Politalks.News/Bharat. शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) का अध्यक्ष बनाने की मांग की है. रावत ने कहा है कि कांग्रेस की मजबूती के लिए ऐसा करना जरूरी है और कांग्रेस पार्टी के नेताओं को इसे स्वीकार करना चाहिए. शरद पवार को सर्वस्वीकार्य बताते हुए संजय राउत ने यह भी कहा कि शिवसेना, अकाली दल, टीएमसी जैसे दलों को यूपीए में शामिल किया जाए.
नेशनल चैनल ‘आज तक‘ के ‘सीधी बात’ कार्यक्रम में राउत ने कहा कि ऐसे कई क्षेत्रीय दल हैं जो न यूपीए में हैं और न एनडीए में, उन्हें यूपीए में लाने की कोशिश होनी चाहिए. संजय राउत ने कहा, ”पूरा देश आज हमारी ओर देख रहा है. यूपीए का पुनर्गठन होना चाहिए. एनडीए से हम बाहर निकल चुके हैं, अकाली दल एनडीए से बाहर है, ममता जी यूपीए में नहीं हैं, एनडीए में भी नहीं हैं. ऐसी बहुत सी छोटी-बड़ी रिजनल पार्टियां हैं जो न यूपीए में हैं न एनडीए में. ये पार्टियां यूपीए में क्यों नहीं हैं, ये सोचने का विषय है. हमारा ये कहना है कि कांग्रेस पार्टी को अगर मजबूत होना है तो यूपीए को मजबूत करना होगा और अगर यूपीए को मजबूत करना है तो यूपीए की लीडरशीप एक ऐसे नेता को देनी चाहिए जो ऐक्टिव भी हो और पूरे देश में उसकी एक्सेप्टेंस (स्वीकृति) हो, आज तो हम अपोजिशन में हैं.’
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न्यूज चैनल ने गुरुवार को इंटरव्यू का एक छोटा सा हिस्सा प्रसारित किया, पूरा कार्यक्रम शनिवार को प्रसारित होगा. आपको बता दें, संजय राउत पहले भी शरद पवार को यूपीए का अध्यक्ष बनाने की मांग कर चुके हैं. फिलहाल, सोनिया गांधी यूपीए की चेयरपर्सन हैं और शिवसेना इस गठबंधन का हिस्सा नहीं है, हां, महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व में कांग्रेस और एनसीपी की महाविकास अघाड़ी की सरकार जरूर है लेकिन वह गठबंधन सिर्फ सूबे तक सीमित है. इस तरह शिवसेना जो खुद भी यूपीए का हिस्सा नहीं है लेकिन उसके नेता सोनिया गांधी की जगह पवार को यूपीए चेयरपर्सन बनाने के लिए माहौल बनाने बना रहे हैं.
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यूपीए अध्यक्ष को बदले जाने की सलाह पर जब संजय राउत से पूछा गया कि किसे यह पद दिया जाए तो राउत ने शरद पवार का नाम लेते हुए कहा, ‘अभी तो मुझे शरद पवार का नाम हमेशा मेरे सामने आता है लेकिन कांग्रेस के नेताओं को एक्सेप्ट करना चाहिए. शरद पवार को यूपीए का नेतृत्व मिलने से विपक्ष निश्चित तौर पर मजबूत होगा.’ राउत से जब पूछा गया कि आपको लगता नहीं है कि राष्ट्रीय स्तर पर आज एक मजबूत विपक्ष की जरूरत है तब उन्होंने कहा, ‘देखिए महाराष्ट्र का जो प्रयोग हुआ है न, वह एक्पेरिमेंट बेहतरीन है और पूरा देश हमारी तरफ देख रहा है. हमने बार-बार ये आह्वान किया है कि यूपीए का रीस्ट्रक्चर (पुनर्गठन) होना चाहिए.’