Politalks.News/AshokGehlot. मंगलवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में एक के बाद एक हो रहे पेपर लीक मामलों से निजात पाने के लिए बड़ा निर्णय लिया है. युवाओं के भविष्य को धयान में रखते हुए सीएम गहलोत ने जस्टिस व्यास समिति का गठन ही किया था. इस कमेटी ने आज मुख्यमंत्री निवास पर भर्ती परीक्षा प्रक्रियाओं में सुधारात्मक सुझाव देने के लिए बनाई गई अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने प्रस्तुत की. रिपोर्ट के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘राज्य में भर्ती परीक्षाओं के सुचारू संचालन के लिए केरल और तमिलनाडु राज्यों की भर्ती परीक्षा के मॉडल का अध्ययन कराया जाएगा.’ वहीं सीएम आवास पर आज कौशल विकास रणनीति में सुधार संबंधी बैठक का भी आयोजन किया गया.
कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘राज्य में भर्ती परीक्षाओं के सुचारू संचालन के लिए केरल और तमिलनाडु राज्यों की भर्ती परीक्षा के मॉडल का अध्ययन कराया जाएगा. इसके लिए जल्द ही एक उच्च स्तरीय टीम दोनों राज्यों में जाकर विस्तृत जानकारी प्राप्त करेगी. इसके बाद राजस्थान में भी उसी पैटर्न पर भर्ती परीक्षाएं आयोजित कराने पर विचार किया जाएगा.’ सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘राज्य सरकार युवाओं को राजकीय सेवाओं में नियुक्तियां देने के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार द्वारा भर्ती परीक्षाएं गोपनीयता के साथ आयोजित कराई जा रही हैं, फिर भी पेपर लीक की घटनाएं सामने आई हैं. ऐसी समस्याओं का शीघ्र निस्तारण होगा.’
सीएम आवास पर आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘भर्ती परीक्षा एजेंसियों को आपसी समन्वय बनाए रखने की आवश्यकता है. परीक्षा प्रक्रिया में विश्वसनीयता बनाने के लिए सभी एजेंसियों द्वारा आवश्यक कदम उठाए जाएं.’ उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा 30 जनवरी 2022 को राजस्थान उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश श्री विजय कुमार व्यास की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन गया था. इसमें सेवानिवृत्त आईपीएस एवं राजस्थान लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री एम. एल. कुमावत को सदस्य और कार्मिक विभाग के प्रमुख शासन सचिव को सदस्य सचिव नियुक्त किया गया था.
इस समिति द्वारा महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, केरल स्थित भर्ती परीक्षाओं के आयोग बोर्ड, संस्थाओं के साथ आरपीएससी, अजमेर एवं राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड, जयपुर की कार्यप्रणाली का भी अध्ययन किया गया. समिति ने अपनी रिपोर्ट में प्रश्न पत्र तैयार करने से लेकर, प्रिंटिंग, वितरण, परीक्षा केंद्र स्थापित किए जाने के लिए आधारभूत संरचना सुरक्षा एवं गोपनीयता संबंधी मापदंड, अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्रों का आवंटन, परीक्षा केंद्र अधीक्षक, परीक्षा के लिए जिला समन्वयक, सुपरवाइजर एवं वीक्षक की भूमिका एवं दायित्वों कोताही की स्थिति में अनुशासनात्मक कार्रवाई, उत्तरपुस्तिकाओं के लिए परिवहन व्यवस्था संबंधित कई सुझाव दिए.
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इस अवसर पर मुख्य सचिव उषा शर्मा, प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोड़ा एवं संयुक्त सचिव कार्मिक विभाग रामनिवास मेहता भी उपस्थित थे. वहीं मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर राजस्थान में कौशल विकास रणनीति में सुधार संबंधी बैठक का भी आयोजन किया गया. इस बैठक को संबोधित करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के युवाओं को उच्च स्तरीय कौशल प्रशिक्षण और रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध हों. इस दिशा में सकारात्मक सोच के साथ कार्य किया जा रहा है. राज्य सरकार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु पूरी प्रतिबद्धता से अहम निर्णय ले रही है.
सीएम गहलोत ने आगे कहा कि, ‘ऐसे में आर्थिक गतिविधियों को तेजी से बढ़ाने, रोजगार के अधिकाधिक अवसर सृजित करने हेतु वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार कार्य करने की आवश्यकता है. सरकार की नीतियों के केंद्र बिंदु में युवा वर्ग है. राज्य सरकार का अगला बजट युवाओं और विद्यार्थियों पर समर्पित होगा. इसमें युवा केंद्रित योजनाओं, रोजगार की उपलब्धताओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. सरकार द्वारा निजी क्षेत्रों में युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करने हेतु औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की संख्या,क्षमता में वृद्धि की गई है.