे के बाद प्रदेश की सियासत में एक बार फिर उबाल आना तय है.

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