Politalks.News/Loksabha: लोकसभा में बजट सत्र के पहले चरण के अंतिम दिन ‘जम्मू कश्मीर पुनर्गठन संसोधन विधेयक’ पक्ष और विपक्ष के बीच चली लम्बी चर्चा के बाद पास हो गया. राज्यसभा में यह बिल पहले ही पास हो चुका था. लोकसभा में बजट सत्र पर चर्चा के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर में केंद्र सरकार द्वारा किये गए काम गिनाए और विपक्ष पर निशाना साधा. उन्होंने जम्मू कश्मीर में केंद्र सरकार के काम गिनाते हुए कहा कि आपकी चार पीढ़ी ने जितना काम किया है उतना काम हमने डेढ़ साल के अंदर किया है.
लोकसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन संसोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में वर्षों तक शासन करने वाले तीन परिवार बताएं कि उन्होंने वहां के लोगों के स्वास्थ्य के लिए क्या किया? मैं सदन को गौरव के साथ बताना चाहता हूं कि 17 महीने में हमने जम्मू कश्मीर में पीएमडीपी के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय से 881 करोड़ रुपये की धनराशि भेज दी है. 75 परियोजनाएं पूरी हो गई हैं, 2022 तक 39 अन्य परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी. शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में परंपराए बदल रही है. पहले यहां सिर्फ तीन परिवारों के लोग राज करते थे, अब यहां के सामान्य लोग शासन करेंगे.
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अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर के उद्योग में सबसे बड़ी बाधा थी कि वहां कोई भी उद्योग लगाना चाहे तो उन्हें जमीन नहीं मिलती थी. 370 हटने के बाद, जमीन के कानून में हमने परिवर्तन किया और अब ऐसी स्थिति हुई है कि कश्मीर के अंदर उद्योग लग पाएंगे. केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर में किये गए कामों का जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा कि बैक टू विलेज कार्यक्रम के तहत जम्मू कश्मीर बैंक को 15,000 छोटे छोटे ऋण के मामले दिए गए हैं. मुझे बताते हुए आनंद है कि इनमें से लगभग 4600 महिला सहित 13,000 मामलों को ऋण देने का काम भी पूरा कर लिया गया है, वो अपनी छोटी छोटी इकाइयां स्थापित कर रहे हैं.
सदन में नेता प्रतिपक्ष द्वारा उठाये गए कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर अमित शाह ने जवाब देते हुए कहा कि 44,000 कश्मीरी पंडितों के परिवारों को जिनके पास राहत कार्ड है, उन्हें 13,000 रुपये प्रति महीने सरकार देती है. निशुल्क राशन देते हैं. ये हमारे समय में विस्थापित नहीं हुए. कांग्रेस इन्हें सुरक्षा नहीं दे पाई, इसलिए ये विस्थापित हुए. 3000 नौकरियां दे दी गईं हैं. 6,000 लोगों को कश्मीर घाटी में 2022 तक घर देकर हम बसा देंगे.
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अमित शाह ने इस दौरान असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा कि ओवैसी जी ने कहा कि 2जी से 4जी विदेशियों के दबाव में किया है. उनको पता नहीं है कि ये यूपीए सरकार नहीं है, जिसे वो समर्थन करते थे. ये नरेंद्र मोदी सरकार है. इसमें देश की सरकार, देश की संसद, देश के लिए फैसले करती है. औवेसी साहब अफसरों का भी हिन्दू मुस्लिम में विभाजन करते हैं. एक मुस्लिम अफसर हिन्दू जनता की सेवा नहीं कर सकता या हिन्दू अफसर मुस्लिम जनता की सेवा नहीं कर सकता क्या? अफसरों को हिन्दू मुस्लिम में बांटते हैं और खुद को सेक्युलर कहते हैं.
महबूबा मुफ्ती और अब्दुल्ला परिवार पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि पहले जम्मू कश्मीर में तीन लोग परिवार के लोग ही शासन कर रहे थे. इसलिए वो अनुच्छेद 370 के पक्ष में रहते थे. दिसंबर 2018 में जम्मू कश्मीर की निचली पंचायत के चुनाव हुए, जिसमें 74% लोगों ने मतदान किया. कश्मीर के इतिहास में इतना मतदान कभी नहीं हुआ था. वहां करीब 3650 सरपंच निर्वाचित हुए, 33,000 पंच निर्वाचित हुए. अब वहां राजा-रानी के पेट से नेता नहीं बनेंगे, वोट से नेता चुने जाएंगे. क्या कश्मीरी युवा को देश की ऑल इंडिया कैडर में आने का अधिकार नहीं है? अगर स्कूल न जलाए होते तो कश्मीर के बच्चे भी आज आइएएस और आइपीएस बने होते.
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जम्मू कश्मीर को पूर्व की तरह राज्य का दर्जा दिए जाने पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह कम उपयुक्त समय पर किया जाएगा.शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख को राजनीति का हिस्सा हम न बनाएं. बहुत सारी चीजें हैं राजनीति करने के लिए. मगर ये देश का संवेदनशील हिस्सा है, उनको कई घाव लगे हैं. उनको मरहम लगाना हमारा काम है.