KarnatakaExitPoll2023. कर्नाटक में इस बार का विधानसभा चुनाव काफी रोमांचक रहा. सांप, नालायक, बली और बजरंग बली के बाद संप्रभुता और बाद में चुनाव आयोग के आधा दर्जन नोटिस. काफी कुछ रहा इस चुनाव में. मोदी के चेहरे पर लड़ रही बीजेपी पीएम मोदी के दौरे तक लीड में चल रही थी. इस बीच कांग्रेस के घोषणा पत्र में बजरंग दल को बैन करने की बात के बाद एक बारगी लगा कि अब चुनाव कांग्रेस के हाथों से फिसल गया है लेकिन ऐन वक्त पर कांग्रेस ने सोनिया गांधी के रूप में तुरुप का इक्का चला और मुकाबला बराबर का हो गया. चार साल बाद चुनावी दंगल में उतरी सोनिया गांधी ने कार्यकर्ताओं के कानों में ऐसा मंत्र फूंकाए जैसे संजीवनी दे दी हो. अब वोटिंग समाप्त हो चुकी है और परिणामों का इंतजार है.
इससे पहले हम आपके लिए लेकर आए हैं एग्जिट पोल के नतीजेंए जो काफी हद तक मिले जुले हैं. कुछ कांग्रेस की सरकार बता रहे हैं तो कुछ बीजेपी की तो कुछ मिली जुली सरकार. अब तक सबकी नजरें टाइम्स नाउ चाणक्य पर थी जिसने कांग्रेस की एक तरफा सरकार बनने का दावा किया है. इंडिया टूडे एक्सिस ने कांग्रेस की सीटें बहुमत से भी अधिक आने का दावा किया है.
वहीं देश के अधिकांश बड़े एग्जिट पोल्स ने कर्नाटक में किसी भी पार्टी के बहुमत को पूरी तरह से नकार दिया है. इनके अनुसार, कांग्रेस प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी जरूर बनेगी लेकिन बहुमत से कुछ सीटें दूर रह जाएगी और पिछली बार की तरह इस बार भी जेडीएस किंगमेकर बनने वाली है. वो या तो कांग्रेस या बीजेपी के साथ जाएगी. यहां पिछली बार की तरह कुमारास्वामी का मुख्यमंत्री बनना थोड़ी कठिन नजर आ रहा है. माना जा रहा है कि इस बार कांग्रेस किसी तरह के समझौते के पक्ष में नहीं है.
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देखा जाए तो इस बाद कर्नाटक में वोटिंग के सभी रिकाॅर्ड टूट गए हैं. यहां 72.63 फीसदी मतदान हुआ है है जो पिछली बार से थोड़ा सा अधिक है. 2018 में यहां 72.36 फीसदी वोट पड़े थे. 1989 से कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन का ट्रेंड रहा है. इस हिसाब से भी यहां कांग्रेस की सरकार बनते दिख रही है.
बात करें देश के तीन बड़े सर्वे पोल्स की, जिनके अनुसार, कर्नाटक इस बार भी बहुमत के आंकड़े से दूर रह गया है. जी न्यूज, टीवी9, इंडिया टीवी सीएनएक्स और रिपब्लिक पी मारक्यू की, जिन्होंने कर्नाटक में इस बार कांग्रेस को आगे तो रखा है लेकिन बहुमत से पीछे छोड़ दिया है. जी न्यूज के एग्जिट पोल सर्वे के मुताबिक कर्नाटक में कांग्रेस कोे 103-118 सीटों पर बढ़त मिलते दिख रही है, जबकि बीजेपी का 79-93 सीटों पर सिमटना तय है. जेडीएस के खाते में 25-33 सीटें आएंगी.
वहीं रिपब्लिक पोल सर्वे के अनुसार, बीजेपी को 85-100 और कांग्रेस को 94-108 सीटों के बीच हासिल होगी. जेडीएस के खाते में 24-32 सीटें आएंगी. टीवी9 पोलस्टार्ट का आंकड़ा भी कुछ इतना ही है लेकिन उन्होंने जेडीएस को 21-26 सीटों तक सीमित रखा है. एबीपी-सी वोटर्स सर्वे की स्थिति करीब करीब इस जैसी ही है. एबीपी-सी वोटर सर्वे के मुताबिक कांग्रेस बहुमत से जरा सी दूर है. यहां कांग्रेस को 100-112 और बीजेपी को 83-95 सीटें मिल रही हैं. जेडीएस के खाते में 21-29 सीटें आ रही हैं. इधर, जन की बात इकलौता सर्वे रहा जिसने बीजेपी को बहुमत या बहुमत के आसपास दिखाया है. इसके अनुसार, बीजेपी को कर्नाटक में 94-117 और कांग्रेस को 91-106 सीटें मिलेंगी, जबकि जेडीएस के खाते में 14-24 सीटें आएंगी.
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अब बात करें देश के तीन बड़े सर्वे की, जिनके मुताबिक कर्नाटक में पूर्ण बहुमत सरकार बनते दिख रही है. चाणक्य ने कर्नाटक में कांग्रेस को 120 सीटें दिलाई हैं जबकि बीजेपी के खाते में 92 सीटें आने का अनुमान जताया है. जेडीएस 12 सीटों पर सिमटते दिख रही है. अगर ऐसा होता है तो निश्चित तौर पर जेडीएस सरकार में शामिल होगी और सहयोगी पार्टी बनकर पूरे 5 साल कांग्रेस-जेडीएस की सरकार कायम रहेगी.
इसके अलावा, इंडिया टूडे एक्सिस के आंकड़े तो चौंकाने वाले हैं. इस सर्वे के मुताबिक कांग्रेस को कर्नाटक में 122-140 तक सीटें मिल रही हैं जबकि बीजेपी 62-80 के करीब सिमट रही है. जेडीएस को 20-25 सीटें मिल रही हैं. इधर, टाइम्स नाउ भी कांग्रेस को 106-120 सीटें दिला रहा है जबकि जेडीएस 25-33 सीटों पर जीत रही है. बीजेपी के खाते में 79-93 सीटें आ रही हैं. औसतन देखा जाए तो कर्नाटक विधानसभा चुनाव के पूर्व अनुमानित आंकड़े के अनुसार, प्रदेश में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने वाली है. कांग्रेस को 110, बीजेपी को 89 और जेडीएस को 22 सीटें मिल सकती हैं. अगर ऐसा होता है तो कर्नाटक में एक बार फिर सत्ता परिवर्तन का ट्रेंड बरकरार रहेगा और दक्षिण भारत में एकमात्र राज्य भी बीजेपी के हाथ से फिसलता दिख रहा है.