सिंधिया ने सरकार को लिखे पत्र, बीजेपी का दावा सरकार तक पहुंचेंगे ही नहीं ये पत्र

मध्यप्रदेश की सियासत में नई चर्चा, जनता के हित से जुड़े मुद्दों पर ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा सरकार को लिखे जा रहे पत्र सरकार तक पहुंच भी रहे हैं और क्या सरकार इनको तवज्जो भी दे रही है?

मध्यप्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) पिछले कुछ महीनों से लगातार प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों का दौरा कर जनता के हित से जुड़े मुद्दे उठा रहे हैं और साथ ही इन मुद्दों पर त्वरित कार्रवाई के लिए कमलनाथ सरकार को पत्र भी लिख रहे हैं. अभी हाल ही में सिंधिया ने बाढ़ पीड़ितों को सहायता, श्योपुर में सैनिक स्कूल और मेडिकल कॉलेज सहित ग्वालियर में मेट्रो रेल के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखा है. लेकिन क्या सिंधिया द्वारा सरकार को लिखे जा रहे ये पत्र सरकार तक पहुंच भी रहे हैं और क्या सरकार इनको तवज्जो भी दे रही है? इस पर अब सियासी चर्चा शुरू हो गई है. सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) द्वारा लिखे इन पत्रों के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने कहा है कि सिंधिया के लिखे ये पत्र मुख्यमंत्री कमलनाथ तक पहुंचेंगे ही नहीं, इन पत्रों का हश्र भी वही होगा जो पहले लिखे पत्रों का हुआ.

बता दें, पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने हाल ही में ग्वालियर दौरे के दौरान शहर में बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए लोगों की मांग पर मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिख कर कहा है कि ग्वालियर में यातायात के बढ़ते दबाव के कारण मेट्रो रेल की आवश्यकता है. मेट्रो रेल की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ग्वालियर में मेट्रो रेल कंपनी का गठन किया जाना आवश्यक है, जिससे मेट्रो रेल कंपनी द्वारा नगर में मेट्रो रेल के संचालन के लिए फिजिबिलेटी स्टडी कराई जा सके.

इससे पहले मध्यप्रदेश की जनता के लिए महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने भिंड के दौरे के दौरान भी मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर मांग की थी कि वे प्रदेश के भिंड जिले में सैनिक स्कूल एवं मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए केन्द्र सरकार से सिफारिश करें. इस संबंध में सिंधिया ने सीएम कमलनाथ को शुक्रवार को दो अलग-अलग पत्र लिखे. इन पत्रों में सिंधिया ने कहा कि मेरे हाल ही के भिंड प्रवास के दौरान कांग्रेस विधायकों, कांग्रेस संगठन के पदाधिकारियों, समाजसेवियों एवं आमजन ने इन दोनों मांगों को लेकर एक सुर में आवाज उठाई है. उन्होंने कहा कि भिंड जिले की ये दोनों मांगे आज की नहीं, बल्कि वर्षों पुरानी हैं, लेकिन आज तक पूरी नहीं हुई हैं.

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लेकिन सियासी चर्चा इस बात पर होने लगी है कि क्या सिंधिया द्वारा सरकार को लिखे जा रहे ये पत्र सरकार तक पहुंच भी रहे हैं और क्या सरकार इनको तवज्जो भी दे रही है? भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने शायराना अंदाज में चुटकी लेते हुए कहा कि ‘खत जो लिखा मैंने इंसानियत के पते पर, डाकिया ही चल बसा शहर ढूंढ़ते- ढ़ूंढ़ते’. मिश्रा ने बड़े विश्वास से कहा कि सिंधिया के लिखे ये पत्र मुख्यमंत्री कमलनाथ तक पहुंचेंगे ही नहीं, इन पत्रों का हश्र भी वही होगा जो पहले लिखे पत्रों का हुआ.

भाजपा नेता नरोत्तम मिश्रा ने महाराष्ट्र में चुनावी सभा में राहुल गांधी द्वारा दिए भाषण पर भी तंज कसा और कहा कि राहुल मध्यप्रदेश का भाषण महाराष्ट्र में पढ़ गए. सिंधिया द्वारा पत्र में उल्लेखित की गई मांगों को लेकर मिश्रा ने कहा कि महाराष्ट्र में राहुल गांधी किसानों से पूछ रहे थे कि कर्जा माफ हुआ या नहीं , युवाओं से पूछ रहे थे, रोजगार मिला या नहीं. मुझे लगता है मध्य प्रदेश का भाषण राहुल महाराष्ट्र में पढ़ गए. उन्होंने कहा कि अगर ये भाषण वाकई महाराष्ट्र के लिए था, तो मेरी (Narottam Mishra) राहुल गांधी से विनती है इस भाषण को मध्यप्रदेश में भी दोहराए, यहां किसानों का कर्जा माफ हुआ या नहीं, बर्बाद फसलों का मुआवजा मिला या नहीं.

पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने मीडिया से चर्चा के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के पत्र दिखाए, जिसमें सिंधिया ने पत्र में कमलनाथ से श्योपुर और मुरैना में किसानों का सर्वे कार्य प्रारंभ ना होने की बात लिखी है. सिंधिया ने कमलनाथ से मांग की है कि किसानों को पिछले साल रबी की फसल का बोनस दिया जाए. उन्होंने कहा कि सिंधिया ने अब तक चार पत्र लिखे है , इसके पहले दिग्विजय सिंह ने पत्र लिखे. उसके पहले भी कई नेता सरकार को पत्र लिख चुके हैं, जब कोई खता होती है तभी कोई पत्र लिखता है.

वरिष्ठ भाजपा नेता मिश्रा (Narottam Mishra) ने कमलनाथ सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि गेहूं का अब तक किसानों को बोनस नहीं मिला है. कर्जा अब तक माफ नहीं हुआ है, बारिश से बर्बाद हुई फसल का अब तक मुआवजा नही मिला, सर्वे नही किया गया. ये मुद्दे पहले ही भाजपा उठाती आई है और अब कांग्रेस के नेता पत्र लिखकर सरकार को याद दिला रहे है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों के कामों में देरी हो इसके लिए पटवारियों, तहसीलदारों और नायाब तहसीलदारों की हड़ताल करवाई गई

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मतलब साफ है कि भाजपा नेताओं की तो छोड़ो खुद कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के जनता से जुड़े मुद्दों पर सरकार को लिखे गए पत्रों को कमलनाथ सरकार तवज्जो नहीं दे रही है. ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के सरकार को लिखे पत्रों के लिए भाजपा नेता नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) की शायराना अंदाज में कही गई ये बात बिलकुल सटीक है कि ‘खत जो लिखा मैंने इंसानियत के पते पर, डाकिया ही चल बसा शहर ढूंढ़ते-ढूढ़ते’.

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